मॉड्यूल 14 - गतिविधि 6: सर्वोत्तम अभ्यास साझा करें
अपने राज्य / संघ राज्य क्षेत्र / संगठन में किए जा रहे किसी नवाचारी अभ्यास की पहचान करें जो एक उदाहरण के रूप में कार्य कर सकता है या देश के अन्य हिस्सों के लिए एक आदर्श हो सकता है। इसे संक्षेप में साझा करें।
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अपने राज्य / संघ राज्य क्षेत्र / संगठन में किए जा रहे किसी नवाचारी अभ्यास की पहचान करें जो एक उदाहरण के रूप में कार्य कर सकता है
ReplyDeleteमैं अपने विद्यालय में शून्य निवेश नवाचार के माध्यम से शिक्षण करवाती हूं वेस्ट मेटेरियल से मॉडल टी एल एम बनाती हूं एवं छात्रों की मदद करती हूं उन्हें बनाने में
Deleteशिक्षार्थियों को अपने आस-पास के ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे प्राचीन धरोहरों का भ्रमण कराकर अध्यापन कराना जिससे वे विषय वस्तु को अच्छे से सीख सकें।
Deleteमें अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवाती हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
Deleteमै अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवात हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
Deleteमै अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवात हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
Deleteमैं अपने विद्यालय में शून्य निवेश नवाचार के माध्यम से शिक्षण करवाती हूं वेस्ट मेटेरियल से मॉडल टी एल एम बनाती हूं एवं छात्रों की मदद करती हूं उन्हें बनाने में।
Deleteमैं अपने विद्यालय में शून्य निवेश नवाचार के माध्यम से शिक्षण करवाती हूं वेस्ट मेटेरियल से मॉडल टी एल एम बनाती हूं एवं छात्रों की मदद करती हूं उन्हें बनाने में
DeleteDecember 2020 at 10:41
Deleteमैं अपने विद्यालय में शून्य निवेश नवाचार के माध्यम से शिक्षण करवाती हूं वेस्ट मेटेरियल से मॉडल टी एल एम बनाती हूं एवं छात्रों की मदद करती हूं उन्हें बनाने में
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Deleteमै अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवाती हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
Deleteहम दिक्षा ऐप के माध्यम से प्रोजेक्ट के साथ पढ़ाते हैं
Delete2020 at 11:04
Deleteशिक्षार्थियों को अपने आस-पास के ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे प्राचीन धरोहरों का भ्रमण कराकर अध्यापन कराना जिससे वे विषय वस्तु को अच्छे से सीख सकें।
में अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवाती हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
Deleteशिक्षार्थियों को अपने आस-पास के ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे प्राचीन धरोहरों का भ्रमण कराकर अध्यापन कराना जिससे वे विषय वस्तु को अच्छे से सीख सकें।
Deleteबच्चो को प्राचीन धरोहरों को दिखना लाभप्रद होता है
DeleteM apne aspas asani s uplabdh hone vali vastuvno Ki sahayata s baccho ki madad lekar upyogi tlm banvati hu jo Ki saste bhi hote h aur bacche unse jaldi bhi seekhate h
Deleteहमारे राज्य उत्तर प्रदेश में पहले ऑफलाइन प्रशिक्षण दिए जाते थे आज दीक्षा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं जो एक नवीन प्रयास है और सफल भी है अत: दीक्षा पोर्टल एक नवाचारी अभ्यास है। जो अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण होगा।
Deleteआज covid -19 के समय में जब विद्यालय बंद हैं और बच्चे विद्यालय नहीं आ रहे हैं तब मेरे जनपद वाराणसी में मोहल्ला क्लास चलाया जा रहा है । इसमें अध्यापक/अध्यापिकाएं स्कूल में नामांकित बच्चों के गांव/घर में जाकर एक क्षेत्र में उचित स्थान पर एकत्र कर उन्हें शिक्षा देने का कार्य कर रहे हैं।
Deleteबच्चों को अपने आस पास तथा प्राचीन मंदिर प्राचीन भारतीय संस्कृति के बारे में बताने पर लाभ होता है
Deleteमैं अपने आस-पास में जो चीजें है उनके द्वारा बच्चों को नवाचार करवाती हूं अपने आसपास में गिट्टी पत्थर पत्ते लकड़ी इत्यादि से शून्य निवेश के द्वारा बच्चों को नवाचार करवाती हूं और उनको उनके ज्ञान दी को स्थाई बनाती हूं आजकल दीक्षा द्वारा बच्चों को नवी नवाचार कराया जा रहा है भौतिक वस्तुओं द्वारा बच्चों को गणित अच्छे से सिखाया जा सकता है इस तरह नवाचार के आज का भाग सारे संसाधन है आईसीटी का प्रयोग नवाचार के अंतर्गत ही आता है जिसमें बच्चे बहुत कुछ स्थाई रूप से सीखते हैं
Deleteहम दिक्षा ऐप के माध्यम से प्रोजेक्ट के साथ पढ़ाते हैं
Deleteमैं अपने आस-पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं की सहायता से छात्रों की मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टी एल एम बनवाता हूँ जो काफी सस्ता व रोचक भी होंते हैंऔऱ छात्र उनसे आसानी से शीघ्र सीखते हैं।
Deleteज़मीर उददीन स.अ.
