Games, sports and some physical activities that we do in day to day life promote emotional health and well-being. Examples of some activities are Indoor activities: Crawl under tables, Use an object to practice balance, Jumping jacks, Dancing, Yogic activities …. Outdoor activities: Climbing a ladder, Jumping, crawling, and walking from one area to another, Zig-zag running between obstacles, Jump over various objects, Walking, ...Share some games, sports and activities, which help in fitness under each column. Take a moment to Reflect and post your comment in the comment box.
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल कैसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं?
ReplyDeleteBachhon ko good touch n bad touch k bare m bata kr.aur kuch bhi galat hone p wo apne trustworthy person ko bata sakein
Deleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
Deleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में विद्यालय की अहम भूमिका होती है खासकर शिक्षकों की एक शिक्षक को स्वयं को बच्चों का संरक्षक एवं समाज में बदलाव लाने वाले प्रेरक के रूप में देखना चाहिए शिक्षकों को जात-पात ऊंच-नीच की भावना से ऊपर उठकर सभी बच्चों को अपनी संतान की तरह संरक्षण देना चाहिए बच्चों को एवं उनके अभिभावकों को हर प्रकार से जागरूक करना चाहिए उन्हें बाल अधिकारों के बारे में सुरक्षा के अधिकारों के बारे में एवं लैंगिक मित्रों के बारे में बताना चाहिए बच्चा किस वातावरण में पल रहा है और कैसे समाज से बिलॉन्ग करता है उस विषय में भी शिक्षक को जागरूक होना चाहिए
Deleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
Deleteबाल लैंगिक उत्पीड़न रोकथाम के लिए बच्चों को गुड टच एवं बैड टच बताना चाहिए इसके अलावा कक्षा में छात्रों को अलग एवं छात्राओं को अलग बैठाना चाहिए तथा उन्हें यह भी बताना चाहिए कि यदि कोई आपको बैड टच करता है तो उससे दूर रहें तथा अपने शिक्षक एवं माता-पिता को अवश्य बताएं किसी अनजान व्यक्ति के साथ स्कूल से घर एवं घर से स्कूल ना जाएं और अनजान व्यक्तियों से हमेशा सावधान रहें यह भी बताना चाहिए किसी भी प्रकार के प्रलोभन में नहीं आना चाहिए यदि कोई व्यक्ति चॉकलेट या अन्य कोई खाने की चीज दे तो उसे नहीं लेना चाहिए
Deleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं। बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर बतायें पाल्यों को इस योग्य बनायें चाहे घर हो या स्कूल अथवा कहीं अन्यत्र वह अपनी बात को परिवार ,शिक्षकों से साझा कर सकें PTA , MTA को जागरूक कर स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है
Deleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं। बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर बतायें पाल्यों को इस योग्य बनायें चाहे घर हो या स्कूल अथवा कहीं अन्यत्र वह अपनी बात को परिवार ,शिक्षकों से साझा कर सकें PTA , MTA को जागरूक कर स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है
Deleteस्कूलों एवं शिक्षकों की भूमिका -प्रकटीकरण के लिए सुरक्षित स्थान बनाना
Deleteशिक्षण और गैर -शिक्षण कर्मचारियों एवं अभिभावको को जागरूकता प्रदान करना
लिंग,बाल यौन शोषण,आत्म रक्षा पर खुली. चर्चा
पाल्यों के लैंगिक शोषण के बारे में लिखित शिकायतें प्रस्तुत करने के लिये स्कूल में शिकायत पेटिका /सुझाव पेटिका लगायी जायें
स्कूलों एवं शिक्षकों की भूमिका -प्रकटीकरण के लिए सुरक्षित स्थान बनाना
Deleteशिक्षण और गैर -शिक्षण कर्मचारियों एवं अभिभावको को जागरूकता प्रदान करना
लिंग,बाल यौन शोषण,आत्म रक्षा पर खुली. चर्चा
पाल्यों के लैंगिक शोषण के बारे में लिखित शिकायतें प्रस्तुत करने के लिये स्कूल में शिकायत पेटिका /सुझाव पेटिका लगायी जायें
स्कूलों एवं शिक्षकों की भूमिका -प्रकटीकरण के लिए सुरक्षित स्थान बनाना
Deleteशिक्षण और गैर -शिक्षण कर्मचारियों एवं अभिभावको को जागरूकता प्रदान करना
लिंग,बाल यौन शोषण,आत्म रक्षा पर खुली. चर्चा
पाल्यों के लैंगिक शोषण के बारे में लिखित शिकायतें प्रस्तुत करने के लिये स्कूल में शिकायत पेटिका /सुझाव पेटिका लगायी जायें
November 2020 at 22:11
Deleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं।
बाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में विद्यालय की अहम भूमिका होती है खासकर शिक्षकों की एक शिक्षक को स्वयं को बच्चों का संरक्षक एवं समाज में बदलाव लाने वाले प्रेरक के रूप में देखना चाहिए शिक्षकों को जात-पात ऊंच-नीच की भावना से ऊपर उठकर सभी बच्चों को अपनी संतान की तरह संरक्षण देना चाहिए बच्चों को एवं उनके अभिभावकों को हर प्रकार से जागरूक करना चाहिए उन्हें बाल अधिकारों के बारे में सुरक्षा के अधिकारों के बारे में एवं लैंगिक मित्रों के बारे में बताना चाहिए बच्चा किस वातावरण में पल रहा है और कैसे समाज से है उस विषय में भी शिक्षक को जागरूक होना चाहिए
Deleteअनजान व्यक्ति से सावधान रहना होगा और अनजान व्यक्ति के बारे में विद्यालय व घर पर जानकारी देना है।
Deleteबाल लैंगिक उत्पीड़न रोकथाम के लिए बच्चों को गुड टच एवं बैड टच बताना चाहिए इसके अलावा कक्षा में छात्रों को अलग एवं छात्राओं को अलग बैठाना चाहिए तथा उन्हें यह भी बताना चाहिए कि यदि कोई आपको बैड टच करता है तो उससे दूर रहें तथा अपने शिक्षक एवं माता-पिता को अवश्य बताएं किसी अनजान व्यक्ति के साथ स्कूल से घर एवं घर से स्कूल ना जाएं और अनजान व्यक्तियों से हमेशा सावधान रहें यह भी बताना चाहिए किसी भी प्रकार के प्रलोभन में नहीं आना चाहिए यदि कोई व्यक्ति चॉकलेट या अन्य कोई खाने की चीज दे तो उसे नहीं लेना चाहिए।
Deleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
Deleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
Deleteबाल लैंगिक उत्पीडन मामले को लेकर MTAवPTA की बैठक में भी चर्चा करनी चाहिए।
Deleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
Deleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
Deleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
Deleteबाल लैंगिक उत्पीड़न रोकथाम के लिए बच्चों को गुड टच एवं बैड टच बताना चाहिए इसके अलावा कक्षा में छात्रों को अलग एवं छात्राओं को अलग बैठाना चाहिए तथा उन्हें यह भी बताना चाहिए कि यदि कोई आपको बैड टच करता है तो उससे दूर रहें तथा अपने शिक्षक एवं माता-पिता को अवश्य बताएं किसी अनजान व्यक्ति के साथ स्कूल से घर एवं घर से स्कूल ना जाएं और अनजान व्यक्तियों से हमेशा सावधान रहें यह भी बताना चाहिए किसी भी प्रकार के प्रलोभन में नहीं आना चाहिए यदि कोई व्यक्ति चॉकलेट या अन्य कोई खाने की चीज दे तो उसे नहीं लेना चाहिए
DeleteBccho ko good touch bad touch k bare m bta kr ar kisi glt ghtna k bhanak hone pr shyogi ar vishvaspatra person ko btana
DeleteBccho ko good touch bad touch k bare m bta kr ar kisi glt ghtna k bhanak hone pr shyogi ar vishvaspatra person ko btana
DeleteBccho ko good touch bad touch k bare m bta kr ar kisi glt ghtna k bhanak hone pr shyogi ar vishvaspatra person ko btana
Deleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
Deleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में विद्यालय की अहम भूमिका होती है खासकर शिक्षकों की एक शिक्षक को स्वयं को बच्चों का संरक्षक एवं समाज में बदलाव लाने वाले प्रेरक के रूप में देखना चाहिए शिक्षकों को जात-पात ऊंच-नीच की भावना से ऊपर उठकर सभी बच्चों को अपनी संतान की तरह संरक्षण देना चाहिए बच्चों को एवं उनके अभिभावकों को हर प्रकार से जागरूक करना चाहिए उन्हें बाल अधिकारों के बारे में सुरक्षा के अधिकारों के बारे में एवं लैंगिक मित्रों के बारे में बताना चाहिए बच्चा किस वातावरण में पल रहा है और कैसे समाज से बिलॉन्ग करता है उस विषय में भी शिक्षक को जागरूक होना चाहिए
DeletePerfect for teaching children
