मॉड्यूल 16 - गतिविधि 2: प्रतिबिंबित
आज के परिदृश्य के बारे में विचार करें- कु. लक्ष्मी कक्षा 11वीं की छात्रा है। कोविड-19 के अन्तर्गत लॉकडाउन के पश्चात् अचानक एक दिन उसके अध्ययन कक्ष की ट्यूबलाइट ने काम करना बंद कर दिया। उसने कुछ समय पहले फिल्ड टेक्नीशियन का व्यावसायिक प्रशिक्षण लिया था। उसने अपने इस प्रशिक्षण को आजमाया और अपने कक्ष की ट्यूबलाइट बदल दी। आप अपने शब्दों में अपने जीवन से जुड़ी घटनाओं के बारे में अपने अनुभव को साझा करें जब आपने अपने पेशेवर जीवन कौशल का प्रयोग भलीभाँति कर अपनी दिनचर्या को सुलभ बनाया।
चिंतन के लिए कुछ समय लें और कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें।
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आज के परिदृश्य के बारे में विचार करें- कु. लक्ष्मी कक्षा 11वीं की छात्रा है।
ReplyDeleteमैं एक शिक्षिका हूं कोविड-19 के बीच मैंने देखा कि 8thclass मैं पढ़ने वालामेरा बच्चा पढ़ाई में इंटरेस्ट नहीं ले रहा तो मैंने उसे आसपास खेल रहे कबाड़ी वाले के तीन बच्चों को (class 1-2)पढ़ाने का जिम्मा दिया जिसे उसने बखूबी पूरा किया इससे उसमें पढ़ने के प्रति इंटरेस्ट भी पैदा हुआ और उसके अंदर जिम्मेदारी का एहसास हुआ तथा नेतृत्व की क्षमता का भी विकास हुआ और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उन बच्चों का भी पढ़ाई में सहयोग मिला
Deleteमेरे बच्चे को महात्मा गांधी का डेट ऑफ बर्थ याद नहीं हो रहा था तो मैंने अपने एंड्रॉयड फोन का पिन नंबर चेंज करके महात्मा गांधी का डेट ऑफ बर्थ1869 कर दिया बार बार जब बच्चा मेरा फोन लेता खेलने के लिए तो यही डेट ऑफ बर्थ डालता इस तरह से उसे डेट ऑफ बर्थ याद हो गया
DeleteOccupational education is very important.
DeleteCovid19 ke ddino me mere man me ek khayal aya kyo n kuchh Kiya Jaye Maine YouTube se Ghar panting
DeleteKa prashikshan Liya aur apane room ka panting Kar diya
वैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
Deleteइस kovid 19 दौर में बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार उपलब्ध संसाधनों से कुछ टेक्निकल जानकारी देनी चाहिए जिससे दैनिक जीवन में उसका उपयोग हो सके
Deleteएक शिक्षिका हूं कोविड-19 के बीच मैंने देखा कि 8thclass मैं पढ़ने वालामेरा बच्चा पढ़ाई में इंटरेस्ट नहीं ले रहा तो मैंने उसे आसपास खेल रहे कबाड़ी वाले के तीन बच्चों को (class 1-2)पढ़ाने का जिम्मा दिया जिसे उसने बखूबी पूरा किया इससे उसमें पढ़ने के प्रति इंटरेस्ट भी पैदा हुआ और उसके अंदर जिम्मेदारी का एहसास हुआ तथा नेतृत्व की क्षमता का भी विकास हुआ और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उन बच्चों का भी पढ़ाई में सहयोग मिला
Deleteवैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
Deleteइस kovid 19 दौर में बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार उपलब्ध संसाधनों से कुछ टेक्निकल जानकारी देनी चाहिए जिससे दैनिक जीवन में उसका उपयोग हो सके
Deleteमैं एक शिक्षिका हूं कोविड-19 के बीच मैंने देखा कि 8thclass मैं पढ़ने वालामेरा बच्चा पढ़ाई में इंटरेस्ट नहीं ले रहा तो मैंने उसे आसपास खेल रहे कबाड़ी वाले के तीन बच्चों को (class 1-2)पढ़ाने का जिम्मा दिया जिसे उसने बखूबी पूरा किया इससे उसमें पढ़ने के प्रति इंटरेस्ट भी पैदा हुआ और उसके अंदर जिम्मेदारी का एहसास हुआ तथा नेतृत्व की क्षमता का भी विकास हुआ और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उन बच्चों का भी पढ़ाई में सहयोग मिला
Deleteयह उदाहरण यह दर्शाता है कि कोई भी सीखा हुआ कौशल कभी भी काम आ सकता है ।हमको आजीवन कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए कोविड-19 के समय बहुत से ऐसे काम थे जो लोगों ने पहली बार किए होंगे किसी भी प्रकार की शिक्षा जीवन में कभी न कभी काम आ ही जाती है इसलिए निरंतर नईं चीजें सीखते रहना चाहिए ।
Deleteयह उदाहरण यह दर्शाता है कि कोई भी सीखा हुआ कौशल कभी भी काम आ सकता है ।हमको आजीवन कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए कोविड-19 के समय बहुत से ऐसे काम थे जो लोगों ने पहली बार किए होंगे किसी भी प्रकार की शिक्षा जीवन में कभी न कभी काम आ ही जाती है इसलिए निरंतर नईं चीजें सीखते रहना चाहिए ।
Deleteइस kovid 19 दौर में बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार उपलब्ध संसाधनों से कुछ टेक्निकल जानकारी देनी चाहिए जिससे दैनिक जीवन में उसका उपयोग हो सके
Deleteएक बार मेरे कमरे का बल्ब नहीं जल रहा था तो मैने पाया कि कमरे का फ्यूज ही उड़ गया था तब मैंने उसे निकाला और पूर्व मेंelectrition को फ्यूज बनाते देखे समय को याद करके उसके अनुसार तार लगा दिया तो बल्ब जल उठा।इसलिये व्यवसायिक प्रशिक्षण आवश्यक है।
Deleteमैं शिक्षिका हूं और रिकॉर्डिंग में जो गार्जियन को बुलाया वह नहीं समय पर स्कूल में है तो हमने 11 बच्चों को बुलाकर के ट्यूशन पढ़ाना विद्यालय में ही शुरू किया मास क्वेश्चन ट्राइजर के साथ
DeleteMaine electrician ka course kiya hai par iska upyog karne ka chance mila jab ghar ka fuze udd gaya to maine khud banaya aur sath hi wiring bhi sahi kar li isme maine apne bete ki bhi help li jisse usko bhi chhote chhote dikkat hone par kisi ko bulana na pade, mujhe painting ka bhi shauk hai lockdown period mein oil painting banakar school mein laga di thanks
Deleteवैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
Deleteहमें बच्चों में लैंग्वेज नहीं करना चाहिए मेरे मेरी कक्षा 7 का एक छात्र कोविड-19 में मोबाइल से पढ़ने में इंटरेस्टेड नहीं था तो मैंने उसे पढ़ाने के लिए बाहर गली मोहल्ले में खेलने वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए कहा तो वह अपनी समझ के अनुसार उन को समझाने लगा इससे उसमें नेतृत्व क्षमता जागृत हुई आलस्य अध्ययन में अभी उसकी रुचि बढ़ी उसने इसे आप साथ किया और जो उसका पहले मन नहीं लगता था वह मोबाइल से विधिवत कार्य करने लगा
Deleteइस kovid 19 दौर में बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार उपलब्ध संसाधनों से कुछ टेक्निकल जानकारी देनी चाहिए जिससे दैनिक जीवन में उसका उपयोग हो सके।शिक्षा ही जीवन है। जीवन में कुछ नया सीखते रहना चाहिए
Deleteबिजली के ख़राब उपकरणों को ठीक करते अपने भाई को अनेकों बार मैं देखी थी अतः एक बार मैं बल्ब का फ्यूज जोड़ने तथा कूलर का 3पिन का प्लग ठीक करने का कार्य की।
Deleteबिजली के ख़राब उपकरणों को ठीक करते अपने भाई को अनेकों बार मैं देखी थी अतः एक बार मैं बल्ब का फ्यूज जोड़ने तथा कूलर का 3पिन का प्लग ठीक करने का कार्य की।
Deleteमेरे बच्चे को महात्मा गांधी का डेट ऑफ बर्थ याद नहीं हो रहा था तो मैंने अपने एंड्रॉयड फोन का पिन नंबर चेंज करके महात्मा गांधी का डेट ऑफ बर्थ1869 कर दिया बार बार जब बच्चा मेरा फोन लेता खेलने के लिए तो यही डेट ऑफ बर्थ डालता इस तरह से उसे डेट ऑफ बर्थ याद हो गया
Deleteइस Kovid 19दौर में बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार उपलब्ध संसाधनों से कुछ दैनिक जानकारी देनी चाहिए जिससे दैनिक जीवन में उनका उपयोग हो सकें
DeleteBy changing the bulb of my study lamp.