Deleteप्रा.वि. मडुआ,ब्लॉक व जनपद फ़िरोज़ाबाद
हमारे राज्य उत्तर प्रदेश में पहले ऑफलाइन प्रशिक्षण दिए जाते थे आज दीक्षा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं जो एक नवीन प्रयास है और सफल भी है अत: दीक्षा पोर्टल एक नवाचारी अभ्यास है। जो अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण होगा मैं अपने आस-पास में जो चीजें है उनके द्वारा बच्चों को नवाचार करवाता हूं अपने आसपास में गिट्टी पत्थर पत्ते लकड़ी इत्यादि से शून्य निवेश के द्वारा बच्चों को नवाचार करवाता हूं और उनको उनके ज्ञान दी को स्थाई बनाता हूं आजकल दीक्षा द्वारा बच्चों को नवीनतम नवाचार करा रहा है भौतिक वस्तुओं द्वारा बच्चों को गणित अच्छे से सिखाया जा सकता है इस तरह नवाचार के आज का भाग सारे संसाधन है आईसीटी का प्रयोग नवाचार के अंतर्गत ही आता है जिसमें बच्चे बहुत कुछ स्थाई रूप से सीखते हैं
मैं अपने आसपास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं की सहायता से बच्चों की मदद शिक्षण उपयोगी टी एल एम बनवाता हूं जो की सस्ते भी होते हैं और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते हैं ।
Deleteहमारे राज्य उत्तर प्रदेश में पहले ऑफलाइन प्रशिक्षण दिए जाते थे आज दीक्षा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं जो एक नवीन प्रयास है और सफल भी है अत: दीक्षा पोर्टल एक नवाचारी अभ्यास है। जो अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण होगा।
Deleteचले हमारे प्रदेश उत्तर प्रदेश में ऑफलाइन प्रशिक्षण होता था आजकल दीक्षा ऐप के माध्यम से निष्ठा प्रशिक्षण ऑनलाइन हो रहा है जो शिक्षा जगत में एक नवीन प्रयास है इसी तरीके से आईसीटी एक नवाचार है जिसके माध्यम से शिक्षण अधिगम प्रक्रिया रुचिकर और अधिक सरल हो गई है
Deleteहमारे राज्य उत्तर प्रदेश में पहले ऑफलाइन प्रशिक्षण दिए जाते थे आज दीक्षा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं जो एक नवीन प्रयास है और सफल भी है अत: दीक्षा पोर्टल एक नवाचारी अभ्यास है। जो अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण होगा मैं अपने आस-पास में जो चीजें है उनके द्वारा बच्चों को नवाचार करवाता हूं अपने आसपास में गिट्टी पत्थर पत्ते लकड़ी इत्यादि से शून्य निवेश के द्वारा बच्चों को नवाचार करवाता हूं और उनको उनके ज्ञान दी को स्थाई बनाता हूं आजकल दीक्षा द्वारा बच्चों को नवीनतम नवाचार करा रहा है भौतिक वस्तुओं द्वारा बच्चों को गणित अच्छे से सिखाया जा सकता है इस तरह नवाचार के आज का भाग सारे संसाधन है आईसीटी का प्रयोग नवाचार के अंतर्गत ही आता है जिसमें बच्चे बहुत कुछ स्थाई रूप से सीखते हैं
Deleteबच्चों को विद्यालय के आसपास के क्षेत्रों का भ्रमण कराना।
DeleteNisprayojay vastuo ka tlm ke roop me prayog karke
DeleteMain Apne aaspaas aasani Se uplabdh Hone Wali vastuon ki sahayata Se bacchon Ki madad Lekar Shikshan upyogi LM banva Ta hun jo saste hote hain aur bacche Unse jaldi d d sikhate Haia
Deleteसांस्कृतिक गतिविधियों के अंतर्गत विद्यालय में role play नुक्कड़ नाटक देश भक्ति गीत और करवाना चाहिए पर्यावरण गतिविधियों के अंतर्गत विद्यालय में वृक्षारोपण करवाना चाहिए और बच्चों को आसपास की चीजों को दिखाने के लिए क्षेत्रीय भ्रमण करवाना चाहिए
Deletehttps://youtu.be/Vw-TeVhfVxY hm bachho ko iske madham se below sikha sakte hai
ReplyDeleteमै अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवात हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
Deleteमै अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवात हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
DeleteUse of online tools to educate students on various socio-economics issues, subjects and life skills as students are quick learners when it comes to technology.
Deleteशिक्षार्थियों को अपने आस-पास के ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे प्राचीन धरोहरों का भ्रमण कराकर अध्यापन कराना जिससे वे विषय वस्तु को अच्छे से सीख सकें।
DeleteUse of online tools to educate students on various socio-economics issues, subjects and life skills as students are quick learners when it comes to technology.