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न रोकथाम के लिए बच्चों को गुड टच एवं बैड टच बताना चाहिए इसके अलावा कक्षा में छात्रों को अलग एवं छात्राओं को अलग बैठाना चाहिए तथा उन्हें यह भी बताना चाहिए कि यदि कोई आपको बैड टच करता है तो उससे दूर रहें तथा अपने शिक्षक एवं माता-पिता को अवश्य बताएं किसी अनजान व्यक्ति के साथ स्कूल से घर एवं घर से स्कूल ना जाएं और अनजान व्यक्तियों से हमेशा सावधान रहें यह भी बताना चाहिए किसी भी प्रकार के प्रलोभन में नहीं आना चाहिए यदि कोई व्यक्ति चॉकलेट या अन्य कोई खाने की चीज दे तो उसे नहीं लेना चाहिए
Deleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
Deleteschool plays an important role in this regards
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
Deleteविद्यालय में बाल यौन उत्पीडन की रोकथाम हेतु निम्न उपाय किए जा सकते हैं- १. सुझाव/शिकायत पेटी का होना।२. प्रकटीकरण हेतु निर्दिष्ट सुरक्षित स्थान ३. शिक्षक,/गैर शैक्षणिक कर्मचारी/अभिभावकों के बीच परस्पर संवाद ४. शिक्षकों द्वारा बच्चों की उपस्तिथि, व्यवहार में होने वाले परिवर्तनों पर पैनी नज़र ५.paksoactकी जानकारी और क्रियान्वयन ६. आत्म रक्षा हेतु जागरूक और प्रेरित करना ७. सच्ची शिकायत हेतु प्रोत्साहित करना नाम सार्वजनिक न करना८. नुक्कड़ नाटक,पोस्टर, सम्मेलन के माध्यम से बच्चों को जागरूक करना ९. चाइल्ड लाइन १०९८की जानकारी देना इत्यादि।
Deleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
Deleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में विद्यालय की अहम भूमिका होती है खासकर शिक्षकों की एक शिक्षक को स्वयं को बच्चों का संरक्षक एवं समाज में बदलाव लाने वाले प्रेरक के रूप में देखना चाहिए शिक्षकों को जात-पात ऊंच-नीच की भावना से ऊपर उठकर सभी बच्चों को अपनी संतान की तरह संरक्षण देना चाहिए बच्चों को एवं उनके अभिभावकों को हर प्रकार से जागरूक करना चाहिए उन्हें बाल अधिकारों के बारे में सुरक्षा के अधिकारों के बारे में एवं लैंगिक मित्रों के बारे में बताना चाहिए बच्चा किस वातावरण में पल रहा है और कैसे समाज से बिलॉन्ग करता है उस विषय में भी शिक्षक को जागरूक होना चाहिए
DeleteBy enlightening the young minds with the proper ways of dealing with people at large as well as while being with peers in school. Time to time sex educational guidelines would help enlightening the young minds, also make them alert with required social norms.
ReplyDeleteवैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
ReplyDeleteबिजेन्द्र सिंह चौहान शंकुल शिक्षक इ.प्र.अ.उ.प्रा.वि.न.बख्ती किशनी मैनपुरी
Deleteवैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
वैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
ReplyDeleteICT का तात्पर्य संचार सूचना प्रौद्योगिकी से है। जिसके माध्यम से शिक्षा को रोचक बनाया जाता है।
ReplyDeleteलडके और लड़कियों में हमें कोई भेद नहीं करना चाहिए। समाज , स्कूल हर जगह दोनों समानता का अधिकार होना चाहिए।
ReplyDeleteTeaching good touch and bad touch, regular counselling
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में विद्यालय की अहम भूमिका होती है खासकर शिक्षकों की एक शिक्षक को स्वयं को बच्चों का संरक्षक एवं समाज में बदलाव लाने वाले प्रेरक के रूप में देखना चाहिए शिक्षकों को जात-पात ऊंच-नीच की भावना से ऊपर उठकर सभी बच्चों को अपनी संतान की तरह संरक्षण देना चाहिए बच्चों को एवं उनके अभिभावकों को हर प्रकार से जागरूक करना चाहिए उन्हें बाल अधिकारों के बारे में सुरक्षा के अधिकारों के बारे में एवं लैंगिक मित्रों के बारे में बताना चाहिए बच्चा किस वातावरण में पल रहा है और कैसे समाज से बिलॉन्ग करता है उस विषय में भी शिक्षक को जागरूक होना चाहिए
DeleteI think both individual & group learning is beneficial. Rubric is a flexible & adaptable assessment tool., provides timely feedback. It is used to assess child's self-catering effort whereas in group leaning a compiled compared analysis can be done whera a child learns to compare/reflect & improve. Individual learning is good for English / Hindi language, group learning can do wonders in Science Maths.
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
Deleteलड़का लड़की में कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए।
ReplyDeleteStudents should be taught about good and bad touch through stories, dramas etc.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteBy sensitizing young children about safe touch and what is not. They should make the children feel safe and make them believe they are not alone and if there is something they should come forward and share the same with the people they trust.
ReplyDeleteBy sensitizing young children about safe touch and what is not. They should make the children feel safe and make them believe they are not alone and if there is something they should come forward and share the same with the people they trust.
ReplyDeleteWe should teach them about good touch and bad touch.
ReplyDeleteWe should make children aware by teaching them minority facts about whatever is being gone around us i.e. by social media, digital media, etc.
ReplyDeleteChildren should be made aware of good touch and bad touch.
ReplyDeleteMoreover they should be frank enough to inform their elders about anything wrong they observe .
विद्यार्थियों को शारीरिक बदलावों के बारे में जागरूक करते हुए, सही व गलत चीज़ों के बारे में जागरूक करें। उन्हें किसी भी गलत परिस्थिति का संदेह होने पर आवाज़ उठाने हेतु सक्षम बनाएं और उनके आत्मविश्वास में वृद्धि करें। उन पर अपना विश्वास बनाए रखें।
ReplyDeletebachho ko good and bad touch btakar or unko kuch galat hone par apni ma dadi ko btane ko khe
ReplyDeleteWe should teach children's abaut good touch an bad touch.
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
DeleteWe should teach them about good touch and bad touch
ReplyDeleteविद्यार्थियों को जागरूक करना चाहिए।
ReplyDeleteWe should aware students.
ReplyDeleteStudents life is golden life so be proud
ReplyDeleteबच्चो कि गतिविधिया उनकोmentally or physically प्रभावित करती है।
By empowering children with the awareness of good and bad touch , the right to raise their voice against injustice , harassment , abuse. by providing healthy and safe environment where child feel comfortable and can trust , communicate their feelings without any hesitation .
ReplyDeleteBachhon ko jagrup banana chahiye
Deletemake them aware about Pocso and different helpline number when they are in danger.
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं। बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर बतायें शिक्षकगण अभिभावकों को (PTA /MTA) जागरूक करें तथा पाल्यों को इस योग्य बनायें कि उनके साथ कोई अप्रिय घटना घटित न हो
Deleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं। बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर बताए।
ReplyDeleteBachho ko gud ar bad touch k bare me btaye ar unhe apne aaspas k log ko smjhne k bare me btsye
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पिड़न को कम करने के लिए हमे बच्चो मे समानता लाना होगा
ReplyDeleteHum bachho ko good touch or bad touch ke baare mein bata sakte hai taaki wo aisi paristhitiyo mein savdhaan reh sake unhe bal adhikaro ke baare mein jaankari de sakte hai taaki unka sphysically or mentally shoshan na ho sake
ReplyDeleteMake the elimination of sexual harassment a top priority in schools and empower teachers to take a stand ,talk to the children about the problem.
ReplyDeleteStudent must be taught the different between friendly teasing and bullying between flirting and harassment.
Time to time there should be sessions where children are taught about the good touch and bad touch and how to deal with such situation.
