मॉड्यूल 16 - गतिविधि 6: अपने विचार साझा करें
सामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण स्कूल एवं उच्च शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक शिक्षा को स्ट्रीम करने से बेहतर विकल्प है। किये गये चरणों का पालन करके सहयोगी दीवार पर लगभग 50 शब्दों का एक परिच्छेद लिखकर अपने विचारों को साझा करें
चिंतन के लिए कुछ समय लें और कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें।
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सामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण स्कूल एवं उच्च शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक शिक्षा को स्ट्रीम करने से बेहतर विकल्प है।
ReplyDeleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे
Deleteमानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सन 2012 में राष्ट्रीय व्यवसायिक शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क का निर्माण किया जिससे रोजगार और राष्ट्रीय उत्पादकता को बढ़ाने में शिक्षा के व्यवसायीकरण पर जोर दिया 18 सो 54 में वुड डिस्पैच अट्ठारह सौ बयासी में हंटर आयोग 1938 में गांधीजी की बुनियादी शिक्षा को स्वीकार किया गया जिसमें व्यवसायिक शिक्षा को भी शामिल किया गया स्कूलों कालेजों को व्यवसायिक शिक्षक को मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है कौशल विकास और उद्यमिता के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय नीति 2015 में बनाई गई जिसमें 2022 तक 400 मिलियन लोगों को प्रशिक्षित करने का उद्देश्य भारत सरकार ने कौशल भारत मिशन के द्वारा रखा है व्यवसायिक मॉड्यूल बच्चों को आवश्यक पहलुओं में सहयोग करेंगे साथ ही कैरियर विकल्प के चयन में भी सामाजिक स्तर पर क्रियाशील बनाएंगे एवं व्यवसाई कौशलों का निर्माण करेंगे
Deleteमानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सन 2012 में राष्ट्रीय व्यवसायिक शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क का निर्माण किया जिससे रोजगार और राष्ट्रीय उत्पादकता को बढ़ाने में शिक्षा के व्यवसायीकरण पर जोर दिया 18 सो 54 में वुड डिस्पैच अट्ठारह सौ बयासी में हंटर आयोग 1938 में गांधीजी की बुनियादी शिक्षा को स्वीकार किया गया जिसमें व्यवसायिक शिक्षा को भी शामिल किया गया स्कूलों कालेजों को व्यवसायिक शिक्षक को मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है कौशल विकास और उद्यमिता के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय नीति 2015 में बनाई गई जिसमें 2022 तक 400 मिलियन लोगों को प्रशिक्षित करने का उद्देश्य भारत सरकार ने कौशल भारत मिशन के द्वारा रखा है व्यवसायिक मॉड्यूल बच्चों को आवश्यक पहलुओं में सहयोग करेंगे साथ ही कैरियर विकल्प के चयन में भी सामाजिक स्तर पर क्रियाशील बनाएंगे एवं व्यवसाई कौशलों का निर्माण करेंगे
Deleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे
DeleteNaa. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सन 2012 में व्यावसायिक शिक्षा को सामान्य शिक्षा में जोड़ने का फैसला किया ताकि बच्चों को शुरू से ही रोजगार के अवसर प्रदान हो जाएं और वह बच्चे कक्षा 1 से लेकर के 12वीं तक लगातार व्यावसायिक शिक्षा के बारे में अध्ययन करते रहें व्यावसायिक शिक्षा से तात्पर्य हमारा यह है कि हम छोटी-छोटी तकनीकी कौन से परिचित होकर स्वयं रोजगार के अवसर अवसर खो सके हैं जिससे आने वाले भविष्य में प्रत्येक बच्चा रोजगार की तरफ से स्वयं आत्मनिर्भर बन सकें धन्यवाद
Deleteआज के बदलते परिवेश में सरकारी रोजगार की बहुत कमी है अपना स्वयं का रोजगार होना बहुत जरूरी है इसलिए हमारी सरकार ने सामान्य शिक्षा के साथ साथ व्यवसायिक शिक्षा पर जोर दिया है ताकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद हमारे विद्यार्थी सरकारी नौकरियों पर निर्भर ना हो वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकें इसलिए व्यवसायिक शिक्षा को सामान्य शिक्षा के साथ जोड़ा जा रहा है जो बहुत जरूरी है विद्यार्थी अपनी रुचि क अनुसार व्यवसायिक विषय चुन सकते हैं और आत्मनिर्भर हो सकते हैं
Deleteसामान्य शिक्षा एवं व्यावसायिक का एकीकृत रूप शिक्षा का अनिवार्य अंग है l
Deleteआज के बदलते परिवेश में सरकारी रोजगार की बहुत कमी है अपना स्वयं का रोजगार होना बहुत जरूरी है इसलिए हमारी सरकार ने सामान्य शिक्षा के साथ साथ व्यवसायिक शिक्षा पर जोर दिया है ताकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद हमारे विद्यार्थी सरकारी नौकरियों पर निर्भर ना हो वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकें इसलिए व्यवसायिक शिक्षा को सामान्य शिक्षा के साथ जोड़ा जा रहा है जो बहुत जरूरी है विद्यार्थी अपनी रुचि क अनुसार व्यवसायिक विषय चुन सकते हैं और आत्मनिर्भर हो सकते हैं
Deleteआज के बदलते परिवेश में सरकारी रोजगार की बहुत कमी है अपना स्वयं का रोजगार होना बहुत जरूरी है इसलिए हमारी सरकार ने सामान्य शिक्षा के साथ साथ व्यवसायिक शिक्षा पर जोर दिया है ताकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद हमारे विद्यार्थी सरकारी नौकरियों पर निर्भर ना हो वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकें इसलिए व्यवसायिक शिक्षा को सामान्य शिक्षा के साथ जोड़ा जा रहा है जो बहुत जरूरी है विद्यार्थी अपनी रुचि क अनुसार व्यवसायिक विषय चुन सकते हैं और आत्मनिर्भर हो सकते हैं
Deleteसामान्य शिक्षा एवं व्यावसायिक का एकीकृत रूप शिक्षा का अनिवार्य अंग है l
Deleteमानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सन 2012 में राष्ट्रीय व्यवसायिक शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क का निर्माण किया जिससे रोजगार और राष्ट्रीय उत्पादकता को बढ़ाने में शिक्षा के व्यवसायीकरण पर जोर दिया 18 सो 54 में वुड डिस्पैच अट्ठारह सौ बयासी में हंटर आयोग 1938 में गांधीजी की बुनियादी शिक्षा को स्वीकार किया गया जिसमें व्यवसायिक शिक्षा को भी शामिल किया गया स्कूलों कालेजों को व्यवसायिक शिक्षक को मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है कौशल विकास और उद्यमिता के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय नीति 2015 में बनाई गई जिसमें 2022 तक 400 मिलियन लोगों को प्रशिक्षित करने का उद्देश्य भारत सरकार ने कौशल भारत मिशन के द्वारा रखा है व्यवसायिक मॉड्यूल बच्चों को आवश्यक पहलुओं में सहयोग करेंगे साथ ही कैरियर विकल्प के चयन में भी सामाजिक स्तर पर क्रियाशील बनाएंगे एवं व्यवसाई कौशलों का निर्माण करेंगे
Deleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे
DeleteRAJ NATH KEWAT A.T KALINGARA, BAKSHA JAUNPUR U.P
Deleteइस भौतिकवादी युग में प्रत्येक व्यक्ति को सफल बनाने के लिए आवश्यक है कि वे अपने हाथ में कुछ कौशल का गुण सीखें। अतः यह अति आवश्यक है कि विद्यार्थियों को उच्च प्राथमिक विद्यालय स्तर से ही व्यावसायिक शिक्षा का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाय जिससे कि वे व्यावसायिक कौशलों से दक्ष हो जाए और सामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा कि शिक्षा प्राप्त कर के रोजगार या स्वरोजगार प्राप्त कर सकें।
Naa. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सन 2012 में व्यावसायिक शिक्षा को सामान्य शिक्षा में जोड़ने का फैसला किया ताकि बच्चों को शुरू से ही रोजगार के अवसर प्रदान हो जाएं और वह बच्चे कक्षा 1 से लेकर के 12वीं तक लगातार व्यावसायिक शिक्षा के बारे में अध्ययन करते रहें व्यावसायिक शिक्षा से तात्पर्य हमारा यह है कि हम छोटी-छोटी तकनीकी कौन से परिचित होकर स्वयं रोजगार के अवसर अवसर खो सके हैं जिससे आने वाले भविष्य में प्रत्येक बच्चा रोजगार की तरफ से स्वयं आत्मनिर्भर बन सकें धन्यवाद
Deleteनव संसाधन विकास मंत्रालय ने सन 2012 में राष्ट्रीय व्यवसायिक शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क का निर्माण किया जिससे रोजगार और राष्ट्रीय उत्पादकता को बढ़ाने में शिक्षा के व्यवसायीकरण पर जोर दिया 18 सो 54 में वुड डिस्पैच अट्ठारह सौ बयासी में हंटर आयोग 1938 में गांधीजी की बुनियादी शिक्षा को स्वीकार किया गया जिसमें व्यवसायिक शिक्षा को भी शामिल किया गया स्कूलों कालेजों को व्यवसायिक शिक्षक को मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है कौशल विकास और उद्यमिता के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय नीति 2015 में बनाई गई जिसमें 2022 तक 400 मिलियन लोगों को प्रशिक्षित करने का उद्देश्य भारत सरकार ने कौशल भारत मिशन के द्वारा रखा है व्यवसायिक मॉड्यूल बच्चों को आवश्यक पहलुओं में सहयोग करेंगे साथ ही कैरियर विकल्प के चयन में भी सामाजिक स्तर पर क्रियाशील बनाएंगे एवं व्यवसाई कौशलों का निर्माण करेंगे
Deleteसामान्य शिक्षा एवं व्यवसाय का एकीकृत रूप शिक्षा का अनिवार्य अंग है
Deleteआज के बदलते परिवेश में सरकारी रोजगार की बहुत कमी है अपना स्वयं का रोजगार होना बहुत जरूरी है इसलिए हमारी सरकार ने सामान्य शिक्षा के साथ साथ व्यवसायिक शिक्षा पर जोर दिया है ताकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद हमारे विद्यार्थी सरकारी नौकरियों पर निर्भर ना हो वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकें इसलिए व्यवसायिक शिक्षा को सामान्य शिक्षा के साथ जोड़ा जा रहा है जो बहुत जरूरी है विद्यार्थी अपनी रुचि क अनुसार व्यवसायिक विषय चुन सकते हैं और आत्मनिर्भर हो सकते हैं
Deleteव्यवसायिक शिक्षा वेहतर विकल्प है
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण स्कूल एवं उच्च शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक शिक्षा को स्ट्रीम करने से बेहतर विकल्प है।
Deleteसामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण स्कूल एवं उच्च शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक शिक्षा को स्ट्रीम करने से बेहतर विकल्प है।