Deleteइस kovid 19 दौर में बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार उपलब्ध संसाधनों से कुछ टेक्निकल जानकारी देनी चाहिए जिससे दैनिक जीवन में उसका उपयोग हो सके
DeleteVivid _19 बच्चों पढाई के दोरान व्यवसायिक शिक्षा पर भी जोर देना चाहिए जिससे समय आने प्रयोग करसके
Deleteमेरे स्कूल में खेलते वक्त एक बच्चा गिर गया जिससे उसका पैर मैं चोट लग गई और उस से खून बहने लगा ।मैं उसे अपने पास बुला करके ,विद्यालय से फर्स्ट एड बॉक्स में से दवा ले करके उसके पैर पर अच्छी तरह से लगाकर के बैंडेज लगा करके बांध दिया जिससे उसका खून बहना बंद हो गया ।इससे पहले मैं फर्स्ट एड का प्रशिक्षण लिया था ,उसका फायदा मुझे अपने विद्यालय पर मिला।
DeleteI use my Professional skills in gardening. Requirements of sunlight and water for the plants. Using baking soda to remove mould and pest from carpet
ReplyDeleteइस kovid 19 दौर में बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार उपलब्ध संसाधनों से कुछ टेक्निकल जानकारी देनी चाहिए जिससे दैनिक जीवन में उसका उपयोग हो सके.
DeleteYe Example ye show kerta h k Koi b sekhi hui skill kabhi b kam aa jate h .hum ko Ajeevan kuch na kuch sekhane ka peryass kerna chahiye
ReplyDeleteCovid 19 lockdown m Bohat s aise kam the jo sab n pehli bar kiye ho g ye time b apne s reintroduce hone ka b keh sakte h .
वैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
Deleteएक बार मेरे कमरे का बल्ब नहीं जल रहा था तो मैने पाया कि कमरे का फ्यूज ही उड़ गया था तब मैंने उसे निकाला और पूर्व मेंelectrition को फ्यूज बनाते देखे समय को याद करके उसके अनुसार तार लगा दिया तो बल्ब जल उठा।इसलिये व्यवसायिक प्रशिक्षण आवश्यक है।
Deleteएक बार मेरे कमरे का बल्ब नहीं जल रहा था तो मैने पाया कि कमरे का फ्यूज ही उड़ गया था तब मैंने उसे निकाला और पूर्व मेंelectrition को फ्यूज बनाते देखे समय को याद करके उसके अनुसार तार लगा दिया तो बल्ब जल उठा।इसलिये व्यवसायिक प्रशिक्षण आवश्यक है।
DeleteSichha hi jivan hai jiwan mai kuch naya sikhatai Rahna chahiye
DeleteShanti 50702@gmail
DeleteSchool m di gi koi b Vevsayik shiksha jeevan m kha kam aa jye ye is example m clear h
ReplyDeleteI use my professional skill of handling my students, while I interact children and if needed mold the children in the neighborhood
ReplyDeleteशिक्षा ही जीवन है।
Deleteशिक्षा ही जीवन है। जीवन में कुछ नया सीखते रहना चाहिए
Deleteमैंने कोई किसी भी प्रकार की तकनीकी या व्यावसायिक शिक्षा नहीं प्राप्त की है परिणामस्वरुप कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है इसलिए मुझे लगता है कि व्यावसायिक शिक्षण अति आवश्यक है
Deleteएक बार मेरी बड़ी बहन इंद्रधनुष के रंगों के क्रम को याद कर रही थी तो मैंने उन्हें संक्षिप्त रूप में याद करने की ट्रिक बताई उन्हें रटने से बचकर समझ कर पढ़ने का तरीका पता चला,इस प्रकार मेरे व्यावसायिक जीवन की नींव पड़ी ,ऐसा कई बार मेरे साथ हुआ जब मैने किसी सवाल को अपने अध्यापकों और बड़ों से बाटा।
Deleteमैंने कार चलाना शौकिया सीखा था,
Deleteलेकिन एक बार यही चीज इमर्जेंसी में
में मेरे kaam आयी।
मेरे बच्चे को महात्मा गांधी का डेट ऑफ बर्थ याद नहीं हो रहा था तो मैंने अपने एंड्रॉयड फोन का पिन नंबर चेंज करके महात्मा गांधी का डेट ऑफ बर्थ1869 कर दिया बार बार जब बच्चा मेरा फोन लेता खेलने के लिए तो यही डेट ऑफ बर्थ डालता इस तरह से उसे डेट ऑफ बर्थ याद हो गया
Deleteशिक्षा महत्व ही अपने आप मे एक जीवन सुधारने की तलवार की तरह है
ReplyDeleteएक शिक्षक के ज्ञान और कौशल का प्रयोग जीवन के हर कार्य और चरण में होता है।शिक्षण और अधिगम के अतिरिक्त भी ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण का प्रयोग जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
Deleteवैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
ReplyDeleteकिसी भी प्रकार का शिक्षा जीवन मे कभी न कभी काम आहि जाती है । इसलिए निरंतर नई चीजें शिखते रहिये
ReplyDeleteशिक्षा का मेरा नाम तो आ रहा है जीवन में बहुत महत्व है हमें हमेशा कुछ नया सीखना और सिखाते रहना चाहिए
Delete
Deleteवैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
I use my professional skill of handling my students, while I interact children and if needed mold the children in the neighborhood
ReplyDeleteवैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
DeleteRitu Bhate
ReplyDeleteDuring lockdown when it was very difficult to get vegetables, we made our own little garden and grew methi, coriander, green chilly, bitter gourd, lemon, mint, bottle gourd, brinjal etc.
We relished these vegetables free of coast and without any fear.
I was able to execute it successfully because of my professional knowledge about the plants and their different requirements.