धीरज कुमार सिलौटा
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न रोकथाम में विद्यालय और शिक्षक/शिक्षिका की भूमिका अति महत्वपूर्ण है।
एक शिक्षिका को वर्ग 1 और 2 से सभी बच्चो को good touch और bad touch के बारे में बताना चाहिए।
शरीर का कौन कौन अंग प्राइवेट है की जानकारी देनी चाहिए।
अनजान लोगों से दूरी रखना चाहिए और सतर्कता की बात बतानी चाहिए।
विद्यालय प्रमुख को विद्यालय की दीवार पर 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर लिखवाना चाहिए।
पॉक्सो एक्ट की जानकारी भी बच्चो और अभिभावकों को होनी चाहिए।
विद्यालय में साप्ताहिक कार्यक्रम होने चाहिए जिसमे बाल लैंगिक उत्पीड़न पर चर्चा होनी चाहिए।
विद्यालय में सुरक्षा के साथ मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण और विषम परिस्थितियो में कैसे उत्पीड़न से बचना है कि जानकारी दे।
धन्यवाद
शिक्षकों द्वारा बच्चों को Good touchऔर bad touch के बारे में जानकारी देनी चाहिए
ReplyDeleteविद्यालय स्तर से ही बच्चों को लिंग और जेंडर के बारे मे अवगत करवा कर ।
ReplyDeleteBy empowering the children with the awareness of good and bad touch. The children should be taught to raise their voice against harassment , injustice and abuse . By providing them safe and healthy environment , where the child can express their feelings without any hesitation.
ReplyDeleteMental and physical capacity of all learners are not same.We should behave like a facilstor.Old coins and building s are source to learn about history.In old time how people learnt to do impossible work.Postal stamps of MK Gandhi are source of knowledge of freedom fighters of India.Old books are rich source to our history.
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न रोकथाम के लिए बच्चों को गुड टच एवं बैड टच बताना चाहिए इसके अलावा कक्षा में छात्रों को अलग एवं छात्राओं को अलग बैठाना चाहिए तथा उन्हें यह भी बताना चाहिए कि यदि कोई आपको बैड टच करता है तो उससे दूर रहें तथा अपने शिक्षक एवं माता-पिता को अवश्य बताएं किसी अनजान व्यक्ति के साथ स्कूल से घर एवं घर से स्कूल ना जाएं और अनजान व्यक्तियों से हमेशा सावधान रहें यह भी बताना चाहिए किसी भी प्रकार के प्रलोभन में नहीं आना चाहिए यदि कोई व्यक्ति चॉकलेट या अन्य कोई खाने की चीज दे तो उसे नहीं लेना चाहिए
Deleteउत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है वह बच्चों में जागरूकता का अभियान चलाएं उन पाठ्यक्रमों के माध्यम से जो कि बच्चों में यह विकसित करता है कि क्या अच्छा है क्या बुरा है इन सब आम बातों को गहनता से आत्मसात करा दें तो यह बच्चे समझ जाएंगे और ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है ।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
Deleteराजेश कुमार kv nhpc सिंगताम
ReplyDeleteविद्यार्थियों को शारीरिक बदलावों के बारे में जागरूक करते हुए, सही व गलत चीज़ों के बारे में जागरूक करें। उन्हें किसी भी गलत परिस्थिति का संदेह होने पर आवाज़ उठाने हेतु सक्षम बनाएं और उनके आत्मविश्वास में वृद्धि करें। उन पर अपना विश्वास बनाए रखें। बच्चे माता पिता के डर से बातें नहीं बताते अतः अभिभावकों को भी समझना चाहिए और बच्चों को नही डांटना चाहिए । किसी दूसरे बच्चे की गलती होने पर भी अपने बच्चे को ही डांटना बहुत बड़ा कारण है ।
बाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने के लिए विद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है बच्चों को लैंगिक शिक्षा के बारे में जागरूक करें तथा उन्हें अपना दोस्त समझकर उनसे मन की बात कहने के लिए उन को प्रेरित करें ताकि जो भी घटना होती है या उनको लगता होने वाली है तो अपने अध्यापक से वो शेयर कर सके लैंगिकभेदभाव नहीं होना चाहिए सभी बच्चे चाहे लड़की और लड़के हो मिलकर खेले एक साथ बैठे उन में लैंगिक भेदभाव ना हो बच्चों को अच्छे और बुरे का ज्ञान देना बहुत जरूरी है
ReplyDeleteविद्यार्थियों को शारीरिक बदलावों के बारे में जागरूक करते हुए, सही व गलत चीज़ों के बारे में जागरूक करें। उन्हें किसी भी गलत परिस्थिति का संदेह होने पर आवाज़ उठाने हेतु सक्षम बनाएं और उनके आत्मविश्वास में वृद्धि करें। उन पर अपना विश्वास बनाए रखें।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteइससे संबंधित सतर्कता के बारे में शिक्षा देनी चाहिए।
ReplyDeleteबच्चों को बाल लैंगिक उत्पीड़न के बारे में समझाने और उनको समय-समय पर शारीरिक परिवर्तन के बारे में बताना होगा और जागरूक करना होगा यह हमारे लोगों का कर्तव्य है
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteबाल लैगिंक अपराध को रोकने के लिए हम सभी अपने विधालयों मे बच्चों को इस सम्बन्धों मे जागरूक कर सकते है और बच्चों को गुड टच व बैड टच कि जानकारी कराकर उन्हें अपरिचित व्यक्ति यो से कैसे सम्पर्क में रहना है यह बताया जा सकता हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसी घटना होती हैं तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते है।
Deleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteहमें लड़के और लड़कियों में भेदभाव नहीं करना चाहिए । स्कूल ,समाज हर जगह दोनों में समानता का अधिकार होना चाहिए ।
ReplyDeleteवैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
ReplyDeleteबच्चों को विद्यालय में गुड touch और बैड टच की जानकारी स्कूल के माध्यम से दी जानी चाहिए ताकि बच्चे जागरूक हो सके और परिस्थिति आने पर 1098 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं विद्यालय में बच्चे अपना कई घंटे का समय लगाते हैं और शिक्षक द्वारा दी गई जानकारी को अपने जीवन में उतारने के लिए वह सतत प्रयास करते है इस जानकारी से उनके दैनिक जीवन में इस प्रकार की कठिनाई आने पर उस कठिनाई का सामना कर सकते हैं
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteलैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में विद्यालय अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। बालक एवं बालिकाओं की कभी अलग तो कभी सामूहिक सभा मे पास्को सम्बन्धी जानकारी प्रदान कराई जा सकती है।
ReplyDeleteकभी संबंधित विशेषज्ञों को बुला कर बच्चों का मार्गदर्शन कराकर आत्मबल बढ़ाया जा सकता है। सुरक्षा के साथ मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण तथा विषम परिस्थितियो मे उत्पीड़न से बचने की जानकारी दी जा सकती है। अपरिचित/ अनजान लोगों से दूर रहने और सतर्कता की बात बताने के सा चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 की जानकारी सभी बच्चों को होनी चाहिए। सतर्कता ही घटनाओं से निजात दिलाने का सर्वश्रेष्ठ यन्त्र है।
डॉ ० बी पी मिश्र
डीपीएस विंध्यनगर सिंगरौली मध्य प्रदेश
क्षितिज नीलिमा
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल की महत्वपूर्ण भूमिका है , क्योंकि विद्यार्थियों का अधिक समय स्कूल में ही बीतता है |विद्यार्थी अध्यापक को अपना आदर्श मानते हैं , अत: हमारा दायित्व यह बनता है की हम विद्यार्थी को गुड टच और बैड टच के बारे में जागरूक करें | उन्हें यह समझाए की यदि उनके साथ कुछ ऐसा होता है तो वह तुरंत बिना डरे अपने अभिभावक और अध्यापक से आकार तुरंत इस बात को बताए | बच्चे को यह भरोसा दिलाएँ की आप उस पर पूर्ण विश्वास करते है और उसकी हर बात हमारे लिए महत्वपूर्ण है , जिससे वह अपने साथ होने वाली परेशानी को आकर बता सके |इस तरीके से हम बाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने का प्रयास कर सकते हैं |
बाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteविद्यार्थियों को शारीरिक बदलावों के बारे में जागरूक करते हुए, सही व गलत चीज़ों के बारे में जागरूक करें। उन्हें किसी भी गलत परिस्थिति का संदेह होने पर आवाज़ उठाने हेतु सक्षम बनाएं और उनके आत्मविश्वास में वृद्धि करें। उन पर अपना विश्वास बनाए रखें।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को विद्यालय स्तर पर रोकने हेतु हमें उन्हें विद्यालय स्तर पर से जागरूक कराना होगा उन्हें बैड टच और गुड टच के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी उन्हें