Deleteसामान्य शिक्षा केसाथ व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण करना चाहिए जिससे बच्चे आत्मा निर्भर हो सके
Deleteहर बच्चे की योग्यता के अनुसार अपने व्यवसाय को चुन सकें इसके लिए व्यावसायिक शिक्षा बहुत अच्छा सुझाव है
Deleteमानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सन 2012 में राष्ट्रीय व्यवसायिक शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क का निर्माण किया जिससे रोजगार और राष्ट्रीय उत्पादकता को बढ़ाने में शिक्षा के व्यवसायीकरण पर जोर दिया 18 सो 54 में वुड डिस्पैच अट्ठारह सौ बयासी में हंटर आयोग 1938 में गांधीजी की बुनियादी शिक्षा को स्वीकार किया गया जिसमें व्यवसायिक शिक्षा को भी शामिल किया गया स्कूलों कालेजों को व्यवसायिक शिक्षक को मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है कौशल विकास और उद्यमिता के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय नीति 2015 में बनाई गई जिसमें 2022 तक 400 मिलियन लोगों को प्रशिक्षित करने का उद्देश्य भारत सरकार ने कौशल भारत मिशन के द्वारा रखा है व्यवसायिक मॉड्यूल बच्चों को आवश्यक पहलुओं में सहयोग करेंगे साथ ही कैरियर विकल्प के चयन में भी सामाजिक स्तर पर क्रियाशील बनाएंगे एवं व्यवसाई कौशलों का निर्माण करेंगे
Deleteव्यवसायिक शिक्षा वेहतर विकल्प है
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ व्यवसायिक शिक्षा एक बेहतर विकल्प है
Deleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे
Deleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे
ReplyDeleteभाषा को एक संसाधन के रूप में प्रयोग करना चाहिए।
DeleteIntegration of vocational with general education i guess would be better as the learner gains expertise not only in his field of interest but also remains on par with others who acquire knowledge through general education, which might support the learner towards better position in society.
ReplyDeleteIntegration of vocational with general education i guess would be better as the learner gains expertise not only in his field of interest but also remains on par with others who acquire knowledge through general education, which might support the learner towards better position in society.
Deleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे
DeleteIntegration of Vocational education with General education is always a better option than introducing it in higher level i.e high school or higher secondary level as when a child grows up learning vocational skills at a tender age she/ he tends to gain more efficiency in a particular vocational skill more easily and effectively. Moreover gradually the child learns to develop interest in a feild closer to his/ her heart's desire. this in the long run helps gain expertise.
ReplyDeleteवैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
ReplyDeleteRitu
ReplyDeleteStreaming vocational education in the school and higher education system is better because vocational education along with new technologies can open the doors of new opportunities for young men and women.
Where as integration of vocational education with general education may end up in low- productive, and low- skilled workers.
व्यवसायिक शिक्षा बच्चों के लिए बहुत जरूरी है।
Deletehttps://nishtha-activities.blogspot.com/2020/11/16-6.html?m=1
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा से बच्चे ये भी सीखते हैं कि अपने व्यावसायिक जीवन की समस्याओं को कैसे हल किया जाए परन्तु यदि सामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा को जोड़ते हैं तो हमे आने वाली समस्याओं का ज्ञान पहले से होता है जिससे हमें कम समय ,और सही तरीको से समस्याओं को हल करने के विषय में जानकारी होती है।
DeleteEffective learning
ReplyDeleteThe topics should be simple and easy so that the students will take more interest in learning by doing activities . They will try to collect information about the project by the discussion with the related persons or newspaper reading or video making.
ReplyDeleteThe previous knowledge of the children are important for getting new observations. The aim of the project should increase the creativity and understanding of the students. So they will reach out to some fruitful conclusion . In this way the students will develop physical, mental and social qualities to solve their problem .
Teachers should help the students in the management of all the facilities required . They will try to arrange survey or Discussion with related persons of Community etc. Integrated Learning Experiences are the best thing to do all the activities..The technique should help the students for their all round development.
20 November 2020 at 22:07
Deleteवैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
वैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
DeleteThe topics should be simple and easy so that the students will take more interest in learning by doing activities . They will try to collect information about the project by the discussion with the related persons or newspaper reading or video making.
ReplyDeleteThe previous knowledge of the children are important for getting new observations. The aim of the project should increase the creativity and understanding of the students. So they will reach out to some fruitful conclusion . In this way the students will develop physical, mental and social qualities to solve their problem .
Teachers should help the students in the management of all the facilities required . They will try to arrange survey or Discussion with related persons of Community etc. Integrated Learning Experiences are the best thing to do all the activities..The technique should help the students for their all round development.
पर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण स्कूल एवं उच्च शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक शिक्षा को स्ट्रीम करने से बेहतर विकल्प है।
Deleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे।
ReplyDeleteThe topic should be easy and effective so that students will be more interested in doing activities
ReplyDeleteमानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे
ReplyDeleteसमान्य शिक्षा के साथ व्यवसायिक शिक्षा भी बहुत महत्वपुर्ण है
ReplyDeleteVocational education can be academically rigorous and prepare kids for college.
ReplyDeleteStudents learn skills that prepare them to work in a parti cular field after high school.
Integration of vocational education with general education is better because it improves flexibility,mobility and better chance of employment .
It is a life long learning and positive influence on chlid's education.
It provides mental and social benefits.
પર્યાવરણીય અભ્યાસ વિદ્યાર્થીઓના માનસિક, શારીરિક, સામાજિક વિકાસના સર્વાંગી વિકાસ તરફ દોરી જાય છે કોઈપણ વિષય પર વ્યૂહરચના બનાવતા પહેલા, તેઓ તે વિષય પર શોધ કરશે અને માહિતી એકત્રિત કરશે, વિષય યોગ્ય છે કે નહીં તે ધ્યાનમાં લેશે અને તે વિષયને લગતી આઇટમ્સનું સંચાલન કરશે. પછી એક વ્યૂહરચના બનાવો અને પછી તેનો અમલ
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के अलावा व्यवसायिक शिक्षा भी बच्चों को बहुत जरूरी है व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से बच्चे बड़े होकर आत्मनिर्भर बन सकते हैं अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से समाज में अपनी पहचान बना सकते हैं लोगों के लिए मिसाल कायम कर सकते हैं
ReplyDeleteजय हिन्द
ReplyDeleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे
ReplyDeleteYes, 90% of the activities can be measured using rubrics. Which will assess the child in a better way? Some activities either individual or group can be measured on the basis of observation.
ReplyDeleteIntegration of vocational education with general education is better as the learner will gain more experience and it opens the door to new opportunites for the child .
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के अलावा व्यवसायिक शिक्षा भी बच्चों को बहुत जरूरी है व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से बच्चे बड़े होकर आत्मनिर्भर बन सकते हैं अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से समाज में अपनी पहचान बना सकते हैं लोगों के लिए मिसाल कायम कर सकते
ReplyDeleteमानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे
ReplyDeleteभाषा एक संसाधन में रूप में प्रयोग की जा सकती है.
ReplyDeleteThe integration of academic and vocational education is an educational reform strategy conceptualized by vocational educators supported by the business community and articulated by policy maker in the 1990 Through this student achieve both academic and occupational competencies.It is vocational education attempt to improve the educational and employment opportunities of youth who will face new technologies and business management system that demand high level worker skills.
ReplyDeleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे
ReplyDeleteवर्तमान समय में पर्यावरण शिक्षा अत्यंत आवश्यक है साथ ही साथ रोजगार परक शिक्षा भी आवश्यक है
ReplyDeleteIntegration of vocational education with general education is better as the learner will gain more experience and it opens the door to new opportunities for the child.
ReplyDeleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे
ReplyDeleteऐसे विषय वस्तु का चुनाव किया जाएगा जिसमें कि व्यवसायिक तक स्पष्ट झलकती हो और धातु और मर्डर हुआ या प्रारूप ऐसा होगा जिसको किए जिसका बाजार में कुछ आवश्यक मिल सकता है उसको दीवार पर चित्र बनाई जाएगी और बच्चों को समझाया जाएगा फिर उसके बनने की प्रक्रिया से लेकर उसके महत्व को समझाया जाएगा उसकी बाजार में मांग को बताया जाएगा
ReplyDeleteराजेश कुमार kv nhpc सिंगताम
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ व्यवसायिक शिक्षा एक बेहतर विकल्प है ।
आज के बदलते परिवेश में सरकारी रोजगार की बहुत कमी है अपना स्वयं का रोजगार होना बहुत जरूरी है इसलिए हमारी सरकार ने सामान्य शिक्षा के साथ साथ व्यवसायिक शिक्षा पर जोर दिया है ताकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद हमारे विद्यार्थी सरकारी नौकरियों पर निर्भर ना हो वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकें इसलिए व्यवसायिक शिक्षा को सामान्य शिक्षा के साथ जोड़ा जा रहा है जो बहुत जरूरी है विद्यार्थी अपनी रुचि क अनुसार व्यवसायिक विषय चुन सकते हैं और आत्मनिर्भर हो सकते हैं
ReplyDeleteमानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे
ReplyDeleteवर्तमान परिवेश में पर्यावण के साथ रोजगार सम्बन्धी शिक्षा प्रदान करना अतिआवश्यक है।
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ व्यवसायिक शिक्षा एक बेहतर विकल्प है
ReplyDeleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे।
ReplyDeleteपूर्व व्यवसायिक शिक्षा बच्चों को आवश्यक पहलुओं मे सहयोग देगी साथ ही बेहतर कैरियर विकल्प चयन में क्रियाशील होगी।
ReplyDeleteयह बेहतरीन विकल्प है।
ReplyDeleteThe topics should be simple and easy so that the students will take more interest in learning by doing activities . They will try to collect information about the project by the discussion with the related persons or newspaper reading or video making.
ReplyDeleteThe previous knowledge of the children are important for getting new observations. The aim of the project should increase the creativity and understanding of the students. So they will reach out to some fruitful conclusion . In this way the students will develop physical, mental and social qualities to solve their problem .
Teachers should help the students in the management of all the facilities required . They will try to arrange survey or Discussion with related persons of Community etc. Integrated Learning Experiences are the best thing to do all the activities..The technique should help the students for their all round development.
LALIT KUMAR TIWARI PS KABIRABAD MUHAMMADABAD GOHANA MAU ( UP)
ReplyDeleteआज के बदलते परिवेश में सरकारी रोजगार की बहुत कमी है अपना स्वयं का रोजगार होना बहुत जरूरी है इसलिए हमारी सरकार ने सामान्य शिक्षा के साथ साथ व्यवसायिक शिक्षा पर जोर दिया है ताकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद हमारे विद्यार्थी सरकारी नौकरियों पर निर्भर ना हो वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकें इसलिए व्यवसायिक शिक्षा को सामान्य शिक्षा के साथ जोड़ा जा रहा है जो बहुत जरूरी है विद्यार्थी अपनी रुचि क अनुसार व्यवसायिक विषय चुन सकते हैं और आत्मनिर्भर हो सकते हैं
सामान्य शिक्षा के साथ-साथ व्यवसायिक शिक्षा और एकीकरण शिक्षा पर जोर देना चाहिए। इससे विद्यार्थियों को बेहतर विकल्प चुनने में सहायता हो सकती है।
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण स्कूल एवं उच्च शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक शिक्षा को स्ट्रीम करने से बेहतर विकल्प है।
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ReplyDeleteIntegration of vocational with general education i guess would be better as the learner gains expertise not only in his field of interest but also remains on par with others who acquire knowledge through general education, which might support the learner towards better position in society.
साधारण शिक्षा के साथ वृत्तिभित्तिक शिक्षा की आवश्यकता है।
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण स्कूल एवं उच्च शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक शिक्षा को स्ट्रीम करने से बेहतर विकल्प है।
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के अलावा व्यवसायिक शिक्षा भी बच्चों को बहुत जरूरी है व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से बच्चे बड़े होकर आत्मनिर्भर बन सकते हैं अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से समाज में अपनी पहचान बना सकते हैं लोगों के लिए मिसाल कायम कर सकतेआज के बदलते परिवेश में सरकारी रोजगार की बहुत कमी है अपना स्वयं का रोजगार होना बहुत जरूरी है इसलिए हमारी सरकार ने सामान्य शिक्षा के साथ साथ व्यवसायिक शिक्षा पर जोर दिया है ताकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद हमारे विद्यार्थी सरकारी नौकरियों पर निर्भर ना हो वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकें इसलिए व्यवसायिक शिक्षा को सामान्य शिक्षा के साथ जोड़ा जा रहा है जो बहुत जरूरी है विद्यार्थी अपनी रुचि क अनुसार व्यवसायिक विषय चुन सकते हैं और आत्मनिर्भर हो सकते हैं
ReplyDeleteIt is absolutely true, 90% of the activities can be measured using rubrics. Which will assess the child in a better way? Some activities either individual or group can be measured on the basis of observation.
ReplyDeleteव्यावसायिक शिक्षा से छात्रों का शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवम् सर्वांगीण विकास होता है अतः मेरे विचार से सामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा देना अत्यन्त सराहनीय कार्य है, इससे छात्रों को रोजगार प्राप्त करने में मदद मिलेगी तथा देश का विकास तीव्र गति से होगा।
ReplyDeleteIntegration of vocational with general education i guess would be better as the learner gains expertise not only in his field of interest but also remains on par with others who acquire knowledge through general education, which might support the learner towards better position in society.
ReplyDeleteव्यावसायिक शिक्षा से छात्रों का शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवम् सर्वांगीण विकास होता है अतः मेरे विचार से सामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा देना अत्यन्त सराहनीय कार्य है, इससे छात्रों को रोजगार प्राप्त करने में मदद मिलेगी तथा देश का विकास तीव्र गति से होगा।
ReplyDeleteSamanya shiksha evam vyavsayik shiksha ko ekikrat karne athwa sath me pradan karne se students k pas bhavishya me gyan k sath rojgar k
ReplyDeleteavsar to honge hi sath hi ve atmnirbhar bhi ho payenge.
Sath hi ye shiksha k rojgarpark hone k uddeshya ko bhi pura karta hai evam students k sangyanatmak vikas k sath unke gatyatmak dakshtayen bhi vikisit hoti hain. Unhe ye bhi pata chalta hai ki vidhyalayi shiksha bhi unke bhavishya ko surakshit kar sakti hai.
पर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ व्यवसायिक शिक्षा एक बेहतर विकल्प है ।
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा के एकीकरण से शिक्षा में नए आयाम की प्राप्ति होगी
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ReplyDeleteसन 2012 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक राष्ट्रीय व्यवसायिक शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क का निर्माण किया ।जिसका उद्देश्य रोजगार और राष्ट्रीय उत्पादकता को बढ़ाने में शिक्षा के व्यवसायीकरण पर जोड़ दिया गया है ।सन 2015 में कौशल विकास एवं उद्यमिता के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय नीति बनाई गई ।कौशल भारत मिशन के अंतर्गत सन 2022 तक 400 मिलियन भारतीयों को प्रशिक्षित करने का उद्देश रखा गया है।
सामान्य शिक्षा और व्यवसायिक शिक्षा ऐसे शिक्षा में नये आयाम की प्राप्ति होगी
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ व्यवसायिक शिक्षा का एक ही कारण स्कूल एवं उच्च शिक्षा प्रणाली में व्यवसायिक शिक्षा को स्ट्रीम करने से बेहतर विकल्प है सामान्य शिक्षा के साथ व्यवसायिक शिक्षा भी बहुत जरूरी है
ReplyDeleteTopic should be easy for students so that they can understand easily
ReplyDeleteThrough vocational education student achieves both academic and ocupational competencies, because experience is best thing to do all the activities.
ReplyDeleteIntegration of Vocational education with General education is always a better option than introducing it in higher level i.e high school or higher secondary level as when a child grows up learning vocational skills at a tender age she/ he tends to gain more efficiency in a particular vocational skill more easily and effectively. Moreover gradually the child learns to develop interest in a feild closer to his/ her heart's desire. this in the long run helps gain expertise.
ReplyDeleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे
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पर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे
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सामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण स्कूल एवं उच्च शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक शिक्षा को स्ट्रीम करने से बेहतर विकल्प है।
ReplyDeleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे
ReplyDeleteमानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सन 2012 में राष्ट्रीय व्यवसायिक शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क का निर्माण किया जिससे रोजगार और राष्ट्रीय उत्पादकता को बढ़ाने में शिक्षा के व्यवसायीकरण पर जोर दिया 18 सो 54 में वुड डिस्पैच अट्ठारह सौ बयासी में हंटर आयोग 1938 में गांधीजी की बुनियादी शिक्षा को स्वीकार किया गया जिसमें व्यवसायिक शिक्षा को भी शामिल किया गया स्कूलों कालेजों को व्यवसायिक शिक्षक को मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है कौशल विकास और उद्यमिता के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय नीति 2015 में बनाई गई जिसमें 2022 तक 400 मिलियन लोगों को प्रशिक्षित करने का उद्देश्य भारत सरकार ने कौशल भारत मिशन के द्वारा रखा है व्यवसायिक मॉड्यूल बच्चों को आवश्यक पहलुओं में सहयोग करेंगे साथ ही कैरियर विकल्प के चयन में भी सामाजिक स्तर पर क्रियाशील बनाएंगे एवं व्यवसाई कौशलों का निर्माण करेंगे
ReplyDeleteव्यवसायिक शिक्षा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अनिवार्य है
ReplyDeleteमानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सन 2012 में राष्ट्रीय व्यवसायिक शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क का निर्माण किया जिससे रोजगार और राष्ट्रीय उत्पादकता को बढ़ाने में शिक्षा के व्यवसायीकरण पर जोर दिया 1854 में वुड डिस्पैच 1882 में हंटर आयोग 1938 में गांधीजी की बुनियादी शिक्षा को स्वीकार किया गया जिसमें व्यवसायिक शिक्षा को भी शामिल किया गया स्कूलों कालेजों को व्यवसायिक शिक्षक को मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है कौशल विकास और उद्यमिता के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय नीति 2015 में बनाई गई जिसमें 2022 तक 400 मिलियन लोगों को प्रशिक्षित करने का उद्देश्य भारत सरकार ने कौशल भारत मिशन के द्वारा रखा है व्यवसायिक मॉड्यूल बच्चों को आवश्यक पहलुओं में सहयोग करेंगे साथ ही कैरियर विकल्प के चयन में भी सामाजिक स्तर पर क्रियाशील बनाएंगे एवं व्यवसाई कौशलों का निर्माण करेंगे।
ReplyDeleteIt is a very good for those who are not good in subjects. They prepare for their future from there only
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण स्कूल एवं उच्च शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक शिक्षा को स्ट्रीम करने से बेहतर विकल्प है।
ReplyDeleteछात्रों को व्यवसायिक शिक्षा संबंधी पूर्व ज्ञान हो जाता है जिससे भविष्य में जो भी व्यवसाय उन्हें शुरू करना है उसके बारे में उन्हें पहले से ही पता होता है इस तरह से वह अपना व्यवसाय चयन करने में या अपनी स्ट्रीम चयन करने में सहूलियत महसूस करते हैं जॉन की सफलता के लिए जरूरी है
ReplyDeleteSkill development has been a major policy agenda in several countries and there is a lot of emphasis on the promotion of vocational education and training (VET) programmes. This paper investigates the labour market outcomes of the vocationally trained population in India using the data from a nationally representative survey on employment and unemployment.
ReplyDeleteमानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे
ReplyDeleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे
ReplyDeleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे
ReplyDeleteIntegration of vocational with general education i guess would be better as the learner gains expertise not only in his field of interest but also remains on par with others who acquire knowledge through general education, which might support the learner towards better position in society.
ReplyDeleteछात्रों को व्यवसायिक शिक्षा संबंधी पूर्व ज्ञान हो जाता है जिससे भविष्य में जो भी व्यवसाय उन्हें शुरू करना है उसके बारे में उन्हें पहले से ही पता होता है इस तरह से वह अपना व्यवसाय चयन करने में या अपनी स्ट्रीम चयन करने में सहूलियत महसूस करते हैं।
ReplyDeletePryavaran me byashayik.shiksha Jud Jane SE bachcho me purnta ki.anubhut krati hai .
ReplyDeleteबच्चों को बिना लिंग भेद शिक्षा देना चाहिए l पर्यावरण के अध्ययन से बालकों का सर्वांगीण विकास होता है l बालकों को व्यावसायिक शिक्षा देने से वो आत्मनिर्भर बनेंगे l अपने पैरों पर खड़े होकर अपना और अपने राष्ट्र का हित करने में समर्थ होंगे l
ReplyDeleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे
ReplyDeleteeffective learning
Deleteव्यावसायिक शिक्षा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है।
ReplyDeleteस्कूलों कालेजों को व्यवसायिक शिक्षक को मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है कौशल विकास और उद्यमिता के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय नीति 2015 में बनाई गई जिसमें 2022 तक 400 मिलियन लोगों को प्रशिक्षित करने का उद्देश्य भारत सरकार ने कौशल भारत मिशन के द्वारा रखा है व्यवसायिक मॉड्यूल बच्चों को आवश्यक पहलुओं में सहयोग करेंगे साथ ही कैरियर विकल्प के चयन में भी सामाजिक स्तर पर क्रियाशील बनाएंगे एवं व्यवसाई कौशलों का निर्माण करेंगे
ReplyDeleteमानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सन 2012 में राष्ट्रीय व्यवसायिक शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क का निर्माण किया जिससे रोजगार और राष्ट्रीय उत्पादकता को बढ़ाने में शिक्षा के व्यवसायीकरण पर जोर दिया 18 सो 54 में वुड डिस्पैच अट्ठारह सौ बयासी में हंटर आयोग 1938 में गांधीजी की बुनियादी शिक्षा को स्वीकार किया गया जिसमें व्यवसायिक शिक्षा को भी शामिल किया गया स्कूलों कालेजों को व्यवसायिक शिक्षक को मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है कौशल विकास और उद्यमिता के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय नीति 2015 में बनाई गई जिसमें 2022 तक 400 मिलियन लोगों को प्रशिक्षित करने का उद्देश्य भारत सरकार ने कौशल भारत मिशन के द्वारा रखा है व्यवसायिक मॉड्यूल बच्चों को आवश्यक पहलुओं में सहयोग करेंगे साथ ही कैरियर विकल्प के चयन में भी सामाजिक स्तर पर क्रियाशील बनाएंगे एवं व्यवसाई कौशलों का निर्माण करेंगे
ReplyDeleteवैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
ReplyDeleteभारतीय संस्कृति में वैदिक काल से ही व्यावसायिक शिक्षा या कौशल आधारित शिक्षा पर विशेष बल दिया जाता रहा है | समय-समय पर इसकी उपयोगिता और प्राथमिकता को महसूस किया जाता रहा तथा शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया जाता रहा | गांधीजी ने भी इसे बुनियादी शिक्षा का नाम देकर इसकी महत्ता बताई | सामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा को जोड़ना विद्यार्थियों को राजगारोन्मुख करेगा | वर्तमान परिस्थितियों में बेरोज़गारी एक बहुत बड़ी समस्या है | भारत में लगभग 50% युवा हैं | यदि सामान्य शिक्षा के साथ ये व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करेंगे तो उद्यमिता सीखकर आत्मनिर्भर बनेंगे और बेरोज़गारी की समस्या से भी मुक्ति मिलेगी | देश की आर्थिक व्यवस्था सुदृढ़ होगी |
ReplyDeleteVyasayik shiksha ak better vikalp h.is s bachho ka sarvagin vikas sambhav h.
ReplyDeleteऐसे एकीकरण प्रयासों का लाभ यह है कि वे शैक्षणिक और व्यावसायिक क्षेत्रों के शिक्षकों के बीच संबंध स्थापित कर सकते हैं, स्कूलों को विभिन्न कौशल स्तरों के साथ संबंधित व्यवसायों के समूहों के लिए छात्रों को तैयार करने में सक्षम कर सकते हैं, शैक्षिक और व्यावसायिक पाठ्यक्रम सामग्री के संरेखण और अनुक्रमण की शुरुआत कर सकते हैं और प्रोत्साहित कर सकते हैं। क्लस्टर या करियर पथों की तर्ज पर पाठ्यक्रम और पाठ्यक्रम अनुक्रमों का पुनर्गठन।
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण स्कूल एवं उच्च शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक शिक्षा को स्ट्रीम करने से बेहतर विकल्प है।
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण स्कूल एवं उच्च शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक शिक्षा को स्ट्रीम करने से बेहतर विकल्प है।
ReplyDeleteIntegration of vocational with general education i guess would be better as the learner gains expertise not only in his field of interest but also remains on par with others who acquire knowledge through general education, which might support the learner towards better position in society.
ReplyDeleteमानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सन 2012 में राष्ट्रीय व्यवसायिक शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क का निर्माण किया जिससे रोजगार और राष्ट्रीय उत्पादकता को बढ़ाने में शिक्षा के व्यवसायीकरण पर जोर दिया 18 सो 54 में वुड डिस्पैच अट्ठारह सौ बयासी में हंटर आयोग 1938 में गांधीजी की बुनियादी शिक्षा को स्वीकार किया गया जिसमें व्यवसायिक शिक्षा को भी शामिल किया गया स्कूलों कालेजों को व्यवसायिक शिक्षक को मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है कौशल विकास और उद्यमिता के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय नीति 2015 में बनाई गई जिसमें 2022 तक 400 मिलियन लोगों को प्रशिक्षित करने का उद्देश्य भारत सरकार ने कौशल भारत मिशन के द्वारा रखा है व्यवसायिक मॉड्यूल बच्चों को आवश्यक पहलुओं में सहयोग करेंगे साथ ही कैरियर विकल्प के चयन में भी सामाजिक स्तर पर क्रियाशील बनाएंगे एवं व्यवसाई कौशलों का निर्माण करेंगे
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के अलावा व्यवसायिक शिक्षा भी बच्चों को बहुत जरूरी है व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से बच्चे बड़े होकर आत्मनिर्भर बन सकते हैं अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से समाज में अपनी पहचान बना सकते हैं लोगों के लिए मिसाल कायम कर सकतेआज के बदलते परिवेश में सरकारी रोजगार की बहुत कमी है अपना स्वयं का रोजगार होना बहुत जरूरी है इसलिए हमारी सरकार ने सामान्य शिक्षा के साथ साथ व्यवसायिक शिक्षा पर जोर दिया है ताकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद हमारे विद्यार्थी सरकारी नौकरियों पर निर्भर ना हो वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकें इसलिए व्यवसायिक शिक्षा को सामान्य शिक्षा के साथ जोड़ा जा रहा है जो बहुत जरूरी है विद्यार्थी अपनी रुचि क अनुसार व्यवसायिक विषय चुन सकते हैं और आत्मनिर्भर हो सकते हैंl
ReplyDeleteवीनूलता (स अ०)
प्राथमिक विद्यालय भिस्वा,
ब्लॉक ब्रह्मपुर गोरखपुर,
उत्तर प्रदेश ।
सामान्य शिक्षा से व्यक्ति अपना जीवकोपार्जन सही ढंग से नहीं कर पाता उसके अन्दर किसी प्रकार का व्यवसायिक कौशल विकसित नहीं हो पाता इसलिए यह परम आवश्यक है कि शिक्षा का व्यवसायी करण किया जाये अर्थात सामान्य शिक्षा के साथ व्यवसायिक शिक्षा दी जाये जिससे बच्चों को भावी जीवन के लिए तैयार किया जा सके।
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के अलावा व्यवसायिक शिक्षा भी बच्चे को बहुत जरूरी है व्यवसायिक शिक्षा के माध्यम से बच्चे बडे़ होकर आत्मनिर्भर बनाने सकते हैं अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं
ReplyDeleteGeneral Education helps a person to live life in a more easier way . one should be aware of all occupations which we see around as an opportunity.
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण स्कूल एवं उच्च शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक शिक्षा को स्ट्रीम करने से बेहतर विकल्प है।
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण स्कूल एवं उच्च शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक शिक्षा को स्ट्रीम करने से बेहतर विकल्प है।
ReplyDeleteSamanya siksha ke sath vayavasayic siksha ek bahut hi accha vikalp hai. Isse bacche apni education bhi puri kar payege aur usi ke sath vayavasayik education se unhe aatam nirbhar banne me help milegi...ve chaye to apna khud ka business kare ya education complete hone pat job bhi kar sakte hai. Unke saamne 2 vikalp khule honge....
ReplyDeleteवैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा और व्यवसायिक शिक्षा के एकीकरण में नये आयाम की प्राप्ति होगी क्योंकि 2012में मानव विकास मंत्रालय ने एक राष्ट्रीय व्यवसायिक योग्यता फर्मवर्क का निर्माण किया जिसका उद्देश्य रोजगार बढाने में शिक्षा को व्यवसायिक शिक्षा के साथ समायोजन कर दिया क्योंकि छात्रों को व्यवसायिक सम्बन्धी जानकारी हासिल हो जाती है जिससे बच्चों को आत्मनिर्भर बनने में आसानी हो जाती है
ReplyDeleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे
ReplyDeleteVocational education should be provided to students because apart from studies they can acquire skills of their interest which would help them in making good career.
ReplyDeleteVocational education help students in making good career
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के अलावा व्यवसायिक शिक्षा भी बच्चों को बहुत जरूरी है व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से बच्चे बड़े होकर आत्मनिर्भर बन सकते हैं अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से समाज में अपनी पहचान बना सकते हैं लोगों के लिए मिसाल कायम कर सकतेआज के बदलते परिवेश में सरकारी रोजगार की बहुत कमी है अपना स्वयं का रोजगार होना बहुत जरूरी है इसलिए हमारी सरकार ने सामान्य शिक्षा के साथ साथ व्यवसायिक शिक्षा पर जोर दिया है ताकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद हमारे विद्यार्थी सरकारी नौकरियों पर निर्भर ना हो वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकें इसलिए व्यवसायिक शिक्षा को सामान्य शिक्षा के साथ जोड़ा जा रहा है जो बहुत जरूरी है विद्यार्थी अपनी रुचि क अनुसार व्यवसायिक विषय चुन सकते हैं और आत्मनिर्भर हो सकते हैं
ReplyDeleteरविन्द्र कुमार यादव पूर्व माध्यमिक विद्यालय मुनारी चोलापुर वाराणसी उत्तर प्रदेश
सामान्य शिक्षा और व्यवसायिक शिक्षा के एकीकरण में नये आयाम की प्राप्ति होगी क्योंकि 2012में मानव विकास मंत्रालय ने एक राष्ट्रीय व्यवसायिक योग्यता फर्मवर्क का निर्माण किया जिसका उद्देश्य रोजगार बढाने में शिक्षा को व्यवसायिक शिक्षा के साथ समायोजन कर दिया क्योंकि छात्रों को व्यवसायिक सम्बन्धी जानकारी हासिल हो जाती है जिससे बच्चों को आत्मनिर्भर बनने में आसानी हो जाती है
ReplyDeleteमानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सन 2012 में राष्ट्रीय व्यवसायिक शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क का निर्माण किया जिससे रोजगार और राष्ट्रीय उत्पादकता को बढ़ाने में शिक्षा के व्यवसायीकरण पर जोर दिया 18 सो 54 में वुड डिस्पैच अट्ठारह सौ बयासी में हंटर आयोग 1938 में गांधीजी की बुनियादी शिक्षा को स्वीकार किया गया जिसमें व्यवसायिक शिक्षा को भी शामिल किया गया स्कूलों कालेजों को व्यवसायिक शिक्षक को मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है कौशल विकास और उद्यमिता के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय नीति 2015 में बनाई गई जिसमें 2022 तक 400 मिलियन लोगों को प्रशिक्षित करने का उद्देश्य भारत सरकार ने कौशल भारत मिशन के द्वारा रखा है व्यवसायिक मॉड्यूल बच्चों को आवश्यक पहलुओं में सहयोग करेंगे साथ ही कैरियर विकल्प के चयन में भी सामाजिक स्तर पर क्रियाशील बनाएंगे एवं व्यवसाई कौशलों का निर्माण करेंगे
ReplyDeleteM.H.R.D. व्यावसायिक शिक्षा की योजना को समग्र शिक्षा के अंतर्गत लागू कर रही है जो कि स्कूली शिक्षा की एकीकृत योजना है। इस योजना के अनुसार विभिन्न व्यवसायों के लिए आवश्यक रोजगार और व्यवसायिक कौशल विकसित करने के लिए सामान्य शिक्षा के साथ साथ 9वीं से 12 वीं कक्षाओं के लिए एक व्यावसायिक विषय की पेशकश की जाती है। रोजगार के अवसर की पहचान के लिए उपलब्ध व्यावसायिक विकल्पों को प्रदान कर छात्रों के विचारों को व्यवसायिक शिक्षा की तरफ आकर्षित करना है जिससे कक्षा 6वीं से 8वीं तक में पूर्व व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम की परिकल्पना से परिचित व उसके प्रति जागरूक हो सके।यह न केवल किताबी ज्ञान और ज्ञान के प्रयोग की सीमाओं को कम करता है, बल्कि बच्चों की कार्यक्षेत्रों में कौशल पूर्ण आवश्यकताओं को भी उज़ागर करेगा। जिससे बच्चों को भविष्य में करियर का रास्ता तय करने में मदद मिलेगी।
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के अलावा व्यवसायिक शिक्षा भी बच्चों को बहुत जरूरी है व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से बच्चे बड़े होकर आत्मनिर्भर बन सकते हैं अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से समाज में अपनी पहचान बना सकते हैं लोगों के लिए मिसाल कायम कर सकतेआज के बदलते परिवेश में सरकारी रोजगार की बहुत कमी है अपना स्वयं का रोजगार होना बहुत जरूरी है इसलिए हमारी सरकार ने सामान्य शिक्षा के साथ साथ व्यवसायिक शिक्षा पर जोर दिया है ताकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद हमारे विद्यार्थी सरकारी नौकरियों पर निर्भर ना हो वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकें इसलिए व्यवसायिक शिक्षा को सामान्य शिक्षा के साथ जोड़ा जा रहा है जो बहुत जरूरी है विद्यार्थी अपनी रुचि क अनुसार व्यवसायिक विषय चुन सकते हैं और आत्मनिर्भर हो सकते हैं
ReplyDeleteManoj kumar chaurasia UPS Mishra aaliya,beruarbari ,Ballia.