DeleteSchool ya ghar par sikhi gai koi bhi skill jeevan mein kabhi bhi kam aa sakti hai maine bhi lockdown mein gardening sikhi vah school mein apply kiya h
ReplyDeleteजीवन में शिक्षा का महत्व जीवन की हर मोड़ पर शिक्षा या ज्ञान हर किसी हर व्यक्ति के जीवन व्यर्थ नहीं जाता है।
Deleteजीवन में शिक्षा का महत्व जीवन की हर मोड़ पर शिक्षा या ज्ञान हर किसी हर व्यक्ति के जीवन व्यर्थ नहीं जाता है।
ReplyDeleteजीवन में व्यर्थ नहीं जाता है।
ReplyDeleteजीवन में शिक्षा का महत्व जीवन की हर मोड़ पर शिक्षा या ज्ञान हर किसी हर व्यक्ति के जीवन व्यर्थ नहीं जाता है।
ReplyDeleteAgr bachho ko professional education diya Jaye to kabhi iski jrurt pd skti h
ReplyDeleteMy computer knowledge really helped me in this lock down as teachers we have to take online classes and i was using my computer for making videos and activities to teach my students in an interesting manner so that the learning becomes durable and indelible.
ReplyDeleteजीवन में शिक्षा का महत्व जीवन की हर मोड़ पर शिक्षा या ज्ञान हर किसी हर व्यक्ति के जीवन व्यर्थ नहीं जाता है।
ReplyDeleteवैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
ReplyDeleteवैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
DeleteDuring lockdown Technology helped a lot in maintaining the pace of studies
ReplyDeleteमेरे बच्चे को महात्मा गांधी का डेट ऑफ बर्थ याद नहीं हो रहा था तो मैंने अपने एंड्रॉयड फोन का पिन नंबर चेंज करके महात्मा गांधी का डेट ऑफ बर्थ1869 कर दिया बार बार जब बच्चा मेरा फोन लेता खेलने के लिए तो यही डेट ऑफ बर्थ डालता इस तरह से उसे डेट ऑफ बर्थ याद हो गया
ReplyDeleteमाय फिल्म या घरेलू उदाहरणों का प्रयोग करता हूं जो कि बच्चों के जीवन में दिन-प्रतिदिन घटित होते रहते हैं जहां उनके रुचि ज्यादा होती होती है और उसको भी संबंधित करते हैं अपने पुस्तके ज्ञान से और बखूबी सीख जाते हैं ।
ReplyDeleteराजेश कुमार kv nhpc सिंगताम
ReplyDeleteमेरे परिवार में भतीजी मोबाईल के माध्यम से अनेक तथ्यों को याद कर ली है ।
यूट्यूब के माध्यम से मैंने सीमेंट और रेत से गमला बनाना सिखा कोविड 19 के अंतर्गत मुझे एक नई कला सीखने को मिली और मेरा समय का सदुपयोग भी हुआ इस प्रकार से हम बच्चों को यूट्यूब के माध्यम से वीडियो के माध्यम से व्यवसायिक कलाओं का ज्ञान दे सकते हैं
ReplyDeleteयूट्यूब के माध्यम से मैंने सीमेंट और रेत से गमला बनाना सिखा कोविड 19 के अंतर्गत मुझे एक नई कला सीखने को मिली और मेरा समय का सदुपयोग भी हुआ इस प्रकार से हम बच्चों को यूट्यूब के माध्यम से वीडियो के माध्यम से व्यवसायिक कलाओं का ज्ञान दे सकते हैं
ReplyDeleteयूट्यूब के माध्यम से मैंने सीमेंट और रेत से गमला बनाना सिखा कोविड 19 के अंतर्गत मुझे एक नई कला सीखने को मिली और मेरा समय का सदुपयोग भी हुआ इस प्रकार से हम बच्चों को यूट्यूब के माध्यम से वीडियो के माध्यम से व्यवसायिक कलाओं का ज्ञान दे सकते हैं
ReplyDeleteवैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
ReplyDeleteलिंगभेद उचित नहीं है। लड़का लड़की एक समान। दोनो भारत की हैं जान।
ReplyDeleteवैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
ReplyDeleteवैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
Deleteमेरे बच्चे को महात्मा गांधी का डेट ऑफ बर्थ याद नहीं हो रहा था तो मैंने अपने एंड्रॉयड फोन का पिन नंबर चेंज करके महात्मा गांधी का डेट ऑफ बर्थ1869 कर दिया बार बार जब बच्चा मेरा फोन लेता खेलने के लिए तो यही डेट ऑफ बर्थ डालता इस तरह से उसे डेट ऑफ बर्थ याद हो गया
ReplyDeleteवर्षों से all around devlopment की बात चल रही थी लेकिन अब आशा की किरण दिखाई दे रही है।
ReplyDeleteLALIT KUMAR TIWARI PS KABIRABAD MUHAMMADABAD GOHANA MAU ( UP)
ReplyDeleteमेरे बच्चे को महात्मा गांधी का डेट ऑफ बर्थ याद नहीं हो रहा था तो मैंने अपने एंड्रॉयड फोन का पिन नंबर चेंज करके महात्मा गांधी का डेट ऑफ बर्थ1869 कर दिया बार बार जब बच्चा मेरा फोन लेता खेलने के लिए तो यही डेट ऑफ बर्थ डालता इस तरह से उसे डेट ऑफ बर्थ याद हो गया
मेरे बच्चे को महात्मा गांधी का डेट ऑफ बर्थ याद नहीं हो रहा था तो मैंने अपने एंड्रॉयड फोन का पिन नंबर चेंज करके महात्मा गांधी का डेट ऑफ बर्थ1869 कर दिया बार बार जब बच्चा मेरा फोन लेता खेलने के लिए तो यही डेट ऑफ बर्थ डालता इस तरह से उसे डेट ऑफ बर्थ याद हो गया
ReplyDeleteकिसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
ReplyDeleteघरेलू उदाहरणों का प्रयोग करता हूं जो कि बच्चों के जीवन में दिन-प्रतिदिन घटित होते रहते हैं जहां उनके रुचि ज्यादा होती होती है और उसको भी संबंधित करते हैं अपने पुस्तके ज्ञान से और बखूबी सीख जाते हैं ।
ReplyDeleteAap wohi kaam kariye jo aap apne bachhon ko sikhana chahte h.
ReplyDeleteशिक्षा प्राप्त करने का तथा माता पिता द्वारा दिए गए ज्ञान का ही परिणाम है कि आज हम एक शिक्षक एवं प्रशिक्षक के रूप में कार्यरत है तथा बच्चों को मार्गदर्शन देने के लिए तत्पर है।
ReplyDeleteवास्तव में नेशनल कैडेट कोर ने मुझे अनुशासन ,समयबद्धता, कर्तव्य परायण ,बनाया। लीडरशिप क्वालिटी विकसित हुई जिसके वजह से आज मै एक प्रशिक्षक के रूप में शिक्षा विभाग में हूं। इस योग्यता के कारण ही आज ग्रेडेड लार्निंग प्रोग्राम, निष्ठा प्रशिक्षण, और अभी एनसीईआरटी द्वारा चलाए जा रहे क्लास 1 रिमझिम , में मास्टर्स ट्रेनर का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा हूं।
जीवन का पूर्व अनुभव निश्चित रूप से हमे आगे बढ़ने में मदद करते है और हम एक अच्छे मार्गदर्शक बन पाते है। बशर्ते सभी सकारात्मक अनुभावों को हम स्वीकार करें।
Emergency stage में व्यवसायिक शिक्षा बहुत ही कारगर है यदि हमारे पास व्यवसायिक कौशल है तो वह आपातकाल में काम आ जायेगा जिससे हमारे पैसे की बचत होगी जैसे यदि किसी को सर्पदंश लग जाये तो प्राथमिक उपचार करके उसके विशेष को कम कर सकते हैं
ReplyDeleteजीवन में शिक्षा का महत्व जीवन की हर मोड़ पर शिक्षा या ज्ञान हर किसी हर व्यक्ति के जीवन व्यर्थ नहीं जाता है।
ReplyDeleteजीवन में शिक्षा का महत्व जीवन के हर मोड़ पर शिक्षा या ज्ञान हर किसी हर व्यक्ति के जीवन व्यर्थ नहीं जाता है.