ReplyDeleteAnil Kumar Verma
ReplyDeleteUMS HUDMUD Simaria Chatra
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल की महत्वपूर्ण भूमिका है , क्योंकि विद्यार्थियों का अधिक समय स्कूल में ही बीतता है |विद्यार्थी अध्यापक को अपना आदर्श मानते हैं , अत: हमारा दायित्व यह बनता है की हम विद्यार्थी को गुड टच और बैड टच के बारे में जागरूक करें | उन्हें यह समझाए की यदि उनके साथ कुछ ऐसा होता है तो वह तुरंत बिना डरे अपने अभिभावक और अध्यापक से आकार तुरंत इस बात को बताए | बच्चे को यह भरोसा दिलाएँ की आप उस पर पूर्ण विश्वास करते है और उसकी हर बात हमारे लिए महत्वपूर्ण है , जिससे वह अपने साथ होने वाली परेशानी को आकर बता सके |इस तरीके से हम बाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने का प्रयास कर सकते हैं |
यौन शिक्षा अनिवार्य करना, शिक्षक व छात्र के मध्य मधुर संबंध स्थापित करना लैगिंग दूरी मिटाना, जीवविज्ञान के अन्तर्गत प्रजनन अंगों के विषय में खुलकर चर्चा करना आदि
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने के लिए सबसे बच्चों को जागरूक करने की जरूरत है,तथा परिवार,स्कूल अथवा किसी भी स्थान पर मिलने वाले लोगों की स्पर्श करने की मंशा कैसी है,इसे समझना, अपने संग होने वाले किसी भी ग़लत व्यवहार को बेझिझक माता-पिता से बताना।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में विद्यालय की अहम भूमिका होती है खासकर शिक्षकों की एक शिक्षक को स्वयं को बच्चों का संरक्षक एवं समाज में बदलाव लाने वाले प्रेरक के रूप में देखना चाहिए शिक्षकों को जात-पात ऊंच-नीच की भावना से ऊपर उठकर सभी बच्चों को अपनी संतान की तरह संरक्षण देना चाहिए बच्चों को एवं उनके अभिभावकों को हर प्रकार से जागरूक करना चाहिए उन्हें बाल अधिकारों के बारे में सुरक्षा के अधिकारों के बारे में एवं लैंगिक मित्रों के बारे में बताना चाहिए बच्चा किस वातावरण में पल रहा है और कैसे समाज से बिलॉन्ग करता है उस विषय में भी शिक्षक को जागरूक होना चाहिए
ReplyDeleteबच्चो को सबसे पहले good touch and bad touch के बारे में बताएं। टीचर को बच्चो के साथ इस तरह से पेश आना चाहिए कि वो अपने मन के बातें उनसे कर सके।अगर कोई ग़लत बात होती है तो शिक्षक को उसका हल निकालना चाहिए।
ReplyDeleteबच्चों को विद्यालय में गुड touch और बैड टच की जानकारी स्कूल के माध्यम से दी जानी चाहिए ताकि बच्चे जागरूक हो सके और परिस्थिति आने पर 1098 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं विद्यालय में बच्चे अपना कई घंटे का समय लगाते हैं और शिक्षक द्वारा दी गई जानकारी को अपने जीवन में उतारने के लिए वह सतत प्रयास करते है इस जानकारी से उनके दैनिक जीवन में इस प्रकार की कठिनाई आने पर उस कठिनाई का सामना
ReplyDeleteशिक्षक बच्चों को सही स्पर्श और गलत स्पर्श के बारे में जानकारी देकर उन्हें जागरूक कर सकते हैं शिक्षक अपने बच्चों में हो रहे व्यवहार परिवर्तनों को अनदेखा न कर उन से चर्चा कर पता कर सकते हैं कि वे किसी इस तरह की मुसीबत में तो नहीं है शिक्षक बच्चों को समझा सकते हैं कि उन्हें किस तरह से और किस प्रकार के लोगों से दूर रहना चाहिए और यदि उनके साथ ऐसा कुछ होता है तो उन्हें अपने माता पिता अपने शिक्षक या जिन पर वे ज्यादा भरोसा करते हैं उन पर यह बात जाहिर करनी चाहिए ताकि वे आने वाले खतरे से बच सकें शिक्षक छात्रों में हो रहे व्यवहार परिवर्तन से भी इस चीज को पता कर सकते हैं तथा बचाव कर सकते हैं वे छात्रों को सावधान कर सकते हैं
ReplyDeleteविद्यार्थियों को शारीरिक बदलावों के बारे में जागरूक करते हुए, सही व गलत चीज़ों के बारे में बताएं । उन्हें किसी भी गलत परिस्थिति का संदेह होने पर आवाज़ उठाने हेतु सक्षम बनाएं और उनके आत्मविश्वास में वृद्धि करें। उन पर अपना विश्वास बनाए रखें। उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसी घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं |
ReplyDeleteविद्यार्थियों को शोषण के विरुद्ध जागरूक करना और उन्हें किसी भी गलत परिस्थितियों का संदेह होने पर आवाज उठाने में सक्षम और आत्म विश्वासी बनाना इसके साथ साथ उन्हें आत्मरक्षा के गुण बताना उन्हें शारीरिक परिवर्तनों के बारे में जागरूक करना।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteप्रतिदिन विद्यार्थियों की काउंसलिंग करके ही ऐसे कार्यों को रोका जा सकता है
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।बच्चों को good touch और bad touch के बारे में बताया जाय।बच्चों से मित्रवत बातें की जाय।उनकी बातें सुनी और स्वीकारी जाय।उनके हाव-भाव,बातचीत का तरीका,परीक्षा के प्रदर्शन में उतार चढ़ाव पर ध्यान दिया जायऔर अगर कहीं भी यह संकेत मिले कि वह उत्पीड़न का शिकार हो चुका है तो उससे सरलता से बातचीत कर उसकी झिझक,और डर को दूर किया जाय।उस बच्चे की मदद की जाय एवं 1098 से संपर्क कर भी सहायता ली जा सकती है।दुष्कर्मी को सजा दिलाना एवं पीड़ित बच्चे का साथ देना ही इस तरह के कुकृत्य को रोकने का एकमात्र उपाय हो सकता है।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं। बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर बताए।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteTo prevent child sexual harassment, we can make children aware of what's good and bad touch.Its good to make a separate team and set up a counselor in the school especially for such things. So it helps students to approach and make their points so that immediate action can be taken.
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने के लिए स्कूल अहम भूमिका निभा सकता है स्कूल में हम उन्हें अच्छे स्पर्श एवं बुरे स्पर्श का बोध करा सकते एवं उन्हें अन्य सहायता देकर लैंगिक उत्पीड़न से बचा सकते हैं
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने के लिए हमारे द्वारा विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक किया जा सकता है lऔर बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी देकर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना हैlयह बता सकते हैl बच्चों को किसी भी प्रकार की दिक्कत हो तो उन्हें विश्वास दिलाया जाकर उनकी मदद करेंगे l
ReplyDeleteशिक्षा उद्योग में व्याप्त इस व्यापक समस्या में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। स्कूल प्रशासक पूरे स्कूल के छात्रों को संरक्षक के बीच विभाजित कर सकते हैं। व्यवहार काउंसलर को छात्रों के छोटे समूह के बीच लगातार परामर्श सत्र आयोजित करने की अनुमति दी जानी चाहिए। फीडबैक फॉर्म, स्कूल परिसर में बाल दुर्व्यवहार को कम करने के लिए प्रत्येक छात्र व्यक्तिगत डॉसियर उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा। ट्रस्ट निर्माण अभ्यास और छात्रों को घूर्णी आधार पर नेता बनाना, स्पष्ट कटौती का निर्माण और यौन उत्पीड़न के खिलाफ सख्त नियम और उसी के निष्पादन में एक महान भूमिका निभाता है।
ReplyDeletePrevention of child abuse is the duty and responsibility of each and every citizen. But being a teacher, this responsibility doubles. To fight against child abuse, awareness program for students as well as parents must be started from school side atleast twice in a complete session. It can be done in three groups separately- primary classes, middle sections and higher and secondary sections. Well trained female teachers can take responsibility in primary section and can teach these small kids atleast about good and bad touch through videos and dramas. While big kids can be awared by well trained male and female teachers both(biology teachers can be preferd here). Session for boys and girls can be taken separately also conveniently. The most important role will be of parents also, so a parental session should be also planned by school to aware the parents to help their wards to strengthen psychologically and emotionally.