ReplyDeleteआज के बदलते परिवेश में सरकारी रोजगार की बहुत कमी है अपना स्वयं का रोजगार होना बहुत जरूरी है इसलिए हमारी सरकार ने सामान्य शिक्षा के साथ साथ व्यवसायिक शिक्षा पर जोर दिया है ताकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद हमारे विद्यार्थी सरकारी नौकरियों पर निर्भर ना हो वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकें इसलिए व्यवसायिक शिक्षा को सामान्य शिक्षा के साथ जोड़ा जा रहा है जो बहुत जरूरी है विद्यार्थी अपनी रुचि क अनुसार व्यवसायिक विषय चुन सकते हैं और आत्मनिर्भर हो सकते हैं
पर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे.
ReplyDeleteVibha Sharma P.S.5 Nagar Shamli-247776
ReplyDeleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे
सामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा को एकीकरण करने से सभी छात्र सामान्य रूप से लाभान्वित होंगे न कि कुछ चुने हुए छात्र। छोटी उम्र से ही अपने जीवन में इस प्रशिक्षण का उपयोग कर सकेगें और अधिक रचनात्मक होंगे।
ReplyDeleteVocational education can be useful for students. Integration of vocational education with general education is better because it improves flexibility, mobility and better chance of employment. It is a life long Learning and positive influence on child education as provides strength to shape up the career.
ReplyDeleteआज के बदलते परिवेश में सरकारी रोजगार की बहुत कमी है अपना स्वयं का रोजगार होना बहुत जरूरी है इसलिए हमारी सरकार ने सामान्य शिक्षा के साथ साथ व्यावसायिक शिक्षा पर जोर दिया है ताकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद हमारे विद्यार्थी सरकारी नौकरियों पर निर्भर न रहे वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकें इसलिए व्यावसायिक शिक्षा को सामान्य शिक्षा के साथ जोड़ा जा रहा है जो बहुत जरूरी है | विद्यार्थी अपनी रुचि के अनुसार व्यावसायिक विषय चुन सकते हैं और आत्मनिर्भर हो सकते हैं |
ReplyDeleteआज के बदलते परिवेश में सरकारी रोजगार की बहुत कमी है अपना स्वयं का रोजगार होना बहुत जरूरी है इसलिए हमारी सरकार ने सामान्य शिक्षा के साथ साथ व्यवसायिक शिक्षा पर जोर दिया है ताकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद हमारे विद्यार्थी सरकारी नौकरियों पर निर्भर ना हो वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकें इसलिए व्यवसायिक शिक्षा को सामान्य शिक्षा के साथ जोड़ा जा रहा है जो बहुत जरूरी है विद्यार्थी अपनी रुचि क अनुसार व्यवसायिक विषय चुन सकते हैं और आत्मनिर्भर हो सकते हैं
ReplyDeleteमानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सन 2012 में राष्ट्रीय व्यवसायिक शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क का निर्माण किया जिससे रोजगार और राष्ट्रीय उत्पादकता को बढ़ाने में शिक्षा के व्यवसायीकरण पर जोर दिया 18 सो 54 में वुड डिस्पैच अट्ठारह सौ बयासी में हंटर आयोग 1938 में गांधीजी की बुनियादी शिक्षा को स्वीकार किया गया जिसमें व्यवसायिक शिक्षा को भी शामिल किया गया स्कूलों कालेजों को व्यवसायिक शिक्षक को मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है कौशल विकास और उद्यमिता के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय नीति 2015 में बनाई गई जिसमें 2022 तक 400 मिलियन लोगों को प्रशिक्षित करने का उद्देश्य भारत सरकार ने कौशल भारत मिशन के द्वारा रखा है व्यवसायिक मॉड्यूल बच्चों को आवश्यक पहलुओं में सहयोग करेंगे साथ ही कैरियर विकल्प के चयन में भी सामाजिक स्तर पर क्रियाशील बनाएंगे एवं व्यवसाई कौशलों का निर्माण करेंगे
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ-साथ व्यवसायिक शिक्षा प्रदान करने से युवाओं के सम्मुख आसानी से रोजगार के अवसर पैदा हो सकेंगे। इसके लिए छठी कक्षा से ही बाहर से संबंधित विशेषज्ञ द्वारा समय-समय पर ज्ञान प्रदान करवाना चाहिए। इसके साथ ही बच्चों को क्षेत्र भ्रमण कराकर कार्य संबंधित व्यवहारिक ज्ञान दिए जाने की आवश्यकता है।
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण स्कूल एवं उच्च शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक शिक्षा को स्ट्रीम करने से बेहतर विकल्प है। सामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त होने से छात्र कभी जीवन में असफलता का अनुभव नहीं कर सकता वर्तमान समय में सभी को नौकरी मिलना असम्भव है। परन्तु तकनीकी शिक्षा के कारण आत्मनिर्भर होकर व्यवसाय के विविध आयामों से उच्चतम स्थिति को प्राप्त कर सकता है। व्यवसायिक शिक्षा राष्ट्र को भी प्रगति पथ पर ले जाने के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प के रूप में देखा जाता है। शिक्षाविदों के द्वारा समय-समय पर तकनीकी शिक्षा पर बल दिया गया । जिसका फलता फूलता परिणाम आज नई शिक्षा नीति में हम सब को देखने को मिल रहा है।
ReplyDeleteडॉ ० बी पी मिश्र
डीपीएस विंध्यनगर सिंगरौली मध्य प्रदेश
सामान्य शिक्षा के अलावा व्यवसायिक शिक्षा भी बच्चे को बहुत जरूरी है, व्यवसायिक शिक्षा के माध्यम से बच्चे बड़े होकर आत्मनिर्भर बन सकते है।अपने पैरो पर खड़े हो सकते हैं।
ReplyDeleteआज के बदलते परिवेश में सरकारी रोजगार की बहुत कमी है अपना स्वयं का रोजगार होना बहुत जरूरी है इसलिए हमारी सरकार ने सामान्य शिक्षा के साथ साथ व्यवसायिक शिक्षा पर जोर दिया है ताकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद हमारे विद्यार्थी सरकारी नौकरियों पर निर्भर ना हो वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकें इसलिए व्यवसायिक शिक्षा को सामान्य शिक्षा के साथ जोड़ा जा रहा है जो बहुत जरूरी है विद्यार्थी अपनी रुचि क अनुसार व्यवसायिक विषय चुन सकते हैं और आत्मनिर्भर हो सकते हैं।
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ व्यवसायिक शिक्षा छात्रों को आत्म निर्भर बनाने में सहयोग करती है और उच्च शिक्षा में समागम से बेहतर विकल्प होगा कि व्यवसायिक शिक्षा स्ट्रीम से ही छात्रों को शिक्षा दी जाय उच्च शिक्षा में इसे शामिल ना किया जाए व्यवसायिक स्ट्रीम अलग रखी जाय
ReplyDeleteSamanya siksha ke sath vyawashay siksha ko bhi jaruri hai.jisse study me bahut hi suvidha hoti hai.rastiya siksha mantralay ne ise 2012 me prakashit kiya ya lagu kiya .isse students me bahut hi reading karne me koi bhi problem nhi hoti hai.life me vyawashay siksha bhi jaruri hoti hai jisse aane wale future me bahut hi jaruri hai.