Deleteकोविड-19 जैसे वैश्विक महामारी के कारण जहां एक और विद्यालय बंद है वहीं दूसरी ओर विद्यार्थी शिक्षा से दूर है । विद्यार्थियों को शिक्षा से जोड़ें रखने हेतु हम लोगों ने आईसीटी का उपयोग किया । इस दौरान एक दिलचस्प वाकया सामने आया जो व्यवसायिक शिक्षा का एक उदाहरण बन गया । हुआ यूं कि विद्यार्थी के द्वारा हस्तनिर्मित प्लास्टिक का वृक्ष का स्वरूप विद्यालय को समर्पित किया था । कोविड-19 के समय में रखरखाव के कारण अनुपयोगी समझा जाने लगा और उसे कचरा में फेंक दिया गया। जब मेरी नजर उस पर पड़ी तो मैंने उसे उठाकर साफ किया साथी अपने सहयोगी शिक्षकों से उसे पुनर्निर्माण पर विचार किया । मेरे विद्यालय में विद्युतीकरण का कार्य चल रहा था। वायरिंग में उपयुक्त Beat का टुकड़ा जो अनुपयोगी था उससे फलों के छोटे-छोटे स्वरूप तैयार किए और उसमें स्वर व्यंजन अक्षरों को लिखा। उसके बाद उस फेंके हुए वृक्ष स्वरुप खेता हानियों मे पीरों दीया जो एक अक्षर वृक्ष के रूप में बनकर तैयार हो गया। जो आज मेरे टेबल की शोभा बढ़ा रही है । इस प्रकार से कबाड़ से जुगाड़ तकनीक को बढ़ावा मिलता है। इसे हम पढ़ाई के साथ - साथ व्यवसायिक शिक्षा के रूप में शिक्षा के मुख्यधारा से जोड़ सकते हैं हैं।
ReplyDeleteJab Main Chhoti Thi To apni hi class ke kamjor bacchon ko padhaayaa karti thi is se mera Gyan bhi pakka ho jata tha aur Bade hokar Mujhe a iska bahut Adhik Labh hua
ReplyDeleteTraining lene se hm kisi bhi feild me vyvharik roop me kary ko kiryavnvit krte h so training is my imp part of life
ReplyDeleteकोविड 19 के दौरान मैंने अपने विद्यालय के कुछ छात्रों को साथ लेकर बच्चों को आई सी टी की मदद से सीमेंट के गमले बनाना सिखाया ।साथ ही कलम से तैय्यार होने वाले कुछ फूल वाले पौधों को तैय्यार करना सिखाया ।आज उनमें से दो बच्चे उसी को अपना रोजगार बना कर जीवन चला रहे हैं साथ ही पढ़ भी रहे हैं।
ReplyDeleteशिक्षा जीवन में सदैव सहायक होती है अतः निरन्तर सीखते रहिए
ReplyDeleteOn the occasion of dewali I completeled my lighting on my house itself. I saw a electrician when he was working.
ReplyDeleteOnce I did my plumbing work itself at home.
I use my professional skill of handling my students, while I interact children and if needed mold the children in the neighborhood
ReplyDeleteशिक्षा महत्व ही अपने आप मे एक जीवन सुधारने की तलवार की तरह है
ReplyDeleteमनसा कुमारी राठौर शिक्षामित्र
Mai mechanical engineer hun isliye mujhe machines and electrical ki jankari h to mechanics and electrical se sambandit sabhi kaam apne ap karke life ko easy bna leta hun
ReplyDeleteJaise ghar ki sari light fitting khud krna etc...
शिक्षा के बिना जीवन व्यर्थ है।
ReplyDeleteमेरे स्कूल में खेलते वक्त एक बच्चा गिर गया जिससे उसका पैर मैं चोट लग गई और उस से खून बहने लगा ।मैं उसे अपने पास बुला करके ,विद्यालय से फर्स्ट एड बॉक्स में से दवा ले करके उसके पैर पर अच्छी तरह से लगाकर के बैंडेज लगा करके बांध दिया जिससे उसका खून बहना बंद हो गया ।इससे पहले मैं फर्स्ट एड का प्रशिक्षण लिया था ,उसका फायदा मुझे अपने विद्यालय पर मिला।
ReplyDeleteशिक्षा के बिना जीवन व्यर्थ है।
ReplyDeleteयूट्यूब के माध्यम से मैंने सीमेंट और रेत से गमला बनाना सिखा , बागवानी पर कई वीडियो देख इसके व्यवसायीकरण पर जानकारी ली । कोविड 19 के अंतर्गत मुझे एक नई कला सीखने को मिली और मेरा समय का सदुपयोग भी हुआ इस प्रकार से हम बच्चों को यूट्यूब के माध्यम से वीडियो के माध्यम से व्यवसायिक कलाओं का ज्ञान दे सकते हैं ।
ReplyDeleteमैने बचपन में पंखे के प्लग को ठीक किया
ReplyDeleteYe Example ye show kerta h k Koi b sekhi hui skill kabhi b kam aa jate h .hum ko Ajeevan kuch na kuch sekhane ka peryass kerna chahiye
ReplyDeleteCovid 19 lockdown m Bohat s aise kam the jo sab n pehli bar kiye ho g ye time b apne s reintroduce hone ka b keh sakte h .
जीवन में शिक्षा का महत्व जीवन की हर मोड़ पर शिक्षा या ज्ञान हर किसी हर व्यक्ति के जीवन में व्यर्थ नहीं जाता है वर्षों से ऑल राउंड डेवलपमेंट की बात चल रही थी लेकिन अब आशा की किरण दिखाई दे रही है
ReplyDeleteHamare jivan me vyavsayik shiksha ka bhi bahut mahtav hota hai..
ReplyDeleteकिसी भी प्रकार का शिक्षा जीवन मे कभी न कभी काम आहि जाती है । इसलिए निरंतर नई चीजें शिखते रहिये ।।
ReplyDeleteमनसा कुमारी राठौर शिक्षामित्र
व्यवसायिक शिक्षा बहुत ज़रूरी है किसी न किसी कारण से हर व्यक्ति इससे जुड़ जाता है
ReplyDeleteMaine apne students ko unki skills ko kisi anya karya k liye upyog Karna bataya hai.