ReplyDeleteI think both individual & group learning is beneficial. Rubric is a flexible & adaptable assessment tool., provides timely feedback. It is used to assess child's self-catering effort whereas in group leaning a compiled compared analysis can be done whera a child learns to compare/reflect & improve. Individual learning is good for English / Hindi language, group learning can do wonders in Science Maths.
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteअभिभावकों को विद्यालय में बैठकें आयोजित करके बाल शोषण के बारे में जागरूक करके तथा बच्चों को अच्छे व बुरे स्पर्श की जानकारी देकर।
ReplyDeleteबच्चों में बिना भेद भाव के बच्चों के बीच लिंग एवं जेन्डर का शिक्षा प्रदान करना,अच्छे बुरे स्पर्श की जानकारी एवं अभिभावकों की बैठक नियमित करना ।U .M.S PRANPUR BERAI
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में विद्यालय की अहम भूमिका होती है खासकर शिक्षकों की एक शिक्षक को स्वयं को बच्चों का संरक्षक एवं समाज में बदलाव लाने वाले प्रेरक के रूप में देखना चाहिए शिक्षकों को जात-पात ऊंच-नीच की भावना से ऊपर उठकर सभी बच्चों को अपनी संतान की तरह संरक्षण देना चाहिए बच्चों को एवं उनके अभिभावकों को हर प्रकार से जागरूक करना चाहिए उन्हें बाल अधिकारों के बारे में सुरक्षा के अधिकारों के बारे में एवं लैंगिक मित्रों के बारे में बताना चाहिए बच्चा किस वातावरण में पल रहा है और कैसे समाज से बिलॉन्ग करता है उस विषय में भी शिक्षक को जागरूक होना चाहिए
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न रोकथाम के लिए बच्चों को गुड टच एवं बैड टच बताना चाहिए इसके अलावा कक्षा में छात्रों को अलग एवं छात्राओं को अलग बैठाना चाहिए तथा उन्हें यह भी बताना चाहिए कि यदि कोई आपको बैड टच करता है तो उससे दूर रहें तथा अपने शिक्षक एवं माता-पिता को अवश्य बताएं किसी अनजान व्यक्ति के साथ स्कूल से घर एवं घर से स्कूल ना जाएं और अनजान व्यक्तियों से हमेशा सावधान रहें यह भी बताना चाहिए किसी भी प्रकार के प्रलोभन में नहीं आना चाहिए यदि कोई व्यक्ति चॉकलेट या अन्य कोई खाने की चीज दे तो उसे नहीं लेना चाहिए
ReplyDeleteखुद को और बच्चों को सही शिक्षा देकर, उन्हें अपना बच्चा समझकर, बच्चो को इस मामले में सही जानकारी वो भी समय पर देकर हम इस पर काफी हद तक लगाम लगा सकते हैं।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteबच्चों को जागरूक कर यह कार्य किया जा सकता है। उन्हें अच्छे और बुरे स्पर्श का भेद बताया जाना आवश्यक है।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में विद्यालय की अहम भूमिका होती है खासकर शिक्षकों की एक शिक्षक को स्वयं को बच्चों का संरक्षक एवं समाज में बदलाव लाने वाले प्रेरक के रूप में देखना चाहिए शिक्षकों को जात-पात ऊंच-नीच की भावना से ऊपर उठकर सभी बच्चों को अपनी संतान की तरह संरक्षण देना चाहिए बच्चों को एवं उनके अभिभावकों को हर प्रकार से जागरूक करना चाहिए उन्हें बाल अधिकारों के बारे में सुरक्षा के अधिकारों के बारे में एवं लैंगिक मित्रों के बारे में बताना चाहिए बच्चा किस वातावरण में पल रहा है और कैसे समाज से बिलॉन्ग करता है उस विषय में भी शिक्षक को जागरूक होना चाहिए।जिससे कि शिक्षक बाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में अहम भूमिका निभा सकता है।
ReplyDeleteBAL langik sudharo me vidyalay.shikshak,samajik samitiyo,prashshan,SE Jud kar smajik jagrupta pairs ke sakte,hai.
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं।।
ReplyDeleteमनसा कुमारी राठौर शिक्षामित्र
बाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में विद्यालय की भूमिका बहुत महत्त्वपूर्ण होती है | प्राथमिक स्तर से ही विद्यार्थियों को जागरूक बनाया जा सकता है, बच्चों में उचित व अनुचित स्पर्श की समझ विकसित करनी होगी | सबसे बड़ी भूमिका शिक्षकों को निभानी होगी | शिक्षक-विद्यार्थी के मध्य ऐसा संबंध बनाना चाहिए कि विद्यार्थी निःसंकोच शिक्षक के साथ अपने विचार साझा कर सके | शिक्षक को उसकी गोपनीयता बनाए रखने के साथ-साथ उसके आत्मसम्मान की भी रक्षा करनी चाहिए | विद्यालय समय-समय पर ऐसे कार्यक्रम का आयोजन कर सकता है, इन विषयों पर बच्चों-शिक्षकों-अभिभावकों को संवाद का अवसर प्रदान करे | POCSO act और चाइल्ड लाइन 1098 से विद्यालय के समस्त कर्मचारियों व बच्चों को अवगत कराया जा सकता है | शिकायत-पेटिका, आत्मरक्षा के उपाय - जूडो, कराटे इत्यादि का प्रशिक्षण इस दिशा में सकारात्मक कदम हो सकते हैं |
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न संबंधी संकेतकों (विद्यार्थी का व्यवहार-परिवर्तन, कक्षा में अनुपस्थिति, महँगे उपहार, एकांतप्रियता आदि) पर ध्यान देकर तत्संबंधी कदम उठाए जा सकते हैं| विद्यार्थियों को अपनी बात रखने के लिए प्रोत्साहित करना तथा उसे अपने विश्वास में लेना भी महत्त्वपूर्ण कदम है | यहाँ यह ध्यातव्य है कि मर्यादा, शर्म, संकोच व झिझक के कारण बच्चा घर में इन विषयों पर किसी से खुलकर अपनी बात नहीं कह पाता, विद्यालय की परिस्थितियाँ व संबंधों में भिन्नता होती है | वो सारी सुविधा हमें विद्यालय में उपलब्ध करवानी होगी, जहाँ बच्चा स्वयं को सुरक्शित व संरक्षित महसूस कर सके |
स्कूलों एवं शिक्षकों की भूमिका -प्रकटीकरण के लिए सुरक्षित स्थान बनाना
ReplyDeleteशिक्षण और गैर -शिक्षण कर्मचारियों एवं अभिभावको को जागरूकता प्रदान करना
लिंग,बाल यौन शोषण,आत्म रक्षा पर खुली. चर्चा
पाल्यों के लैंगिक शोषण के बारे में लिखित शिकायतें प्रस्तुत करने के लिये स्कूल में शिकायत पेटिका /सुझाव पेटिका लगायी जायें
बाल उत्पीड़न के प्रति बच्चों को जागरूक करने के लिए हम विद्यालय में उन्हें विभिन्न प्रकार के अनचाहे टच के बारे में जागरूक करेंगे जिससे उन्हें यह ज्ञान हो सके कि किसी तरह से उनका कोई शोषण तो नहीं कर रहा और उन्हें अपने माता पिता से बताने के लिए भी प्रेरित करेंगे
ReplyDeleteGPS devkadhura
ReplyDeleteAnil Chandra pandey
बाल लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल अत्यंत महत्पूर्ण भूमिका निभा सकते है।
बच्चों के आत्मविश्वास में वृद्धि करना
बच्चों को अच्छे स्पर्श ओर गंदे स्पर्श की जानकारी विस्तार से देना।
विभिन्न तरीके से उनकी समझ विकसित करना।
अच्छे ओर बुरे के बीच में अंतर समझाना।
किसी के प्रलोभन में ना आने की समझ विकसित करना।
पोक्सो अधिनियम की जानकारी विद्यालयों में चिपकाना
पोक्सो अधिनियम के विषय में बच्चों ओर उनके अभिभावकों को बताना।
इस अधिनियम का प्रचा प्रसार करना।
चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर के विषय में जानकारी देना।
बच्चों को उनके अधिकारों के विषयों में बताना ।
बाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में विद्यालय की अहम भूमिका होती है खासकर शिक्षकों की एक शिक्षक को स्वयं को बच्चों का संरक्षक एवं समाज में बदलाव लाने वाले प्रेरक के रूप में देखना चाहिए शिक्षकों को जात-पात ऊंच-नीच की भावना से ऊपर उठकर सभी बच्चों को अपनी संतान की तरह संरक्षण देना चाहिए बच्चों को एवं उनके अभिभावकों को हर प्रकार से जागरूक करना चाहिए उन्हें बाल अधिकारों के बारे में सुरक्षा के अधिकारों के बारे में एवं लैंगिक मित्रों के बारे में बताना चाहिए बच्चा किस वातावरण में पल रहा है और कैसे समाज से है उस विषय में भी शिक्षक को जागरूक होना चाहिए।
ReplyDeleteBachcho ko touching ke bare me jagrook krke aur koi bhi ghatna unke sath ho to ghar walo ko batana.