ReplyDeleteबहुत उपयोगी हैं
ReplyDeleteCovid--19ke time se jo bhi sikshan ka kam kiya ja raha hai yahi to navachar hai
Deleteमै अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवात हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
Deleteसांस्कृतिक गतििधियों के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं करवा सकते हैं जैसे कि रोल प्ले, नुक्कड़ नाटक बाल सभा आदि। और पर्यावणीय गतिविधियों मे वृक्षारोपण खेतो का भ्रमण उद्यानों का भ्रमण आदि करवा सकते हैं।
DeleteSaharanapur. M Bohat s Navachar ho rhe h
ReplyDeleteSmt.Ritu maam n Sanskrit m bohat hi prayog kiye h
Anjali Arya g bohat kathputlio m prayog ker k kuch naya sikhati h
Jeet jye g hum group Kisi n kisi new peryog ko show kerta h
Neelu maam ,Bhavna maam Nutan maam bohat s Navachar Ko platforms dilwa rhi h
शिक्षार्थियों को अपने आस-पास के ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे प्राचीन धरोहरों का भ्रमण कराकर अध्यापन कराना जिससे वे विषय वस्तु को अच्छे से सीख सकें।
Deleteशिक्षार्थियों को अपने आस-पास के ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे प्राचीन धरोहरों का भ्रमण कराकर अध्यापन कराना जिससे वे विषय वस्तु को अच्छे से सीख सकें।
Deleteशिक्षार्थियों को अपने आस-पास के ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे प्राचीन धरोहरों का भ्रमण कराकर अध्यापन कराना जिससे वे विषय वस्तु को अच्छे से सीख सकें।
Deleteसांस्कृतिक गतिविधियों के अंतर्गत विद्यालय में role play नुक्कड़ नाटक देश भक्ति गीत और करवाना चाहिए पर्यावरण गतिविधियों के अंतर्गत विद्यालय में वृक्षारोपण करवाना चाहिए और बच्चों को आसपास की चीजों को दिखाने के लिए क्षेत्रीय भ्रमण करवाना चाहिए
DeleteRitu Bhate
ReplyDeleteWaste management (Indore)
Usage of paper bags (Shreemaya Hotel)
Remote learning
गतिविधियां और सहायक सामग्री से शिक्षण कार्य बहुत प्रभावशाली होता है इससे बच्चे सीखने में रुचि लेते हैं I
Deleteअपने राज्य / संघ राज्य क्षेत्र / संगठन में किए जा रहे किसी नवाचारी अभ्यास की पहचान करें जो एक उदाहरण के रूप में कार्य कर सकता है
ReplyDeleteटी एल एम के माध्यम से शिक्षण कार्य करना अधिक प्रभावशाली होता है।
Deleteशुष्पेन्द्र कुमार प्रा० वि०नोनार छ्तोह रायबरेली।
शिक्षार्थियों को अपने आस-पास के ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे प्राचीन धरोहरों का भ्रमण कराकर अध्यापन कराना जिससे वे विषय वस्तु को अच्छे से सीख सकें। nJ
Deleteटी एल एम के माध्यम से शिक्षण कार्य करना अधिक प्रभावशाली होता है।
DeleteAaspaas Le jakar Shikshan Ka adhigam Karna
Deleteआसपास ले जाकर शिक्षण अधिगम करना ।
ReplyDeleteपरिभ्रमण, शारीरिक गतिविधियों, रंगमंचों के माध्यम से नवाचारी अधिगम का उपयोग किया जा सकता है।
Deleteशिक्षार्थियों को अपने आस-पास के ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे प्राचीन धरोहरों का भ्रमण कराकर अध्यापन कराना जिससे वे विषय वस्तु को अच्छे से सीख सकें।
Deleteसंगठन में किए जा रहे किसी नवाचारी अभ्यास की पहचान करें जो एक उदाहरण के रूप में कार्य कर सकता है
ReplyDeleteशिक्षार्थियों को ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे डाकटिकट,मानचित्र प्राचीन धरोहरों का प्रदर्शन याभ्रमण कराकर ,दो या चार के समूह में गतिविधियों के माध्यम से अधिगम कराना होगा जिससे वे कौतूहल से जल्दी सीख सकें।
DeleteOutdoor activities is very useful for children like tracking,gardening,yogaetc.