ReplyDeleteAgar bacchon ko vyavsayik shiksha di jaye to yeh unko Svalambi banane me sahayak hogi aur hamari bhavi pidhiyon ka nav nirmaan hoga
ReplyDeleteआज व्यावसायिक शिक्षा का उपयोग बढ़ता जा रहा है
ReplyDeleteबच्चों को प्राथमिक स्तर से ही व्यवसायिक शिक्षा देने हम उनको भविष्य को सुरक्षित करने मे सहायता कर सकते हैं
एक बार विद्यालय में लिफाफे खत्म हो गये थे तो यू ट्यूब की मदद से लिफाफे बनाने की प्रक्रिया सीखी और छात्रों के साथ बहुत सारे लिफाफे बना लिये ।
ReplyDeleteव्यवसायिक शिक्षा बहुत ज़रूरी है किसी न किसी
ReplyDeleteकारण से हर व्यक्ति इससे जुड़ जाता है
Minakshi Arya P.S. Ajmpur Majbta
घरेलू उदाहरणों का प्रयोग करती हूं जो कि बच्चों के जीवन में दिन-प्रतिदिन घटित होते रहते हैं जहां उनके रुचि ज्यादा होती होती है और उसको भी संबंधित करते हैं अपने पुस्तके ज्ञान से और बखूबी सीख जाते हैं ।
ReplyDeleteI use my Professional skills in gardening. Requirements of sunlight and water for the plants. Using baking soda to remove mould and pest from carpet
ReplyDeleteबच्चों को हाथ से कढ़ाई करना सिखाया, कपड़े से पंखा बनाना सिखाया
ReplyDeleteLubna
DeleteMaine lockdown mai apni beti or family k dusre chhote bachchon kliye left over fabrics se dresses bnayi jisse unki needs puri hui sath hi iron ka plug kharab hone pr usko khud hi badal deti hu
वैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।lk
ReplyDeleteLubna
ReplyDeleteLockdown mai meni apni beti or family k chhote bachchon k liye left over fabrics se dresses bnayi or iron ka plug kharab hone pr khud badal deti hu
खाना बनाना, बाल काटना ये सभी कार्य मैनें आवश्यकता पड़ने पर प्रशिक्ष०ा लिया था जो कि अब भी मुझे आत्मनिर्भर बनाता हैं।
ReplyDeleteनवनीत प्रताप सिंह
स०अ०
प्रा०वि० रामजीवाला
ब्लॉक- मौ०पुर देवमल
जिला- बिजनौर(उ०प्र०)
Ek bar mere sir me dard tha mujhe jankari thi ki calpol khane se dard thek hota hai. Dard Sahi ho gya.
ReplyDeleteEmergency stage में व्यवसायिक शिक्षा बहुत ही कारगर है यदि हमारे पास व्यवसायिक कौशल है तो वह आपातकाल में काम आ जायेगा जिससे हमारे पैसे की बचत होगी जैसे यदि किसी ने इलेक्ट्रीशियन का कार्य सीखा है तो भविष्य में वह अपने घर के छोटे उपकरणों की मरम्मत स्वयं कर सकता है।
ReplyDeleteएक शिक्षक के ज्ञान और कौशल का प्रयोग जीवन के हर कार्य और हर चरण में होता है I शिक्षण और अधिगम के अतिरिक्त भी इस ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण का प्रयोग जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है I
ReplyDeleteमेरे स्कूल में खेलते वक्त एक बच्चा गिर गया जिससे उसका पैर मैं चोट लग गई और उस से खून बहने लगा ।मैं उसे अपने पास बुला करके ,विद्यालय से फर्स्ट एड बॉक्स में से दवा ले करके उसके पैर पर अच्छी तरह से लगाकर के बैंडेज लगा करके बांध दिया जिससे उसका खून बहना बंद हो गया ।इससे पहले मैं फर्स्ट एड का प्रशिक्षण लिया था ,उसका फायदा मुझे अपने विद्यालय पर मिला
ReplyDeleteवैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
ReplyDeleteवैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
ReplyDeleteAHMAD HASAN UPS JAITIPUR
I maintained my school India Marka hand pump many times. We do our general works own as chang the bulbs,regulators etc.
ReplyDeleteशिक्षा जीवन में प्रत्येक क्षण काम आती है। इसलिए निरन्तर सीखते रहना चाहिए ।
ReplyDeleteएक शिक्षक के ज्ञान और कौशल का प्रयोग जीवन के हर कार्य और चरण में होता है।शिक्षण और अधिगम के अतिरिक्त भी ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण का प्रयोग जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
ReplyDeleteआज का युग एक व्यावसायिक युग है जिसमे साधारण शिक्षा के साथ व्यवसायिक शिक्षा भी बहुत जरूरी है जिससे बच्चे रोजगार भी प्राप्त कर सकें।
ReplyDeleteMy computer knowledge really helped me in this lock down as teachers we have to take online classes and i was using my computer for making videos and activities to teach my students in an interesting manner so that the learning becomes durable and indelible.
ReplyDeleteआज का युग एक व्यावसायिक युग है जिसमे साधारण शिक्षा के साथ व्यवसायिक शिक्षा भी बहुत जरूरी है जिससे बच्चे रोजगार भी प्राप्त कर सकें।
Deleteवैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
ReplyDeleteMy knowledge of computer help me in teaching during this vivid time
ReplyDeleteHamare jeevan m vyavsayik shiksha ka bhi bahut mahatv h kisi na kisi karan her vayakti isse jud jata h
ReplyDeleteAur unko svalambi banane m sahayak hoti h
प्रत्येक बच्चे के अंदर आत्मविश्वास जगाने के लिए व्यवसायिक शिक्षा अनिवार्य है
ReplyDeleteArchana chaudhary U.P.S.Heerpur, Sidhauli, Sitapur
ReplyDeleteAaj vyavsayik shiksha ka upyog barhta ja raha hai. bacchho ko prathmik star se he vyavsayik shiksha ke bare me jankari dekar hum unke bhavishaya ko surachit karne me shayta kar sakte hai.
जीवन में शिक्षा का महत्व जीवन की हर मोड़ पर शिक्षा या ज्ञान हर किसी हर व्यक्ति के जीवन व्यर्थ नहीं जाता है।
ReplyDeleteशिक्षा जीवन में प्रत्येक क्षण काम आती है ।इस लिए निरन्तर सीखते रहना चाहिए।
ReplyDeleteअपने दैनिक जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है ऐसी अनेक कठिनाइयों का हल करते करते व्यक्तित्व में अनेक कौशलों का विकास हो जाता है मैंने कक्षा 12 पास होने के बाद गांव की विद्यालय में पढ़ाने में रुचि लेते हुए अपने पढ़ाने की सोशल में पारंगत ता पाई जो मेरी विशेष रूचि बन गई और आज अपने अध्यापन आज अपने अध्यापन कौशल में आज अपने अध्यापन कौशल उन विषम परिस्थितियों का अनुभव लेकर बच्चों से अंतर क्रिया करके उनके व्यक्तित्व का विकास करते आ रहे हैं आ रहे हैं !
ReplyDeleteशिक्षा प्राप्त करने का तथा माता पिता द्वारा दिए गए ज्ञान का ही परिणाम है कि आज हम एक शिक्षक एवं प्रशिक्षक के रूप में कार्यरत है तथा बच्चों को मार्गदर्शन देने के लिए तत्पर है।
ReplyDeleteवास्तव में नेशनल कैडेट कोर ने मुझे अनुशासन ,समयबद्धता, कर्तव्य परायण ,बनाया। लीडरशिप क्वालिटी विकसित हुई जिसके वजह से आज मै एक प्रशिक्षक के रूप में शिक्षा विभाग में हूं। इस योग्यता के कारण ही आज ग्रेडेड लार्निंग प्रोग्राम, निष्ठा प्रशिक्षण, और अभी एनसीईआरटी द्वारा चलाए जा रहे क्लास 1 रिमझिम , में मास्टर्स ट्रेनर का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा हूं।
जीवन का पूर्व अनुभव निश्चित रूप से हमे आगे बढ़ने में मदद करते है और हम एक अच्छे मार्गदर्शक बन पाते है। बशर्ते सभी सकारात्मक अनुभावों को हम स्वीकार करें
मैं एक शिक्षिका हूं।मैंने कोविड़-19 के इस दौर में अपने विद्यालय के कुछ बच्चो के साथ यू ट्यूब चैनल की मदद से गमले बनाना सीखा और सिखाया भी ।साथ ही कुछ फूलों को भी बनाना सिखाया जिससे ज्ञान मै बढ़ोतरी होती है।शिक्षा के बिना जीवन बेकार है।
ReplyDeleteआज का युग एक व्यावसायिक युग है बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा दिया जाना अति आवश्यक है जिससे बच्चे आत्म निर्भर बन सके ।
ReplyDeleteoccupational education is very important
Deleteशिक्षा ही जीवन है, जीवन में कुछ नया सीखते रहना चाहिए।सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठकर शिक्षण कार्य करना चाहिए। तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा, तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए। शिक्षा जीवन में प्रत्येक क्षण काम आती है इसलिए हमें निरन्तर सीखते रहना चाहिए।
ReplyDeleteजीवन का पूर्व अनुभव निश्चित रूप से हमे आगे बढ़ने में मदद करते है और हम एक अच्छे मार्गदर्शक बन पाते है। बशर्ते सभी सकारात्मक अनुभावों को हम स्वीकार करें
ReplyDeleteवैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
ReplyDeleteशिक्षा ही जीवन है। जीवन में कुछ नया सीखते रहना चाहिए
ReplyDeleteमैंने गाय के गोबर से धूपबत्ती बनाकर , सुखा कर , पैक करके बच्चों को जलाने को दी और बताया कि मात्रा बढाकर इनका व्यवसाय भी किया जा सकता है
ReplyDeleteOccupational education is very important for all .all children take interest in study when we give them occupational education. this is very useful for their daily life. if they learn like this they can use this skill whenever they need in there life.