ReplyDeleteVidhalay star me he bachcho ko good tuch avm bad tuch ke bare me hi Gyan karakar
ReplyDeleteविद्यालय छात्रों को लैंगिक उत्पीड़न की जानकारी देकर, उन्हें जागरूक करके लैंगिक उत्पीड़न की रोकथाम में सहायता कर सकते हैं।
ReplyDeleteशिक्षक को छात्रों को लैगिक उतपीडन के बारें में जानकारी देकर उनहे सुरक्षित रखा जा सकता है
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न रोकथाम के लिए बच्चों को गुड टच एवं बैड टच के बारे में बताना चाहिए । बच्चों को एवं उनके अभिभावकों को हर प्रकार से जागरूक करना चाहिए । किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ स्कूल से घर एवं घर से स्कूल ना जाएं और अनजान व्यक्तियों से हमेशा सावधान रहें यह भी बताना चाहिए । किसी भी प्रकार के प्रलोभन में नहीं आना चाहिए।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में विद्यालय की अहम भूमिका होती है खासकर शिक्षकों की एक शिक्षक को स्वयं को बच्चों का संरक्षक एवं समाज में बदलाव लाने वाले प्रेरक के रूप में देखना चाहिए शिक्षकों को जात-पात ऊंच-नीच की भावना से ऊपर उठकर सभी बच्चों को अपनी संतान की तरह संरक्षण देना चाहिए बच्चों को एवं उनके अभिभावकों को हर प्रकार से जागरूक करना चाहिए उन्हें बाल अधिकारों के बारे में सुरक्षा के अधिकारों के बारे में एवं लैंगिक मित्रों के बारे में बताना चाहिए बच्चा किस वातावरण में पल रहा है और कैसे समाज से बिलॉन्ग करता है उस विषय में भी शिक्षक को जागरूक होना चाहिए
ReplyDeleteBacchon ke sath mein Chhoti Chhoti activities Karke unhen Bata Kar Ke what is good touch or what is bad touch after all bacchon ko Lenge knowledge bhi bataenge aur ek acche teacher hone ke sath sath Ham unke parents ke roop mein bhi work Karenge
ReplyDeleteछोटे बच्चों के लिए महिला शिक्षिका बेहतर रहती हैं, परामर्श कार्यक्रम आयोजित किये जाने चाहिए, शिकायतों का त्वरित निवारण किया जाना चाहिये, कोई भी कर्मचारी बिना चरित्र प्रमाण पत्र और पोलिस वेरिफिकेशन के बिना पदस्थ नहीं किया जाना चाहिए। बच्चों के साथ मित्रवत व्यवहार उन्हें उनकी परेशानियों को व्यक्त करने का मौका देगा।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं। बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर बतायें शिक्षकगण अभिभावकों को (PTA /MTA) जागरूक करें
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में विद्यालय की अहम भूमिका होती है खासकर शिक्षकों की एक शिक्षक को स्वयं को बच्चों का संरक्षक एवं समाज में बदलाव लाने वाले प्रेरक के रूप में देखना चाहिए शिक्षकों को जात-पात ऊंच-नीच की भावना से ऊपर उठकर सभी बच्चों को अपनी संतान की तरह संरक्षण देना चाहिए बच्चों को एवं उनके अभिभावकों को हर प्रकार से जागरूक करना चाहिए उन्हें बाल अधिकारों के बारे में सुरक्षा के अधिकारों के बारे में एवं लैंगिक मित्रों के बारे में बताना चाहिए बच्चा किस वातावरण में पल रहा है और कैसे समाज से है उस विषय में भी शिक्षक को जागरूक होना चाहिए
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में एक शिक्षक की अहम भूमिका होती है। बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी देख कर के बाल लैंगिक उत्पीड़न के रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया जा सकता है। विद्यालय में सप्ताहिक कार्यक्रम के दौरान लैंगिक उत्पीड़न पर विस्तार से चर्चा करनी चाहिए ,इससे बच्चों पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालयों में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी कराकर उन्हें या परिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह भी बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में विद्यालय की अहम भूमिका होती है खासकर शिक्षकों की एक शिक्षक को स्वयं को बच्चों का संरक्षक एवं समाज में बदलाव लाने वाले प्रेरक के रूप में देखना चाहिए शिक्षकों को जात-पात ऊंच-नीच की भावना से ऊपर उठकर सभी बच्चों को अपनी संतान की तरह संरक्षण देना चाहिए बच्चों को एवं उनके अभिभावकों को हर प्रकार से जागरूक करना चाहिए उन्हें बाल अधिकारों के बारे में सुरक्षा के अधिकारों के बारे में एवं लैंगिक मित्रों के बारे में बताना चाहिए बच्चा किस वातावरण में पल रहा है और कैसे समाज से बिलॉन्ग करता है उस विषय में भी शिक्षक को जागरूक होना चाहिए
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteविडियो ,एनिमेशन आदि के माध्यम से मासिक/द्विमासिक रूप से काउनसेललिंग सेशन का आयोजन कर माता-पिता,शिक्षकों,पर्यवेक्षक तथा बच्चों को शिक्षित किया जा सकता है ताकि उनमे साहस और जागरूकता का विकास हो। वातावरण और व्यवहार का समय-समय पर मुवायना करना चाहिए।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में विद्यालय की अहम भूमिका होती है खासकर शिक्षकों की एक शिक्षक को स्वयं को बच्चों का संरक्षक एवं समाज में बदलाव लाने वाले प्रेरक के रूप में देखना चाहिए शिक्षकों को जात-पात ऊंच-नीच की भावना से ऊपर उठकर सभी बच्चों को अपनी संतान की तरह संरक्षण देना चाहिए बच्चों को एवं उनके अभिभावकों को हर प्रकार से जागरूक करना चाहिए उन्हें बाल अधिकारों के बारे में सुरक्षा के अधिकारों के बारे में एवं लैंगिक मित्रों के बारे में बताना चाहिए बच्चा किस वातावरण में पल रहा है और कैसे समाज से बिलॉन्ग करता है उस विषय में भी शिक्षक को जागरूक होना चाहिए
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में विद्यालय की अहम भूमिका होती है खासकर शिक्षकों की एक शिक्षक को स्वयं को बच्चों का संरक्षक एवं समाज में बदलाव लाने वाले प्रेरक के रूप में देखना चाहिए शिक्षकों को जात-पात ऊंच-नीच की भावना से ऊपर उठकर सभी बच्चों को अपनी संतान की तरह संरक्षण देना चाहिए बच्चों को एवं उनके अभिभावकों को हर प्रकार से जागरूक करना चाहिए उन्हें बाल अधिकारों के बारे में सुरक्षा के अधिकारों के बारे में एवं लैंगिक मित्रों के बारे में बताना चाहिए बच्चा किस वातावरण में पल रहा है और कैसे समाज से बिलॉन्ग करता है उस विषय में भी शिक्षक को जागरूक होना चाहिए
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं। बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर बताए।
ReplyDeleteChildren should be taught about good touch and bad touch, proper ways of dealing with people and feel free to tell elders about any misdeeds. Sex educational guidelines would help enlightening the young minds, also make them alert with required social norms.