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा केसाथ व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण करना चाहिए जिससे बच्चे आत्मा निर्भर हो सके
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण स्कूल एवं उच्च शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक शिक्षा को स्ट्रीम करने से बेहतर विकल्प है।
ReplyDeleteबच्चों के सर्वांगीण विकास में बहुत ही लाभदायक होगा।
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ साथ व्यवसायिक शिक्षा का एकीकरण करने से बच्चों में ज्ञान के साथ साथ रचनात्मक कौशल का भी विकास होता है। स्वरोजगार के अवसर पैदा होते हैं। भविष्य में बच्चे आत्म निर्भर बन जाते हैं। व्यवसायिक शिक्षा आत्मनिर्भरता का एक मात्र साधन है।जो विकास और बेहतर भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है।
ReplyDeleteमानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सन 2012 में राष्ट्रीय व्यवसायिक शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क का निर्माण किया जिससे रोजगार और राष्ट्रीय उत्पादकता को बढ़ाने में शिक्षा के व्यवसायीकरण पर जोर दिया 18 सो 54 में वुड डिस्पैच अट्ठारह सौ बयासी में हंटर आयोग 1938 में गांधीजी की बुनियादी शिक्षा को स्वीकार किया गया जिसमें व्यवसायिक शिक्षा को भी शामिल किया गया स्कूलों कालेजों को व्यवसायिक शिक्षक को मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है कौशल विकास और उद्यमिता के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय नीति 2015 में बनाई गई जिसमें 2022 तक 400 मिलियन लोगों को प्रशिक्षित करने का उद्देश्य भारत सरकार ने कौशल भारत मिशन के द्वारा रखा है व्यवसायिक मॉड्यूल बच्चों को आवश्यक पहलुओं में सहयोग करेंगे साथ ही कैरियर विकल्प के चयन में भी सामाजिक स्तर पर क्रियाशील बनाएंगे एवं व्यवसाई कौशलों का निर्माण करेंगे
ReplyDeleteयह उदाहरण यह दर्शाता है कि कोई भी सीखा हुआ कौशल कभी भी काम आ सकता है ।हमको आजीवन कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए कोविड-19 के समय बहुत से ऐसे काम थे जो लोगों ने पहली बार किए होंगे किसी भी प्रकार की शिक्षा जीवन में कभी न कभी काम आ ही जाती है इसलिए निरंतर नईं चीजें सीखते रहना चाहिए ।
ReplyDeleteयह उदाहरण यह दर्शाता है कि कोई भी सीखा हुआ कौशल कभी भी काम आ सकता है ।हमको आजीवन कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए कोविड-19 के समय बहुत से ऐसे काम थे जो लोगों ने पहली बार किए होंगे किसी भी प्रकार की शिक्षा जीवन में कभी न कभी काम आ ही जाती है इसलिए निरंतर नईं चीजें सीखते रहना चाहिए ।
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा को एकीकरण करने से सभी छात्र सामान्य रूप से लाभान्वित होंगे न कि कुछ चुने हुए छात्र। छोटी उम्र से ही अपने जीवन में इस प्रशिक्षण का उपयोग कर सकेगें और अधिक रचनात्मक होंगे।
ReplyDeleteकौशल विकास और उद्यमिता के क्षेत्र मे भारत सरकार ने एक राष्ट्रीय नीति 2015 मे बनाई है जिसका उददेश्य सन 2022 तक मिलियन लोगो को करके प्रशिक्षित करके स्वरोजगार का अवसर प्रदान करने का प्रयत्न किया गया है ।हमारी सरकार सामान्य शिक्षा के साथ व्यवसायिक शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है जिससे विद्यार्थी अपने ज्ञान और कौशल से स्वरोजगार प्राप्त कर सके तथा स्वयं का व्यवसाय खुद विकसित करके अन्य लोगों को भी रोजगार दे सके ।
ReplyDeleteमानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सन 2012 में राष्ट्रीय व्यवसायिक शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क का निर्माण किया जिससे रोजगार और राष्ट्रीय उत्पादकता को बढ़ाने में शिक्षा के व्यवसायीकरण पर जोर दिया 18 सो 54 में वुड डिस्पैच अट्ठारह सौ बयासी में हंटर आयोग 1938 में गांधीजी की बुनियादी शिक्षा को स्वीकार किया गया जिसमें व्यवसायिक शिक्षा को भी शामिल किया गया स्कूलों कालेजों को व्यवसायिक शिक्षण को मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है कौशल विकास और उद्यमिता के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय नीति 2015 में बनाई गई जिसमें 2022 तक 400 मिलियन लोगों को प्रशिक्षित करने का उद्देश्य भारत सरकार ने कौशल भारत मिशन के द्वारा रखा है व्यवसायिक मॉड्यूल बच्चों को आवश्यक पहलुओं में सहयोग करेंगे साथ ही कैरियर विकल्प के चयन में भी सामाजिक स्तर पर क्रियाशील बनाएंगे एवं व्यवसाई कौशलों का निर्माण करेंगे
ReplyDeleteआज के बदलते परिवेश में सरकारी रोजगार की बहुत कमी है अपना स्वयं का रोजगार होना बहुत जरूरी है इसलिए हमारी सरकार ने सामान्य शिक्षा के साथ साथ व्यवसायिक शिक्षा पर जोर दिया है ताकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद हमारे विद्यार्थी सरकारी नौकरियों पर निर्भर ना हो वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकें इसलिए व्यवसायिक शिक्षा को सामान्य शिक्षा के साथ जोड़ा जा रहा है जो बहुत जरूरी है विद्यार्थी अपनी रुचि क अनुसार व्यवसायिक विषय चुन सकते हैं और आत्मनिर्भर हो सकते हैं
ReplyDeleteहर बच्चे की योग्यता के अनुसार अपने व्यवसाय को चुन सकें इसके लिए व्यावसायिक शिक्षा बहुत अच्छा सुझाव है ।
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ साथ व्यवसायिक शिक्षा का एकीकरण करने से बच्चों में ज्ञान के साथ साथ रचनात्मक कौशल का भी विकास होता है। स्वरोजगार के अवसर पैदा होते हैं। भविष्य में बच्चे आत्म निर्भर बन जाते हैं। व्यवसायिक शिक्षा आत्मनिर्भरता का एक मात्र साधन है।जो विकास और बेहतर भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है।
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ साथ व्यवसायिक शिक्षा का एकीकरण करने से बच्चों में ज्ञान के साथ साथ रचनात्मक कौशल का भी विकास होता है। स्वरोजगार के अवसर पैदा होते हैं। भविष्य में बच्चे आत्म निर्भर बन जाते हैं। व्यवसायिक शिक्षा आत्मनिर्भरता का एक मात्र साधन है।जो विकास और बेहतर भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है।
ReplyDeleteआज के बदलते परिवेश में सरकारी रोजगार की बहुत कमी है अपना स्वयं का रोजगार होना बहुत जरूरी है इसलिए हमारी सरकार ने सामान्य शिक्षा के साथ साथ व्यवसायिक शिक्षा पर जोर दिया है ताकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद हमारे विद्यार्थी सरकारी नौकरियों पर निर्भर ना हो वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकें इसलिए व्यवसायिक शिक्षा को सामान्य शिक्षा के साथ जोड़ा जा रहा है जो बहुत जरूरी है विद्यार्थी अपनी रुचि क अनुसार व्यवसायिक विषय चुन सकते हैं और आत्मनिर्भर हो सकते हैं
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा से बच्चे ये भी सीखते हैं कि अपने व्यावसायिक जीवन की समस्याओं को कैसे हल किया जाए परन्तु यदि सामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा को जोड़ते हैं तो हमे आने वाली समस्याओं का ज्ञान पहले से होता है जिससे हमें कम समय ,और सही तरीको से समस्याओं को हल करने के विषय में जानकारी होती है।
ReplyDeleteStudents ko agar life main successful hona hai toh vocational education or general education ka integration ek bahut hi badhiya vikalp hai. It would be helpful to make them indipendent , confident, sucessful in their life . Students can prove themselves by their success.
ReplyDeleteआज के बदलते परिवेश में सरकारी रोजगार की बहुत कमी है अपना स्वयं का रोजगार होना बहुत जरूरी है इसलिए हमारी सरकार ने सामान्य शिक्षा के साथ साथ व्यवसायिक शिक्षा पर जोर दिया है ताकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद हमारे विद्यार्थी सरकारी नौकरियों पर निर्भर ना हो वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकें इसलिए व्यवसायिक शिक्षा को सामान्य शिक्षा के साथ जोड़ा जा रहा है
ReplyDeleteआज के बदलते परिवेश में सरकारी रोजगार की बहुत कमी है अपना स्वयं का रोजगार होना बहुत जरूरी है इसलिए हमारी सरकार ने सामान्य शिक्षा के साथ साथ व्यवसायिक शिक्षा पर जोर दिया है ताकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद हमारे विद्यार्थी सरकारी नौकरियों पर निर्भर ना हो वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकें इसलिए व्यवसायिक शिक्षा को सामान्य शिक्षा के साथ जोड़ा जा रहा है जो बहुत जरूरी है विद्यार्थी अपनी रुचि क अनुसार व्यवसायिक विषय चुन सकते हैं और आत्मनिर्भर हो सकते हैं
ReplyDeleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधक करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे
ReplyDeleteवेबसाइट शिक्षा बेहतर विकल्प है
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के अलावा व्यवसायिक शिक्षा भी बच्चे को बहुत जरूरी है, व्यवसायिक शिक्षा के माध्यम से बच्चे बड़े होकर आत्मनिर्भर बन सकते है।अपने पैरो पर खड़े हो सकते हैं।
ReplyDeleteव्यवसायिक शिक्षा के कारण शिक्षा जीवन को अर्थ देती है ।यह छात्र के आत्मविश्वास व कार्य कौशल को बढाती है ।
ReplyDeleteव्यावसायिक शिक्षा छात्रों को एक विशिष्ट क्षेत्र में व्यावहारिक रूप से विशेषज्ञता को सीखने में मदद करती है।
ReplyDeleteवर्तमान समय में सामान्य शिक्षा रोजगार के संदर्भ में खरा नहीं उतरता है। सामान्य शिक्षा के साथ व्यवसायिक शिक्षा का ज्ञान अति आवश्यक है। जिसे कक्षा 1से 12 तक तीन चरण में दिया जा रहा है। इसके लिए पूर्व से ही कई महापुरुषों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आज भी महात्मा गाँधी जी के द्वारा संचालित बुनियादी शिक्षा संचालित है। इसके अंतर्गत बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया जा रहा है। 1937-38 से व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है परन्तु आज तक हम उतना सफ़ल नहीं हो पा रहे हैं जितना होना चाहिए। महात्मा गाँधी जी के सपनों को साकार नहीं कर पाये हैं। अतः हम ये मानते हैं कि यह शिक्षा केरियर के अनेक क्षेत्रों की सृजन करता है।
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ-साथ व्यवसायिक शिक्षा का ग्यान बच्चो के लिए अत्यंत उपयोगी है।
ReplyDeleteआज व्यावसायिक शिक्षा का का पुरज़ोर निर्माण किया जा रहा है|, मानव संसाधन मंत्रालय ने शिक्षा पर विशेष जोर दिया है| आज विभिन्न प्रकार के व्यावसायिक कोर्सेज छात्रों के लिए और छात्राओं के लिए हैं जिनमें कढ़ाई सिलाई बुनाई कंप्यूटर कोर्स और इसके अतिरिक्त औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान मैं भी विभिन्न प्रकार के व्यावसायिक कोर्सेज है जिनको विद्यार्थी पूर्ण करने के पश्चात पढ़ाई के साथ साथ रोजगार भी करते हैं
ReplyDeleteYe baat to saji h ki aaj ka education system rojgaarparak nahi h. Isliye education ke saath saath vyavsayik shiksha bhi atyant jaruri h. Wo education ke saath bde deeply study krwaani chahiye. Taki in future koi problem create na ho. Wah selfdepend ho.