ReplyDeleteपढाई तुंहर द्वार
ReplyDeleteशिक्षार्थियों को स्थानीय परिवेश से जोड़कर शिक्षण कार्य करवाने पर शिक्षण अधिगम सुगम हो जाता है।
ReplyDeleteUnaware of any such innovative project going on im the native state
ReplyDeleteSUDHIR KESHARWANI
ReplyDeleteपढ़ाई तुन्हर द्वार ये प्रोग्राम बहुत सहित है 36गढ़ का । क्युकी CORONA का समय ये ऐप बहुत सही है।
मेरे संगठन मे प्रत्येक विषय के प्रत्येक शीर्षक को कला समेकित अधिगम से जोडा जा रहा है।
ReplyDeleteशिक्षार्थियों को अपने आसपास के ऐतिहासिक स्रोतों जैसे प्राचीन धरोहरों का भ्रमण कराकर अध्यापन कराना जिससे वे विषय वस्तु को अच्छे से सीख सकते हैं ।
ReplyDeleteशिक्षार्थियों को अपने आस-पास के ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे प्राचीन धरोहरों का भ्रमण कराकर अध्यापन कराना जिससे वे विषय वस्तु को अच्छे से सीख सकें।
ReplyDeleteमै मध्यप्रदेश राज्य के शहडोल जिले से हू।मुझे नवाचार अच्छे लगते है। मैने बच्चो के बीच कई नवाचार, कलर्स,से माचिस की तौलिया से,पानी की खाली बोतलो से, कागज के गत्ते से,किया है ।जो बच्चो को प्रेरणादायक रहा है।।सहजेन्द्र चतुर्वेदी शिक्षक विकास खंड सोहागपुर जिला शहडोल मप्र ।।
ReplyDelete1. दीक्षा ऐप का प्रयोग,
ReplyDelete2. पीसा का प्रयोग,
3. तकनीक का प्रयोग।
मैं अपने विद्यालय में शून्य निवेश नवाचार के माध्यम से शिक्षण करवाती हूं वेस्ट मेटेरियल से मॉडल टी एल एम बनाती हूं एवं छात्रों की मदद करती हूं उन्हें बनाने में
ReplyDeleteThis is useful for children
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Deleteशिक्षार्थियों को ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे डाकटिकट,मानचित्र प्राचीन धरोहरों का प्रदर्शन याभ्रमण कराकर ,दो या चार के समूह में गतिविधियों के माध्यम से अधिगम कराना होगा जिससे वे कौतूहल से जल्दी सीख सकें।
DeleteLatika Jaiswal,G.P.S.Panjra,Sarna, Chhindwara
ReplyDeleteSarvottam abhyas sajha kre:-
1.Hindi:-किताब के एक पाठ में से "च" से शुरू होने वाले शब्दों को लिखने कहती हूं, समय 1 मिनट के अंदर लिखना है,धयान रखना है सुंदर लिखना,मात्रा सही लगाना, अंक नही मिलेंगे।
इसे सुबोपलि (सुनना, बोलना,पढ़ना, लिखना) कार्य रुचिपूर्ण व आनंदमय माहौल में करती हूं।
2.English :- lesson 3 m se "M"shru hone wale shbdo ko likhna h ,1 minute m, condition kitab m capital letter m ho to capital m,small letter m ho to small letter,spelling shi likhna h , number nhi milenge.
3.Maths:-(5+5=10)और किस तरह के दो अंको लेने पर उत्तर 10 आएगा।(6+4=10,7+3=10,8+2=10,10+00=10,9+1=10)बच्चों की तर्कशक्ति बढ़ाने का प्रयास करती हूं।
Wonderful efforts
Deleteशिक्षार्थियों को ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे डाकटिकट,मानचित्र प्राचीन धरोहरों का प्रदर्शन याभ्रमण कराकर ,दो या चार के समूह में गतिविधियों के माध्यम से अधिगम कराना होगा जिससे वे कौतूहल से जल्दी सीख सकें
ReplyDeleteशिक्षार्थियों को अपने आस-पास के ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे प्राचीन धरोहरों का भ्रमण कराकर अध्यापन कराना जिससे वे विषय वस्तु को अच्छे से सीख सकें।
ReplyDeleteMy institute plays important role of teaching children to value the environment and which is grassroot level to train for future of great nation. Regular cleanliness days within campus and awareness programs which are important such awareness campaigns related to health , stigma . Example : Invite a doctor to speak on Hiv on December 1 , , teach them value of yoga and other physical and psychological well being programs and make them do in practise and regular health checkup and dental checkups for overall well being .
ReplyDelete'विद्यादान' के रूप में दीक्षा पोर्टल पर सम्पूर्ण भारत के शिक्षकों से शिक्षण-सामग्री एकत्र करवाना तथा प्रत्येक शिक्षक व विद्यार्थी को इससे जोड़ना नवाचार की दिशा में एक सशक्त कदम है |
ReplyDeleteमैं एक भाषा शिक्षिका अभिनय के माध्यम से कठिन शब्दों का अर्थ समझने के लिए शिक्षार्थियों क़ो प्रेरित करती हूं।गतिविधियों के माध्यम से अध्यापन से शिक्षार्थियों मे ंं अच्छी पकड़ होती है।
ReplyDeleteपरिभ्रमण, शारीरिक गतिविधियों, रंगमंचों के माध्यम से नवाचारी अधिगम का उपयोग किया जा सकता है।
ReplyDeleteजब मै प्राथमिक विद्यालय मे पढता
ReplyDeleteथा उस समय सामाजिक तानाबाना
इतना मजबूत था कि पूरा समाज किसी
भी बच्चे को अपना समझता था और
उसी तरह ध्यान भी रखता था। एकबार
हम सभी बच्चे एक तालाब मे स्नान करने लगे , उस समय दूसरे गांव के
निवासी ने हम सभी को विद्यालय मे
शिकायत कर सजा दिलवाई परन्तु खुद
भी सजा दी। सामाजिक समरसता के कारण इसकी शिकायत कहीं नही हुई।
विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करवा के उनको नवाचारी अधिगमों से जोड़ना।
ReplyDeleteमैं अपने विद्यालय में शून्य निवेश नवाचार के माध्यम से शिक्षण करवाता हूं वेस्ट मेटेरियल से मॉडल टी एल एम बनाता हूं एवं छात्रों की मदद करता हूं उ
ReplyDeleteविभिन्न ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करवा के उनको नवाचारी अधीगम ओ से जोड़ना।