ReplyDeleteराजेश कुमार kv nhpc सिंगताम
ReplyDeleteविद्यार्थियों को शारीरिक बदलावों के बारे में जागरूक करते हुए, सही व गलत चीज़ों के बारे में जागरूक करें। उन्हें किसी भी गलत परिस्थिति का संदेह होने पर आवाज़ उठाने हेतु सक्षम बनाएं और उनके आत्मविश्वास में वृद्धि करें। उन पर अपना विश्वास बनाए रखें। बच्चे माता पिता के डर से बातें नहीं बताते अतः अभिभावकों को भी समझना चाहिए और बच्चों को नही डांटना चाहिए । किसी दूसरे बच्चे की गलती होने पर भी अपने बच्चे को ही डांटना बहुत बड़ा कारण है ।
बाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में विद्यालय
ReplyDeleteएवम् शिक्षक,शिक्षिकाओं की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण होती है।प्राथमिक स्तर से विद्यार्थियों को जागरूक बनाया जाना चाहिए। बच्चो में उचित ,अनुचित स्पर्श की समझ विकसित करनी होगी।शिक्षक और विद्यार्थियों के बीच ऐसा संबंध बनाना चाहिए कि बच्चे निः संकोच शिक्षक के साथ अपने विचार साझा करे।शिक्षक को इसकी गोपनीयता बनाए रखने के साथ ,साथ उसके आत्मसम्मान की भी रक्षा करनी चहिए।विद्यालय में समय - समय पर ऐसे कार्यक्रम का आयोजन होना चाहिए जिसमे बच्चो,शिक्षकों, और अभिभावकों को संवाद का अवसर प्रदान हो। पॉक्सो एक्ट,चाइल्ड लाइन 1098 के बारे में विद्यालय के सभी स्टाफ ,अभिभावक, और बच्चो को इसकी जानकारी दी जानी चाहिए,एवम् पॉक्सो अधिनियम की जानकारी विद्यालय में चिपकानी भी चाहिए।चाइल्ड हेलपलाइन नंबर के बारे में भी जानकारी दी जानी चाहिए। अनजान लोगों से दूरी रखने, और सतर्कता कि बात बतानी चाहिए।विद्यालय में सुरक्षा के साथ मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण तथा विषम परिस्थिति में कैसे उत्पीड़न से बचना है ,इत्यादि की भी जानकारी दी जानी चाहिए।
बाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने मे विद्यालय की अहम भूमिका हो सकती है ।शिक्षक को दोस्ताना व्यव्रहार रखते हुए अपने बच्चों की भाँति संरक्षक बनकर बच्चों को संरक्षण देना चाहिये । बच्चों को गुड टच और बैड टच की जानकारी देना चाहिए ।बैड टच के दौरान बच्चों को जोर से चिल्लाने तथा अपने शिक्षक और अभिभावक को सारी बात बताने के लिये समय-समय पर प्रेरित करते रहना चाहिये ।अभिभावकों को बाल अधिकारों एवं लैंगिक शोषण के बारे मैं जानकारी देकर जागरुक करना चाहिए ।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैंl
ReplyDeleteREPLY
Unknown
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
Deleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
Deleteइस प्रकार के शोषण से बचाने के लिए विद्यालय में शिकायत एवम् सुझाव पेटिका होनी चाहिए। बच्चों में जागरूकता हो उन्हें गुड एवम् बैड टच, चाइल्ड हैल्प लाइन नंबर 1098की जानकारी हो उन्हें आत्मरक्षा एवम् कराटे का प्रशिक्षण दिया जाए जिससे संकट के समय बच्चे आत्मरक्षा कर सकें। स्कूल अध्यापकों को पाक्सो अधिनियम की जानकारी होनी चाहिये तथा स्कूल में होने वाली बैठकों मे भी इस अधिनियम की जानकारी अभिभावको को समय-समय पर दी जानी चाहिए।
ReplyDeleteVidyalay Mein bacchon ko उत्पीड़न udane ki jankari dekar aur Jagruk Karke language mein sahayata kar sakte hain
ReplyDeleteLALIT KUMAR TIWARI PS KABIRABAD MUHAMMADABAD GOHANA MAU (UP)
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न रोकथाम के लिए बच्चों को गुड टच एवं बैड टच बताना चाहिए इसके अलावा कक्षा में छात्रों को अलग एवं छात्राओं को अलग बैठाना चाहिए तथा उन्हें यह भी बताना चाहिए कि यदि कोई आपको बैड टच करता है तो उससे दूर रहें तथा अपने शिक्षक एवं माता-पिता को अवश्य बताएं किसी अनजान व्यक्ति के साथ स्कूल से घर एवं घर से स्कूल ना जाएं और अनजान व्यक्तियों से हमेशा सावधान रहें यह भी बताना चाहिए किसी भी प्रकार के प्रलोभन में नहीं आना चाहिए यदि कोई व्यक्ति चॉकलेट या अन्य कोई खाने की चीज दे तो उसे नहीं लेना चाहिए
बाल लैंगिक उत्पीडन रोकने के लिए सबसे पहले बच्चों को बेड टच,गुड टच के विषय में जानकारी देना जरूरी है। तथा बच्चों को विश्वास दिलाये कि उनके साथ गलत करने वाले को सज़ा ज़रूर मिलेगी। इसलिए गलत होने पर विरोध करें डरें नहीं
ReplyDeleteBaal laingik utpidan ko rokne k liye school k sabhi baccho ko good touch-bad touch k bare me samuchit jaankari dena chaahiye.
ReplyDeleteBaccho ko anajaan logo se baat chit aur milne pr rok-tham aur kisi bhi prakar k pralobhan se bachane ki salaah deni chaahiye.
बाल लैंगिक उत्पीडन को रोकने के लिए सबसे पहले बच्चों को गुड़ की और बेड टी की जानकारी देनी चाहिए।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने के लिए हम स्कूल में एक अच्छा मोबाइल बनाकर समस्त छात्रों खासकर लड़कियों को हम गुड टच बैड टच की जानकारी दे सकते हैं और अनजान व्यक्तियों के विकारों में ना आए अगर कोई अनजान व्यक्ति उनको परेशान कर रहा है यह डरा रहा है तो अपने घर पर अपने माता-पिता को स्कूल में टीचर को अवश्य बताएं
ReplyDeleteस्कूल में विभिन्न वर्गों से बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं ।एक विशेष वर्ग अपने वर्चस्व को कायम रखने के लिए दूसरे वर्ग को आगे बढ़ते नही देख सकता,तब वो उस वर्ग के बच्चों को हतोत्साहित करने को शारीरिक तथा मानसिक शोषण करता है।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में विद्यालय की अहम भूमिका होती है खासकर शिक्षकों की एक शिक्षक को स्वयं को बच्चों का संरक्षक एवं समाज में बदलाव लाने वाले प्रेरक के रूप में देखना चाहिए शिक्षकों को जात-पात ऊंच-नीच की भावना से ऊपर उठकर सभी बच्चों को अपनी संतान की तरह संरक्षण देना चाहिए बच्चों को एवं उनके अभिभावकों को हर प्रकार से जागरूक करना चाहिए उन्हें बाल अधिकारों के बारे में सुरक्षा के अधिकारों के बारे में एवं लैंगिक मित्रों के बारे में बताना चाहिए बच्चा किस वातावरण में पल रहा है और कैसे समाज से बिलॉन्ग करता है उस विषय में भी शिक्षक को जागरूक होना चाहिए
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में विद्यालय की अहम भूमिका होती है खासकर शिक्षकों की एक शिक्षक को स्वयं को बच्चों का संरक्षक एवं समाज में बदलाव लाने वाले प्रेरक के रूप में देखना चाहिए शिक्षकों को जात-पात ऊंच-नीच की भावना से ऊपर उठकर सभी बच्चों को अपनी संतान की तरह संरक्षण देना चाहिए बच्चों को एवं उनके अभिभावकों को हर प्रकार से जागरूक करना चाहिए उन्हें बाल अधिकारों के बारे में सुरक्षा के अधिकारों के बारे में एवं लैंगिक मित्रों के बारे में बताना चाहिए बच्चा किस वातावरण में पल रहा है और कैसे समाज से बिलॉन्ग करता है उस विषय में भी शिक्षक को जागरूक होना चाहिए