ReplyDeleteMere ghar par kitchen me jab bhi gas ka cylinder khatam hota tha to papa hi change karte the. Maine kai baar unhe aisa karte hue dekha tha...ek baar achanak cylinder khatam ho gaya to mummi ko chinta hui ki abhi to khana bhi nhi bana, ab kya kare. Tab maine mummi se bola ki mai change kar dungi. Tab maine pahli baar cylinder change kiya aur aaj bhi apne ghar par jyadatar mai hi ye kaam karti hu
ReplyDeleteजीवन में शिक्षा का महत्व जीवन की हर मोड़ पर शिक्षा या ज्ञान हर किसी हर व्यक्ति के जीवन व्यर्थ नहीं जाता है।
ReplyDeleteजीवन का पूर्व अनुभव निश्चित रूप से हमे आगे बढ़ने में मदद करते है और हम एक अच्छे मार्गदर्शक बन पाते है। बशर्ते सभी सकारात्मक अनुभावों को हम स्वीकार करें
DeleteI used my teaching skills in Covid 19 and started teaching my students via offline and online means.
ReplyDeleteCovid 19 के दौर में मैंने नेट का सदुपयोग सीखा जो मुझे बच्चों को सिखाने में उपयोगी हो रहा है l
ReplyDeleteVyavsayik shiksha bahut mahatvpurn hai bachche ise ruchi se seekhte hain.
ReplyDeleteआज का युग एक व्यावसायिक युग है बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा दिया जाना अति आवश्यक है जिससे बच्चे आत्म निर्भर बनsken
ReplyDeleteBina Ling bhedbhav ke bachcho ko bvaoshayik shiksha ke prati nit new.aayam se parichit karate rhene SE unme apne Jivan ko shiksha ke sath sath byashayik shikskha me judav paeda hoga aur bhavishya me bachche jevan ko safal or sakenge.
ReplyDeleteShiksha anvarat chlne wali process h. Jiska ki ant nahi h. Kabhi bhi seekhna bnd nahi krna chahiye. Hmesha seekhte renhna chahiye. Kabhi bhi sekhi hui cheej barbaad nahi jaati. So hamesha seekhte rhe seekhate rhe.
ReplyDeleteमैं पेशे से एक शिक्षक हूँ। मैं अपने इस जीवन कौशल का उपयोग करके अपनी दिनचर्या को इसी तरह चलता ही रहता हूँ । इससे मैं अपना; आपने बच्चों और बहुत सारे अन्य बच्चों का कल्याण करता हूँ ।
ReplyDeleteएक शिक्षक के ज्ञान और कौशल का प्रयोग जीवन के हर कार्य और हर चरण में होता है I शिक्षण और अधिगम के अतिरिक्त भी इस ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण का प्रयोग जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है I
ReplyDeleteजीवन में शिक्षा का महत्व कभी व्यर्थ नहीं जाता नहीं जाता है।
ReplyDeleteCovid 19 के दौर में मैंने नेट का सदुपयोग सीखा जो मुझे बच्चों को सिखाने में उपयोगी हो रहा है l
ReplyDeleteवैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
ReplyDeleteJanuary 2021 at 12:40
ReplyDeleteयह उदाहरण यह दर्शाता है कि कोई भी सीखा हुआ कौशल कभी भी काम आ सकता है ।हमको आजीवन कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए कोविड-19 के समय बहुत से ऐसे काम थे जो लोगों ने पहली बार किए होंगे किसी भी प्रकार की शिक्षा जीवन में कभी न कभी काम आ ही जाती है इसलिए निरंतर नईं चीजें सीखते रहना चाहिए ।
COVID -19 के समय बच्चे मोबाइल ,रेडियो,T.V. आदि के माध्यम से शिक्षण कार्य के दौरान इन सभी उपकरणों के बारे में बच्चे तकनीकी ज्ञान सीखे ।जैसे रेडियो के सेल बदलना , मोबाइल चार्ज करना , Internet के कविता ,कहानी खोजना आदि।
ReplyDeleteव्यावसायिक शिक्षा औपचारिक हो या अनौपचारिक, जीवन के हर मोड़ पर काम आती है | विद्यार्थी-जीवन में मेरी एक सहेली की पाक कला में बहुत रुचि थी | कुछ सहपाठिनों ने पाक कला की कक्षाओं में दाखिला ले लिया | कालांतर में उस सहेली की आर्थिक स्थिति बहुत दयनीय हो गई, तब इसी कौशल को उसने अपनी आजीविका का साधन बनाया और अपने परिवार की देखभाल की | आज वह एक रेस्टोरेन्ट की स्वामिनी है | वर्तमान में सौंदर्य-प्रशिक्षण का एक प्रचलन-सा हो गया है, परंतु कई बार इसी प्रशिक्षण को मैंने आगे चलकर पेशे के रूप में अपनाते हुए भी देखा है |
ReplyDeleteपेशेवर-प्रशिक्षण कभी व्यर्थ नहीं जाता |
यूट्यूब के माध्यम से मैंने सीमेंट और रेत से गमला बनाना सिखा कोविड 19 के अंतर्गत मुझे एक नई कला सीखने को मिली और मेरा समय का सदुपयोग भी हुआ इस प्रकार से हम बच्चों को यूट्यूब के माध्यम से वीडियो के माध्यम से व्यवसायिक कलाओं का ज्ञान दे सकते हैं
ReplyDeleteइस kovid 19 दौर में बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार उपलब्ध संसाधनों से कुछ टेक्निकल जानकारी देनी चाहिए जिससे दैनिक जीवन में उसका उपयोग हो सके।शिक्षा ही जीवन है। जीवन में कुछ नया सीखते रहना चाहिए
ReplyDeleteइस महामारी के दौरान बच्चों से संबाद करना मुश्किल हो रहा था किन्तु तकनीकी संसाधनों द्वारा संबाद करना सम्भव हो पाया है किन्तु ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी उपकरणों एवं जानकारी के अभाव के कारण शिक्षण गतिविधि प्रभावी ढंग से संचालित नहीं हो पा रही है, अत: शिक्षण विधि को सरल बनाने पर जोर दिया जाए
ReplyDeleteइस kovid 19 दौर में बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार उपलब्ध संसाधनों से कुछ टेक्निकल जानकारी देनी चाहिए जिससे दैनिक जीवन में उसका उपयोग हो सके
ReplyDeleteमैं एक शिक्षिका हूं।मैंने कोविड़-19 के इस दौर में अपने विद्यालय के कुछ बच्चो के साथ यू ट्यूब चैनल की मदद से गमले बनाना सीखा और सिखाया भी ।साथ ही कुछ फूलों को भी बनाना सिखाया जिससे ज्ञान मै बढ़ोतरी होती है।शिक्षा के बिना जीवन बेकार है।
ReplyDeleteमैं एक शिक्षिका हूं कोविड-19 के बीच मैंने देखा कि 8thclass मैं पढ़ने वालामेरा बच्चा पढ़ाई में इंटरेस्ट नहीं ले रहा तो मैंने उसे आसपास खेल रहे कबाड़ी वाले के तीन बच्चों को (class 1-2)पढ़ाने का जिम्मा दिया जिसे उसने बखूबी पूरा किया इससे उसमें पढ़ने के प्रति इंटरेस्ट भी पैदा हुआ और उसके अंदर जिम्मेदारी का एहसास हुआ तथा नेतृत्व की क्षमता का भी विकास हुआ और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उन बच्चों का भी पढ़ाई में सहयोग मिला
ReplyDeleteMaine covid-19ke dauran switch board me lage taaro ko sahi karna sikh liya.ab mai plug me taarlagana,hester sahi karna seekh liya hai aur sahi bhi karati hu.