Deleteविभिन्न ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करवा के उनको नवाचार अधिग्नमो से जोड़ना।
ReplyDelete'विद्यादान' के रूप में दीक्षा पोर्टल पर सम्पूर्ण भारत के शिक्षकों से शिक्षण-सामग्री एकत्र करवाना तथा प्रत्येक शिक्षक व विद्यार्थी को इससे जोड़ना नवाचार की दिशा में एक सशक्त कदम है |
ReplyDeleteमैं कविता के द्वारा कठिन शब्दों का अर्थ शिक्षार्थियों को समझने के लिए प्रेरित करती हूं।
ReplyDeleteछात्रों द्वारा सुनना , बोलना , लिखना ,
पढ़ना कार्य आनंदमय माहोल में करवाती हूं।
छात्रों को ऐतिहासिक स्त्रोत जैसे
किले , मानचित्र , डाक टिकट , प्राचीन धरोहरों का प्रदर्शन या भ्रमण के माध्यम से जानकारी देती हूं।
at 17:34
ReplyDeleteशिक्षार्थियों को अपने आस-पास के ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे प्राचीन धरोहरों का भ्रमण कराकर अध्यापन कराना जिससे वे विषय वस्तु को अच्छे से सीख
Deleteशिक्षार्थियों को अपने आस-पास के ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे प्राचीन धरोहरों का भ्रमण कराकर अध्यापन कराना जिससे वे विषय वस्तु को अच्छे से सीख
विभिन्न राज्यों /संघ राज्य क्षेत्रों /संगठनों में किये जा रहे नवाचारी अभ्यास इस प्रकार है --
ReplyDelete1. ई -विद्या वाहिनी --झारखण्ड
2. पढ़ाई तोहार द्वार -ई प्लेटफार्म --छत्तीसगढ़
3. मो विद्यालय अभियान --उड़ीसा
4. मिशन प्रेरणा --उत्तर प्रदेश
5. प्रज्ञा --गुजरात
6. गणित कलिका आंदोलन --कर्नाटक
इत्यादि ।
Nwa chat she ke madym se shikhana
ReplyDelete1.Hindi:-किताब के एक पाठ में से "च" से शुरू होने वाले शब्दों को लिखने कहता हूं, समय 1 मिनट के अंदर लिखना है,धयान रखना है सुंदर लिखना,मात्रा सही लगाना, अंक नही मिलेंगे।
ReplyDeleteइसे सुबोपलि (सुनना, बोलना,पढ़ना, लिखना) कार्य रुचिपूर्ण व आनंदमय माहौल में करता हूं।
2.English :- lesson 3 m se "M"shru hone wale shbdo ko likhna h ,1 minute m, condition kitab m capital letter m ho to capital m,small letter m ho to small letter,spelling shi likhna h , number nhi milenge.
3.Maths:-(5+5=10)और किस तरह के दो अंको लेने पर उत्तर 10 आएगा।(6+4=10,7+3=10,8+2=10,10+00=10,9+1=10)बच्चों की तर्कशक्ति बढ़ाने का प्रयास करता हूं।
शिक्षार्थियों को ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे डाकटिकट,मानचित्र प्राचीन धरोहरों का प्रदर्शन याभ्रमण कराकर ,दो या चार के समूह में गतिविधियों के माध्यम से अधिगम कराना होगा जिससे वे कौतूहल से जल्दी सीख सकें।
ReplyDeleteबच्चों को हम उनके आसपास की चीजों एवं ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करा कर बहुत अच्छी तरह समझा सकते हैं।
ReplyDeleteMai baccho ko aas pas ki chizo example not pr chhpe gandhi ji ki tasvir unke copy me banane ko kah sakta hu. Ye bhi nawachar ka ek example h.
ReplyDeleteअपने आस पास की प्राचीन धरोहरों का भ्रमण कराकर अध्ययन कराना जिससे बच्चे जल्दी सीखते हैं
ReplyDeleteमैं विनोद कुमार सहायक अध्यापक मुझे नवाचार अच्छे लगते है। मैने बच्चो के बीच कई नवाचार, कलर्स,से माचिस की तौलिया से,पानी की खाली बोतलो से, कागज के गत्ते से,किया है ।जो बच्चो को प्रेरणादायक रहा है।
ReplyDeleteछात्रों द्वारा सुनना , बोलना , लिखना ,
ReplyDeleteपढ़ना कार्य आनंदमय माहोल में करवाती हूं।
छात्रों को ऐतिहासिक स्त्रोत जैसे
किले , मानचित्र , डाक टिकट , प्राचीन धरोहरों का प्रदर्शन या भ्रमण के माध्यम से जानकारी देती हूं।
शिक्षार्थियों को अपने आस-पास के ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे प्राचीन धरोहरों का भ्रमण कराकर अध्यापन कराना जिससे वे विषय वस्तु को अच्छे से सीख सकें।
ReplyDeleteउत्तर प्रदेश में मिशन प्रेरणा अभियान ने स्कूलों की दशा और दिशा दोनों को बदल दिया है।।इस तरह का अभियान पूरे भारत के प्रत्येक राज्य में लागू होना चाहिए ।
ReplyDeleteउत्तर प्रदेश में मिशन प्रेरणा अभियान ने स्कूलों की दशा और दिशा दोनों को बदल दिया है।।इस तरह का अभियान पूरे भारत के प्रत्येक राज्य में लागू होना चाहिए ।
ReplyDeleteरियाज अहमद HM PS महेशपुर ब्लॉक सिंहपुर जिला अमेठी
मै अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवाता हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
ReplyDeleteमें अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली बस्तुओ कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टी एल एम बनवाता हूं। जो कि सस्ते भी होते है। और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते हैं।
ReplyDeleteमैं अपने विद्यालय में शून्य निवेश नवाचार के माध्यम से शिक्षण करवाता हूं वेस्ट मेटेरियल से मॉडल टी एल एम बनाता हूं एवं छात्रों की मदद करता हूं उ
ReplyDeleteWe should to use zero nivesh navachar in teaching learning process. Besides it we use different T L M in teaching. It give a us good learning outcomes. Students do activities related to topics and learn easily and the knowledge is very deep by this. besides it online teaching is very effective in this covid 19 period. The students learn at home easily.