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में विद्यालय की अहम भूमिका होती है खासकर शिक्षकों की एक शिक्षक को स्वयं को बच्चों का संरक्षक एवं समाज में बदलाव लाने वाले प्रेरक के रूप में देखना चाहिए शिक्षकों को जात-पात ऊंच-नीच की भावना से ऊपर उठकर सभी बच्चों को अपनी संतान की तरह संरक्षण देना चाहिए बच्चों को एवं उनके अभिभावकों को हर प्रकार से जागरूक करना चाहिए उन्हें बाल अधिकारों के बारे में सुरक्षा के अधिकारों के बारे में एवं लैंगिक मित्रों के बारे में बताना चाहिए बच्चा किस वातावरण में पल रहा है और कैसे समाज से बिलॉन्ग करता है उस विषय में भी शिक्षक को जागरूक होना चाहिए।
ReplyDeleteवीनूलता(स०अ०)
प्राथमिक विद्यालय भिस्वा,
ब्लॉक ब्रह्मपुर गोरखपुर,
उत्तर प्रदेश।
हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं तथा उन्हें गुड टच बैड टच आदि के बारे में जरूरी सभी जानकारी विस्तार में देंगे ताकि बच्चे किसी के बहकावे में न आएं और अपने विश्वास पात्र व्यक्ति के साथ अपनी हर बात कह सकें ।
Deleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में विद्यालय की अहम भूमिका होती है खासकर शिक्षकों की एक शिक्षक को स्वयं को बच्चों का संरक्षक एवं समाज में बदलाव लाने वाले प्रेरक के रूप में देखना चाहिए शिक्षकों को जात-पात ऊंच-नीच की भावना से ऊपर उठकर सभी बच्चों को अपनी संतान की तरह संरक्षण देना चाहिए बच्चों को एवं उनके अभिभावकों को हर प्रकार से जागरूक करना चाहिए उन्हें बाल अधिकारों के बारे में सुरक्षा के अधिकारों के बारे में एवं लैंगिक मित्रों के बारे में बताना चाहिए बच्चा किस वातावरण में पल रहा है और कैसे समाज से है उस विषय में भी शिक्षक को जागरूक होना चाहिए
ReplyDeleteस्कूलों एवं शिक्षकों की भूमिका -प्रकटीकरण के लिए सुरक्षित स्थान बनाना
ReplyDeleteशिक्षण और गैर -शिक्षण कर्मचारियों एवं अभिभावको को जागरूकता प्रदान करना
लिंग,बाल यौन शोषण,आत्म रक्षा पर खुली. चर्चा
पाल्यों के लैंगिक शोषण के बारे में लिखित शिकायतें प्रस्तुत करने के लिये स्कूल में शिकायत पेटिका /सुझाव पेटिका लगायी जायें
उत्पीड़न की रोकथाम में स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है वह बच्चों में जागरूकता का अभियान चलाएं उन पाठ्यक्रमों के माध्यम से जो कि बच्चों में यह विकसित करता है कि क्या अच्छा है क्या बुरा है इन सब आम बातों को गहनता से आत्मसात करा दें तो यह बच्चे समझ जाएंगे और ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता
ReplyDeleteBal langigk utpidan ko rokne me vidhyalaya ki mehatvapoorna bhoomika hai. Vidhyalaya apne students ki suraksha k liye jimmevar hain. Students ko bal utpidan or us se jude kanoono ki jankari deni chahiye sath hi unme atamvishwash jagana chahiye ki yadi koi is paristithi se Gujar raha hai to uski sahayta karen
ReplyDeleteTeacher must have to make some drama or roleplay or skit by that can show the difference between good and bad touch and how to overcome from it.
ReplyDeleteTo teach them about gd touch nd bad touch.Lady teacher can help the girls.
ReplyDeleteविद्यालय में बाल यौन उत्पीडन की रोकथाम हेतु निम्न उपाय किए जा सकते हैं- १. सुझाव/शिकायत पेटी का होना।२. प्रकटीकरण हेतु निर्दिष्ट सुरक्षित स्थान ३. शिक्षक,/गैर शैक्षणिक कर्मचारी/अभिभावकों के बीच परस्पर संवाद ४. शिक्षकों द्वारा बच्चों की उपस्तिथि, व्यवहार में होने वाले परिवर्तनों पर पैनी नज़र ५.paksoactकी जानकारी और क्रियान्वयन ६. आत्म रक्षा हेतु जागरूक और प्रेरित करना ७. सच्ची शिकायत हेतु प्रोत्साहित करना नाम सार्वजनिक न करना८. नुक्कड़ नाटक,पोस्टर, सम्मेलन के माध्यम से बच्चों को जागरूक करना ९. चाइल्ड लाइन १०९८की जानकारी देना इत्यादि।
ReplyDeleteबच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी देकर उनकी सही काउंसलिंग करके, और उनमें और अभिभावकों में जागरूकता उत्पन्न करके , चाइल्ड लाइन 1098 की जानकारी देकर तथा कोई भी समस्या आने पर बच्चों को समझाया जाए कि वह डरे नहीं बल्कि चाइल्ड हेल्पलाइन का इस्तेमाल करेंl बच्चों के व्यवहार पर नजर रखकर हम जान सकते हैं और उन्हें सही समय पर होशियार कर सकते हैंl
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न रोकथाम के लिए बच्चों को गुड टच एवं बैड टच बताना चाहिए इसके अलावा कक्षा में छात्रों को अलग एवं छात्राओं को अलग बैठाना चाहिए तथा उन्हें यह भी बताना चाहिए कि यदि कोई आपको बैड टच करता है तो उससे दूर रहें तथा अपने शिक्षक एवं माता-पिता को अवश्य बताएं किसी अनजान व्यक्ति के साथ स्कूल से घर एवं घर से स्कूल ना जाएं और अनजान व्यक्तियों से हमेशा सावधान रहें यह भी बताना चाहिए किसी भी प्रकार के प्रलोभन में नहीं आना चाहिए यदि कोई व्यक्ति चॉकलेट या अन्य कोई खाने की चीज दे तो उसे नहीं लेना चाहिए
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीडन को रोकने के लिए हम विधालय में बच्चों को इस सम्बंध में जागरूक कर सकते है और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियो से कैसे सम्पर्क मे रहना है यह बता सकते है और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते है ।
ReplyDeleteइसके लिए बच्चों को जागरूक करके। उनको सम्बन्धित कानून आदि का ज्ञान कराकर। उनके अधिकार का ज्ञान कराकर ऐसे बाल शोषण को रोका जा सकता है।
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
Deleteबाल लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न को रोकने के लिए हम विद्यालय में बच्चों को इस संबंध में जागरूक कर सकते हैं और बच्चों को गुड टच बैड टच की जानकारी करा कर उन्हें अपरिचित व्यक्तियों से कैसे संपर्क में रहना है यह बता सकते हैं और यदि उनके आसपास कोई ऐसा घटना हो रही है तो बच्चों से जानकारी लेकर उनकी मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteWe can teach the students about good touch & bad touch. Teachers should aware the students sexual abuse by healthy talk.
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीड़न को रोकने में विद्यालय की अहम भूमिका होती है खासकर शिक्षकों की एक शिक्षक को स्वयं को बच्चों का संरक्षक एवं समाज में बदलाव लाने वाले प्रेरक के रूप में देखना चाहिए शिक्षकों को जात-पात ऊंच-नीच की भावना से ऊपर उठकर सभी बच्चों को अपनी संतान की तरह संरक्षण देना चाहिए बच्चों को एवं उनके अभिभावकों को हर प्रकार से जागरूक करना चाहिए उन्हें बाल अधिकारों के बारे में सुरक्षा के अधिकारों के बारे में एवं लैंगिक मित्रों के बारे में बताना चाहिए बच्चा किस वातावरण में पल रहा है और कैसे समाज से बिलॉन्ग करता है उस विषय में भी शिक्षक को जागरूक होना चाहिए
ReplyDeleteस्कूलों में बच्चे सबसे अधिक समय तक व स्वतंत्र रहते हैं और वहीं से उनमें इस बात की समझ विकसित करने पर ध्यान देना होगा
ReplyDeleteबाल लैंगिक उत्पीडन मामले को लेकर MTAवPTA की बैठक में भी चर्चा करनी चाहिए।
ReplyDelete