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण स्कूल एवं उच्च शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक शिक्षा को स्ट्रीम करने से बेहतर विकल्प है।
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा एक बेहतर प्रयास है ।जो बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त करके किसी व्यवसाय कोर्स को नहीं कर पाते ।वे भी शुरू से ही व्यवसायिक शिक्षा का लाभ लेकर अपनी रुचि के कौशल का विकास कर सकते हैं ।जिससे जीवन यापन हेतु कार्य कर सकें। विद्यालय में बच्चों को कार्य अनुभव एवं व्यवसायिक शिक्षा के माध्यम से कई कौशल से खाए जा सकते हैं।
ReplyDeleteआज के बदलते परिवेश में सरकारी रोजगार की बहुत कमी है अपना स्वयं का रोजगार होना बहुत जरूरी है इसलिए हमारी सरकार ने सामान्य शिक्षा के साथ साथ व्यवसायिक शिक्षा पर जोर दिया है ताकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद हमारे विद्यार्थी सरकारी नौकरियों पर निर्भर ना हो वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकें इसलिए व्यवसायिक शिक्षा को सामान्य शिक्षा के साथ जोड़ा जा रहा है जो बहुत जरूरी है विद्यार्थी अपनी रुचि क अनुसार व्यवसायिक विषय चुन सकते हैं और आत्मनिर्भर हो सकते हैं
ReplyDeleteआज व्यावसायिक शिक्षा का का पुरज़ोर निर्माण किया जा रहा है|, मानव संसाधन मंत्रालय ने शिक्षा पर विशेष जोर दिया है| आज विभिन्न प्रकार के व्यावसायिक कोर्सेज छात्रों के लिए और छात्राओं के लिए हैं जिनमें कढ़ाई सिलाई बुनाई कंप्यूटर कोर्स और इसके अतिरिक्त औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान मैं भी विभिन्न प्रकार के व्यावसायिक कोर्सेज है जिनको विद्यार्थी पूर्ण करने के पश्चात पढ़ाई के साथ साथ रोजगार भी करते हैं
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा एवं व्यावसायिक का एकीकृत रूप शिक्षा का अनिवार्य अंग है l
ReplyDeleteआज के बदलते परिवेश में सरकारी रोजगार की बहुत कमी है अपना स्वयं का रोजगार होना बहुत जरूरी है इसलिए हमारी सरकार ने सामान्य शिक्षा के साथ साथ व्यवसायिक शिक्षा पर जोर दिया है ताकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद हमारे विद्यार्थी सरकारी नौकरियों पर निर्भर ना हो वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकें इसलिए व्यवसायिक शिक्षा को सामान्य शिक्षा के साथ जोड़ा जा रहा है जो बहुत जरूरी है विद्यार्थी अपनी रुचि क अनुसार व्यवसायिक विषय चुन सकते हैं और आत्मनिर्भर हो सकते हैं
ReplyDeleteआज के बदलते परिवेश में सरकारी रोजगार की बहुत कमी है अपना स्वयं का रोजगार होना बहुत जरूरी है इसलिए हमारी सरकार ने सामान्य शिक्षा के साथ साथ व्यवसायिक शिक्षा पर जोर दिया है ताकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद हमारे विद्यार्थी सरकारी नौकरियों पर निर्भर ना हो वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकें इसलिए व्यवसायिक शिक्षा को सामान्य शिक्षा के साथ जोड़ा जा रहा है जो बहुत जरूरी है विद्यार्थी अपनी रुचि क अनुसार व्यवसायिक विषय चुन सकते हैं और आत्मनिर्भर हो सकते हैं
ReplyDeleteआज के बदलते परिवेश में सरकारी रोजगार की बहुत कमी है अपना स्वयं का रोजगार होना बहुत जरूरी है इसलिए हमारी सरकार ने सामान्य शिक्षा के साथ साथ व्यवसायिक शिक्षा पर जोर दिया है ताकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद हमारे विद्यार्थी सरकारी नौकरियों पर निर्भर ना हो वे स्वयं का रोजगार स्थापित कर सकें इसलिए व्यवसायिक शिक्षा को सामान्य शिक्षा के साथ जोड़ा जा रहा है जो बहुत जरूरी है विद्यार्थी अपनी रुचि क अनुसार व्यवसायिक विषय चुन सकते हैं और आत्मनिर्भर हो सकते हैं
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा के एकीकरण द्वारा हम बच्चों में शुरुआती वर्षों से ही जीवन कौशल की अवधारणा विकसित कर सकते हैं । कार्य अनुभव और पूर्व व्यावसायिक शिक्षा के उद्देश्यों यथा - स्व-प्रबंधन , व्यावसायिक कौशल और प्रक्रिया कौशल के द्वारा हम बच्चों में उनकी रुचि के अनुसार उनके करियर को वांछित दिशा प्रदान कर सकते हैं । ये जीवन कौशल बच्चों में शुरुआती वर्षों से ही विकसित किये जा सकते हैं जिससे आगे चलकर बच्चे अपनी रुचि के अनुसार संबंधित व्यवसाय में सफलता प्राप्त कर सकते हैं । यदि शुरुआती जीवन कौशल में बच्चे निपुणता प्राप्त कर लेते हैं तो आगे चलकर बच्चे इसको एक स्ट्रीम के रूप में अपना लेते हैं और संबंधित व्यवसाय में सहजता के साथ सफलता प्राप्त करते हैं ।
ReplyDeleteक्षितिज नीलिमा
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण स्कूल एवं उच्च शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक शिक्षा को स्ट्रीम करने से बेहतर विकल्प है, क्योंकि विद्यार्थी पहले से ही अपनी रुचि के अनुसार अपने कौशल का विकास कर सकते है| इससे बच्चों में ज्ञान के साथ साथ रचनात्मक कौशल का भी विकास होता है। स्वरोजगार के अवसर पैदा होते हैं। भविष्य में बच्चे आत्म निर्भर बन जाते हैं। यह विद्यार्थी के विकास और बेहतर भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है।
Yes..
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण स्कूल एवं उच्च शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक शिक्षा को स्ट्रीम करने से बेहतर विकल्प है।
ReplyDeleteआज के बदलते समय में हाइक शिक्षा बहुत जरूरी है बच्चों के सामने रोजगार की बड़ी समस्या आ गई है यदि हम स्कूल स्तर पर सामान्य शिक्षा के साथ व्यवसायिक शिक्षा को जोड़ देती है तो देश के लिए जो सबसे बड़ी चुनौती है आज के दिन बेरोजगारी वह समाप्त हो जाएगी बच्चे एक कुशल कार्यक्रम जाएंगे छोटे-छोटे कामों के लिए हम एक-दूसरे पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा स्वयं रोजगार के साधन उत्पन्न होंगे और बच्चे अपने पैरों पर खड़े हो जाएंगे शिक्षा के साथ-साथ बच्चे अपने परिवार की जिम्मेदारी संभालेंगे इससे हमारा देश और समाज दोनों ही उल्टी करेंगे
ReplyDeleteपर्यावरण अध्ययन से छात्रों के मानसिक, शारिरिक, सामाजिक विकास सहित सर्वांगीण विकास होता है।किसी भी टॉपिक पर कार्यनीति बनाने से पूर्व उस टॉपिक पर खोज करेंगे जानकारी एकत्र करेंगे उसपर विचार करेंगे की टॉपिक सही है या नहीं उस टॉपिक से जुड़े वस्तुओ का प्रबंधन करेंगे फिर कार्यनीति बनायेगे फिर उसे लागू करेंगे
ReplyDeleteसामान्य शिक्षा को व्यवसायिक शिक्षा के साथ जोङ कर पढाया जाता है तो वह शिक्षा आगे जाकर लाभदायक सिद्ध होगी।
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