ReplyDeleteनवाचारी गतिविधियां बालकेन्द्रित होती है इनमें शून्यनिवेश नवाचार, विद्या वाहिनी, पढ़ाई तोहार द्वार ,मिशन प्रेरणा, प्रग्या ,दीक्षा आदि ऐसे प्लेटफार्म विकसित किए गए हैं जिनसे बच्चों का अधिगम स्थाई होता है।
ReplyDeleteMain jo bhi topic padhata hu usko ek khel me convert kr deta hu jisse bachche ruchi lete he aur seekhte he.
ReplyDeleteपरिभ्रमण, शारीरिक, गतिविधियों, रंगमंचों के माध्यम से नवाचारी अधिगम का उपयोग किया जा सकता है।
ReplyDeleteमेरे संगठन मे प्रत्येक विषय के प्रत्येक शीर्षक को कला समेकित अधिगम से जोडा जा रहा है।
ReplyDeleteBachcho k parivesh m uplabdh sansadhno ka ka prayog kar shikshan kary karna unke kheti k bare me charcha karna,mausamo par chacha,bagvani,krishi,fasalo ki suraksha,bhandaran adi k unke anubhavo ko jodate hue shikshan ko navachari evam prabhvi banaya jai.
ReplyDeleteCovid-19ke time se jo bhi kam kiya ja raha hai yehi to navachar hai
ReplyDeleteशिक्षार्थियों को ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे डाकटिकट,मानचित्र प्राचीन धरोहरों का प्रदर्शन याभ्रमण कराकर ,दो या चार के समूह में गतिविधियों के माध्यम से अधिगम कराना होगा जिससे वे कौतूहल से जल्दी सीख सकें।
ReplyDeleteशिक्षा में शून्य नवाचार के माध्यम से वातावरण में उपलब्ध विभिन्न भौतिक संसाधनों के माध्यम से टी एल एम बनाकर उसके उपयोग के द्वारा शिक्षा को सरल एवं शिक्षण को प्रभावी बनाए छात्रों को विषय वस्तु को सरल रूप से समझने मे सहायक हो सके
DeleteMai Apne chhatro ko lekr etihasiksthal bhramn ke sath bhautik shansadhno ke dwara T.L.M ka nirman kr shikshan pranali me jod dene Se chhatro ko bishaybastu ke adhayan me sugmta ho jati hai..aur ve ruchikar mahshush krte hai.
ReplyDeleteMai some vidhalay me shiny nvachar ke madhyam se shiksha karati hu
ReplyDeleteमै अपने विद्यालय मे आस पास आसानी से उपलव्ध होने वाली वस्तुओं की सहायता से बच्चों की मदद लेकर शिक्षण उपयोगी tum बनबाता हू ।
ReplyDeleteMishan prerna ke that bachho me samaz viksit karne ke liye uchit gatividhi ka adhiktam prayog kiya ja raha hai
ReplyDeleteशिक्षार्थियों को ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे डाकटिकट,मानचित्र प्राचीन धरोहरों का प्रदर्शन याभ्रमण कराकर ,दो या चार के समूह में गतिविधियों के माध्यम से अधिगम कराना होगा जिससे वे कौतूहल से जल्दी सीख सकें।
ReplyDeleteवीनूलता(स०अ०)
प्राथमिक विद्यालय भिस्वा,
ब्लॉक ब्रह्मपुर गोरखपुर,
उत्तर प्रदेश।
मै अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवात हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
ReplyDeleteमैं अपने विद्यालय में शून्य निवेश नवाचार के माध्यम से शिक्षण करवाती हूं वेस्ट मेटेरियल से मॉडल टी एल एम बनाती हूं एवं छात्रों की मदद करती हूं उन्हें बनाने में
ReplyDeleteमै अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवात हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteमैं अपने विद्यालय में शून्य निवेश नवाचार के माध्यम से शिक्षण करवाती हूं वेस्ट मेटेरियल से मॉडल टी एल एम बनाती हूं एवं छात्रों की मदद करती हूं उन्हें बनाने में
ReplyDeleteमै अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवात हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
ReplyDeleteमैं अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं की सहायता से बच्चों की मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टी एल एम बनबती हूं। कि सस्ते भी होते हैं और बच्चे जल्दी उनसे सीखते हैं ।
ReplyDeleteमें अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवाती हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
ReplyDeleteअपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवात हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
ReplyDeleteमें अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवाती हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
ReplyDeleteबच्चों को ऐतिहासिक साक्षात दिखाकर उनके ज्ञान को और बढ़ाया जा सकता है
Deleteउत्तर प्रदेश में मिशन प्रेरणा अभियान ने स्कूलों की दशा और दिशा दोनों को बदल दिया है।।इस तरह का अभियान पूरे भारत के प्रत्येक राज्य में लागू होना चाहिए ।
ReplyDeleteWe can make tlm from waste materials.