ReplyDeleteimranamalikht
ReplyDeleteइस kovid 19 दौर में बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार उपलब्ध संसाधनों से कुछ टेक्निकल जानकारी देनी चाहिए जिससे दैनिक जीवन में उसका उपयोग हो सके.
ReplyDeleteवैसे तो किसी भी व्यवसाय में लिंग भेद उचित नहीं माना जा सकता परन्तु हम लिंगभेद को बढ़ावा ना दे इसकी शुरुआत हमें स्कूली शिक्षा से ही करनी होगी। स्कूल वह स्थान है जहां पर हम छात्र व छात्राओं के निकट संपर्क में रहते है। अतः सभी शिक्षकों को लिंगभेद के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए तभी हमारी भावी पीढ़ी का नव निर्माण हो सकेगा तभी हमें यह मानना चाहिए कि हम सच्ची शिक्षा दे पाए।
ReplyDeletePremlata yadav 1January2021 at 3:5 इस कोविद 19 दौर में बच्चों को उनकी रुचि के अनुसार उपलब्ध संसाधनों से कुछ टेक्निकल जानकारी देनी चाहिए जिससे दैनिक जीवन में उसका उपयोग हो सके
ReplyDeleteमुझे सूखा कचरा के डिब्बे में डालना चाहिए और गीला कचरा किस डिब्बे में यह याद नहीं रहता था इसके लिए मैंने एक प्लान की वे इसके लिए दो कोड लिए बीडी वह जीजी इन्हीं कोर्ट के माध्यम से मैंने खुद भी याद रखा और बच्चों को भी याद दिलाया .
ReplyDeleteOnce, on Diwali, when I burst a bomb, the fuse in our house went off due to which the whole electric supply got disturbed and the lights went off. Then I repaired the fuse using my prior about it and brought the light back. In this way we can teach children to use their education in their day to day life to make things simpler abd better.
ReplyDeleteएक रात को मेरे घर की बिजली अचानक चली गई और साथ में इन्वर्टर भी काम नहीं कर रहा था, अब इतनी रात को इलेक्ट्रीशियन को बुलाना सम्भव नहीं था तो मेरा व्यावसायिक शिक्षा में दिया गया प्रशिक्षण काम आ गया और मैंने इन्वर्टर का फ्यूज बदल दिया जिससे बिजली आ गई
ReplyDeleteमेरी बहन ने कढ़ाई, बुनाई, सिलाई का शौकिया तौर पर डिप्लोमा लिया था। समय का चक्र था कि आज उसका पति उसके साथ नहीं है। बहन का ये शौक उसका व्यवसाय बन गया। अतः सभी को नजर में आने वाले काम को ध्यान से समझना चाहिए ।मंजू सचान उच्च प्राथमिक विद्यालय श्रीनगर
ReplyDeleteJab se covid 19 start hua hai tab se bachcho ko reading karne me koi bhi man nhi lag raha hai. Jab vo mahol hi nhi hota hai to bachcho ko reading Bjarne me koi interested nhi hote hai hai isi liy vyawashay siksha hona jaruri hai.
ReplyDeleteविद्यार्थियों को शिक्षा से जोड़ें रखने हेतु हम लोगों ने आईसीटी का उपयोग किया । इस दौरान एक दिलचस्प वाकया सामने आया जो व्यवसायिक शिक्षा का एक उदाहरण बन गया । हुआ यूं कि विद्यार्थी के द्वारा हस्तनिर्मित प्लास्टिक का वृक्ष का स्वरूप विद्यालय को समर्पित किया था । कोविड-19 के समय में रखरखाव के कारण अनुपयोगी समझा जाने लगा और उसे कचरा में फेंक दिया गया। जब मेरी नजर उस पर पड़ी तो मैंने उसे उठाकर साफ किया साथी अपने सहयोगी शिक्षकों से उसे पुनर्निर्माण पर विचार किया । मेरे विद्यालय में विद्युतीकरण का कार्य चल रहा था। वायरिंग में उपयुक्त Beat का टुकड़ा जो अनुपयोगी था उससे फलों के छोटे-छोटे स्वरूप तैयार किए और उसमें स्वर व्यंजन अक्षरों को लिखा। उसके बाद उस फेंके हुए वृक्ष स्वरुप खेता हानियों मे पीरों दीया जो एक अक्षर वृक्ष के रूप में बनकर तैयार हो गया। जो आज मेरे टेबल की शोभा बढ़ा रही है । इस प्रकार से कबाड़ से जुगाड़ तकनीक को बढ़ावा मिलता है। इसे हम पढ़ाई के साथ - साथ व्यवसायिक शिक्षा के रूप में शिक्षा के मुख्यधारा से जोड़ सकते हैं हैं।
ReplyDeleteरविन्द्र कुमार यादव पूर्व माध्यमिक विद्यालय मुनारी चोलापुर वाराणसी उत्तर प्रदेश
घरेलू उदाहरणों का प्रयोग करती हूं जो कि बच्चों के जीवन में दिन-प्रतिदिन घटित होते रहते हैं जहां उनके रुचि ज्यादा होती होती है और उसको भी संबंधित करते हैं अपने पुस्तके ज्ञान से और बखूबी सीख जाते हैं
ReplyDeleteवीनूलता(स०अ०)
प्राथमिक विद्यालय भिस्वा,
ब्लॉक ब्रह्मपुर गोरखपुर,
उत्तर प्रदेश ।
इस महामारी के दौरान बच्चों से संबाद करना मुश्किल हो रहा था किन्तु तकनीकी संसाधनों द्वारा संबाद करना सम्भव हो पाया है किन्तु ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी उपकरणों एवं जानकारी के अभाव के कारण शिक्षण गतिविधि प्रभावी ढंग से संचालित नहीं हो पा रही है, अत: शिक्षण विधि को सरल बनाने पर जोर दिया जाए।कोविड-19यह साबित कर दिया कि बच्चों के लिए ब्यवसायिक शिक्षा बहुत ही आवश्यक है।
ReplyDeleteएक शिक्षक के ज्ञान और कौशल का प्रयोग जीवन के हर कार्य और चरण में होता है।शिक्षण और अधिगम के अतिरिक्त भी ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण का प्रयोग जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
Deleteघरेलू उदाहरणों का प्रयोग करती हूं जो कि बच्चों के जीवन में दिन-प्रतिदिन घटित होते रहते हैं जहां उनके रुचि ज्यादा होती होती है और उसको भी संबंधित करते हैं अपने पुस्तके ज्ञान से और बखूबी सीख जाते हैं
ReplyDeleteManoj kumar chaurasia