ReplyDeleteशिक्षार्थियों को अपने आस-पास के ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे प्राचीन धरोहरों का भ्रमण कराकर अध्यापन कराना जिससे वे विषय वस्तु को अच्छे से सीख सकें ।
ReplyDeleteBacchon ko apne aas pass ke etihasik kshetron ka braman kara kar adhyayan ko aur adhik grahansheel banana chahiye
ReplyDeleteहम दिक्षा एप के माध्यम से प्राजेक्ट के साथ पढ़ाते हैं।
ReplyDeleteटी एल एम के माध्यम से शिक्षण कार्य करना अधिक प्रभावशाली होता है।
ReplyDelete-------- अपर्णा पाण्डेय
प्रा० वि० गुरैयनपुर
घाटमपुर, कानपुर नगर
उत्तर प्रदेश में कायाकल्प, मिशन प्रेरणा कार्यक्रम रूपी नवाचार भारत के प्रत्येक राज्य में लागू होना चाहिए।
ReplyDeleteमै अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवात हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
ReplyDeleteउत्तर प्रदेश के विद्यार्थियों को स्थानीय संस्कृति के आधार पर वहां की संस्कृतियों से परिचित कराया जाए
ReplyDeleteविद्यादान' के रूप में दीक्षा पोर्टल पर सम्पूर्ण भारत के शिक्षकों से शिक्षण-सामग्री एकत्र करवाना तथा प्रत्येक शिक्षक व विद्यार्थी को इससे जोड़ना नवाचार की दिशा में एक सशक्त कदम है |
ReplyDeleteHam Apne aaspaas milane wali aur ham batane ki vastuon ke Madhyam vahan ki Sanskriti se parichit karaya Ja sakta hai
ReplyDeleteविद्यादान' के रूप में दीक्षा पोर्टल पर सम्पूर्ण भारत के शिक्षकों से शिक्षण-सामग्री एकत्र करवाना तथा प्रत्येक शिक्षक व विद्यार्थी को इससे जोड़ना नवाचार की दिशा में एक सशक्त कदम है |
ReplyDeleteविद्यादान' के रूप में दीक्षा पोर्टल पर सम्पूर्ण भारत के शिक्षकों से शिक्षण-सामग्री एकत्र करवाना तथा प्रत्येक शिक्षक व विद्यार्थी को इससे जोड़ना नवाचार की दिशा में एक सशक्त कदम है |
ReplyDeleteहमारे राज्य उत्तर प्रदेश में मिशन- प्रेरणा कार्यक्रम की पहल की गयी है इसके अन्तर्गत बुनियादी शिक्षा पर अत्यधिक जोर दिया गया है क्योंकि जब तक बच्चे का आधार ही मजबूत नहीं होगा वह आगे की शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकेगा इस कार्यक्रम के अंतर्गत भाषा शिक्षण और गणित शिक्षण के लिए कुछ बुनियादी लक्षय निर्धारित किये गए है,उन्हे एक निर्धारित समय में राज्य के सभी बेसिक स्कूलों द्वारा प्राप्त किया जाना अनिवार्य है।यह कार्यक्रम देश के अन्य हिस्सों के लिए भी एक आदर्श हो सकता है मेरे विचार से यह कार्यक्रम देश के अन्य हिस्सों में भी लागू किया जाना चाहिए।
ReplyDeleteTLM k madhyam se padhna aasan hota h
ReplyDeleteअपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवाते है जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
ReplyDeletemain Apne Vidyalay ke bacchon se Sun nivesh navachar ke madhyam se shikshan karvati hun waste material se model Naksha RD ban vati jisse chhatron ko shikshan mein samajhne mein bahut aasani hoti hai
ReplyDeleteमै अपने विद्यालय के आस-पास तथा घर मे आसानी से उपलब्ध अनुपयोगी वस्तुओं की सहायता से बच्चों की मदद करते हुए बच्चों की सहायता से से शिक्षण सामग्री का निर्माण कराकर शिक्षण कार्य करने से शिक्षण सरल व रुचिकर हो जाता है तथा सीखने में मदद मिलती है ।
ReplyDeleteअपने आस-पास के एतिहासिक स्थलों,धरोहरों का भ्रमण करवाकर विषय-वस्तु को अच्छी तरह से सिखाया जा सकता है ।
हम अपने विद्यालय में शून्य निवेश पर बच्चों को शिक्षा प्रदान करते हैं और अपने बच्चों को ऐतिहासिक इमारतों ऐतिहासिक तीर्थ स्थलों का भ्रमण करा कर उनको इतिहास के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं
ReplyDeleteहम अपने विद्यालय में शून्य निवेश पर शिक्षा प्रदान करते हैं तथा अपने बच्चों को ऐतिहासिक इमारतों एवं तीर्थ स्थलों का भ्रमण कराकर उनके बारे में जानकारी प्रदान देते हैं
ReplyDeleteI get teaching learning modal to all students for study
ReplyDeleteसांस्कृतिक गतििधियों के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं करवा सकते हैं जैसे कि रोल प्ले, नुक्कड़ नाटक बाल सभा आदि। और पर्यावणीय गतिविधियों मे वृक्षारोपण खेतो का भ्रमण उद्यानों का भ्रमण आदि करवा सकते हैं।
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ReplyDeleteमें अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवाती हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