ReplyDeleteUPS Mishrawaliya. मेरे स्कूल में खेलते वक्त एक बच्चा गिर गया जिससे उसका पैर मैं चोट लग गई और उस से खून बहने लगा ।मैं उसे अपने पास बुला करके ,विद्यालय से फर्स्ट एड बॉक्स में से दवा ले करके उसके पैर पर अच्छी तरह से लगाकर के बैंडेज लगा करके बांध दिया जिससे उसका खून बहना बंद हो गया ।इससे पहले मैं फर्स्ट एड का प्रशिक्षण लिया था ,उसका फायदा मुझे अपने विद्यालय पर मिला
इस Kovid 19दौर में बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार उपलब्ध संसाधनों से कुछ दैनिक जानकारी देनी चाहिए जिससे दैनिक जीवन में उनका उपयोग हो सकें
ReplyDeleteशिक्षा प्राप्त करने का तथा माता पिता द्वारा दिए गए ज्ञान का ही परिणाम है कि आज हम एक शिक्षक एवं प्रशिक्षक के रूप में कार्यरत है तथा बच्चों को मार्गदर्शन देने के लिए तत्पर है।
ReplyDeleteवास्तव में नेशनल कैडेट कोर ने मुझे अनुशासन ,समयबद्धता, कर्तव्य परायण ,बनाया। लीडरशिप क्वालिटी विकसित हुई
एक बार मेरे स्कूल के कमरे का बल्ब नहीं जल रहा था तो मैने पाया कि कमरे का फ्यूज ही उड़ गया था तब मैंने उसे निकाला और पूर्व में Electrician को फ्यूज बनाते देखे समय को याद करके उसके अनुसार तार लगा दिया तो बल्ब जल उठा।इसलिये व्यवसायिक प्रशिक्षण आवश्यक है।
ReplyDeleteबच्चों को उनकी रूचि के अनुसार व्यावसायिक ज्ञान दिया जाना चाहिए क्योंकि सभी छात्रों की रुचियां भिन्न-भिन्न होती हैं इसलिए हम सर्वप्रथम देखेंगे कि कौन सा छात्र कौन से व्यवसाय में रुचि रखता है हमें उसी के अनुसार छात्रों को व्यवसायिक प्रशिक्षण देना चाहिए
ReplyDeleteएक शिक्षिका हूं कोविड-19 के बीच मैंने देखा कि 8thclass मैं पढ़ने वालामेरा बच्चा पढ़ाई में इंटरेस्ट नहीं ले रहा तो मैंने उसे आसपास खेल रहे कबाड़ी वाले के तीन बच्चों को (class 1-2)पढ़ाने का जिम्मा दिया जिसे उसने बखूबी पूरा किया इससे उसमें पढ़ने के प्रति इंटरेस्ट भी पैदा हुआ और उसके अंदर जिम्मेदारी का एहसास हुआ तथा नेतृत्व की क्षमता का भी विकास हुआ और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उन बच्चों का भी पढ़ाई में सहयोग मिला
ReplyDeleteयूट्यूब के माध्यम से मैंने सीमेंट और रेत से गमला बनाना सिखा कोविड 19 के अंतर्गत मुझे एक नई कला सीखने को मिली और मेरा समय का सदुपयोग भी हुआ इस प्रकार से हम बच्चों को यूट्यूब के माध्यम से वीडियो के माध्यम से व्यवसायिक कलाओं का ज्ञान दे सकते हैं
ReplyDeleteMai husband ke saath bike se school jaa rahi thi ki achanak se bike ruk gayi.
ReplyDeleteJab jaanch padtaal ki to pata chala ki plug me kachra phas gaya tha.
Maine ek baar pahle mechanic ko plug saaf kar lagate hue dekha tha.
Maine waise hi saaf kar diya aur bike start ho gayi.
यह उदाहरण यह दर्शाता है कि कोई भी सीखा हुआ कौशल कभी भी काम आ सकता है ।हमको आजीवन कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए कोविड-19 के समय बहुत से ऐसे काम थे जो लोगों ने पहली बार किए होंगे किसी भी प्रकार की शिक्षा जीवन में कभी न कभी काम आ ही जाती है इसलिए निरंतर नईं चीजें सीखते रहना चाहिए ।
ReplyDeleteVibha Sharma P.S.5 Nagar Shamli-247776
ReplyDeleteयह उदाहरण यह दर्शाता है कि कोई भी सीखा हुआ कौशल कभी भी काम आ सकता है ।हमको आजीवन कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए कोविड-19 के समय बहुत से ऐसे काम थे जो लोगों ने पहली बार किए होंगे किसी भी प्रकार की शिक्षा जीवन में कभी न कभी काम आ ही जाती है इसलिए निरंतर नईं चीजें सीखते रहना चाहिए ।
मेरे बच्चे को महात्मा गांधी का डेट ऑफ बर्थ याद नहीं हो रहा था तो मैंने अपने एंड्रॉयड फोन का पिन नंबर चेंज करके महात्मा गांधी का डेट ऑफ बर्थ1869 कर दिया बार बार जब बच्चा मेरा फोन लेता खेलने के लिए तो यही डेट ऑफ बर्थ डालता इस तरह से उसे डेट ऑफ बर्थ याद हो गया
ReplyDeleteCovid 19 में मई 2020 में मेरे विद्यालय में प्रवासी मजदूरों के लिए corentin centre बना था,और विद्यालय का मोटर खराब हो गया, आसपास कोई मिस्त्री नहीं रहने k कारण मुझे मेरा खुद का थोड़ा बहुत तकनीकी ज्ञान काम आया,और मैंने अपने सहयोगी शिक्षक से खराब हुए मोटर के पार्ट को बाजार से मंगा कर उसे ठीक किया।ऐसे ही हमे अपने बच्चों को भी व्यावसायिक ज्ञान को विकसित करने में सहायक बनना चाहिए। साबिर हुसैन ums sarwan arwal
ReplyDeleteबचपन में गृह विज्ञान में सीखी गई कड़ाई वा फैब्रिक पेंटिंग आज मेरे लिए व्यवसाय का एक साधन बन gy
ReplyDeleteयह उदाहरण यह दर्शाता है कि कोई भी सीखा हुआ कौशल कभी भी काम आ सकता है ।हमको आजीवन कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए कोविड-19 के समय बहुत से ऐसे काम थे जो लोगों ने पहली बार किए होंगे किसी भी प्रकार की शिक्षा जीवन में कभी न कभी काम आ ही जाती है इसलिए निरंतर नईं चीजें सीखते रहना चाहिए ।
ReplyDeleteकोविड - 19 से हम बहुत कुछ सीख पाए | एक दिन रात को करीब 3.00 बजे मेरे बेटे की तबियत ख़राब हो गई| उसे सांस लेना मुश्किल हो रहा था | घर पर मैं और मेरा बेटा | इतने रात को अब मैं किसे बुलाऊ मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था | मैंने 2011 में कार चलाना सीखी थी | मेरा 2014 में accident हो गया था जिसमें मेरा ankle fracture हुआ था जिसके कारण मैंने कार चलाना छोड़ दी थी | किंतु उस रात मैं बेटे को खुद अस्पताल कार से लेकर गई | बस सिखने का फायदा मुझे मिला और कार नहीं चला रही थी मेरा डर भी निकल गया |
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