सांस्कृतिक गतििधियों के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं करवा सकते हैं जैसे कि रोल प्ले, नुक्कड़ नाटक बाल सभा आदि। और पर्यावणीय गतिविधियों मे वृक्षारोपण खेतो का भ्रमण उद्यानों का भ्रमण आदि करवा सकते हैं
ReplyDeleteमै अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवाता हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
ReplyDeleteप्रत्येक स्कूल में किचन गार्डन का निर्माण एक नवाचारी अभ्यास है।
ReplyDeleteअपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवात हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
ReplyDeleteआस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं की सहायता से बच्चों की मदद लेकर शिक्षण उपयोगी TLM बनाना अच्छा रहता है
ReplyDeleteपरिभ्रमण शारीरिक गतिविधियों एवं रंग मंच के माध्यम से नवाचारी अधिगम का उपयोग किया जा सकता है
ReplyDeleteशिक्षार्थियों को अपने आसपास के ऐतिहासिक स्त्रोतोंजैसे प्राचीन धरोहरों का भ्रमण कराकर अध्यापन कराना इससे भी विषय वस्तु को अच्छे से सीख सकें
ReplyDeleteशून्य निवेश के द्वारा T. L. M. का प्रयोग करते हुए नवाचारो का उपयोग करके गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक संप्राप्ति प्राप्त करना.........
ReplyDeleteBachho ko vibhinn sthano ka bhraman karakar unk vishay me batakar shikshhan dena labhprad hoga.
ReplyDeleteमै अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवाती हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
ReplyDeleteUnknown18 December 2020 at 11:37
मै अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवाती हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
ReplyDeleteपरिभ्रमण शारीरिक गतिविधियों एवं रंग मंच के
ReplyDeleteमाध्यम से नवाचारी अधिगम का उपयोग किया का सकता है।
बच्चों के आस पारेवेश में उपलब्ध सामग्री से शिक्षण उपयोगी वस्तुओं का निमार्ण कर बच्चों के बीच नवाचार से युक्त शिक्षण किया जा सकता है। ताकि बच्चे में अधिगम क्षमता को बढ़ाया जा सके।
ReplyDeleteहम अपने आसपास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तु की सहायता से बच्चों की मदद ले लेकर शिक्षण उपयोगी t.l.m. बनवा ता जो कि सस्ते भी होते हैं और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते हैं परिभ्रमण शारीरिक गतिविधियों एवं रंगमंच के मध्यम से नवाचारी अधिगम का उपयोग किया जा सकता है l
ReplyDeleteबच्चों के आस के परिवेश में उपलब्ध सामग्री से शिक्षण उपयोगी वस्तुओं का निमार्ण कर बच्चों के बीच नवाचार से युक्त शिक्षण किया जा सकता है। ताकि बच्चे में अधिगम क्षमता को बढ़ाया जा सके।
ReplyDeleteमै अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवाता हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी सीखते भी है।
ReplyDeleteमेरा निजी विचार है कि 10-10 बच्चों को प्रतिदिन स्कूल में बुलाकर सोशल डिस्टेंस के साथ बैठा कर 1-1 घण्टे अलग अलग विषय पढ़ाया जा सकता है। जिसमे कोविड के लिए बनाए गए नियमों का पालन भी अनिवार्य हो।
ReplyDeleteक्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में निर्धनता के कारण मोबाइल की उपलब्धता की बहुत कमी है। और बच्चे मोबाइल फ्रेंडली भी नहीं हैं।
सांस्कृतिक गतििधियों के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं करवा सकते हैं जैसे कि रोल प्ले, नुक्कड़ नाटक बाल सभा आदि। और पर्यावणीय गतिविधियों मे वृक्षारोपण खेतो का भ्रमण उद्यानों का भ्रमण आदि करवा सकते हैं
Deleteअपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवाती हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
ReplyDeleteउत्तर प्रदेश में मिशन प्रेरणा अभियान ने स्कूलों की दशा और दिशा दोनों को बदल दिया है।।इस तरह का अभियान पूरे भारत के प्रत्येक राज्य में लागू होना चाहिए ।
ReplyDeleteहम अपने विद्यालय में अनुपयोगी वस्तुओं द्वारा मॉडल बनाकर उनका अपनी शिक्षण कार्य हेतु प्रयोग करते हैं हमारे राज्य में इसके लिए समय-समय पर प्रशिक्षण तथा मार्गदर्शन दिया जाता है।
ReplyDeleteअपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवाते है जो कि सस्ते भी होते है
ReplyDeleteमैं अपने आस-पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं की सहायता से छात्रों की मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टी एल एम बनवाता हूँ जो काफी सस्ता व रोचक भी होंते हैंऔऱ छात्र उनसे आसानी से शीघ्र सीखते हैं।
ReplyDeleteअपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवाते है जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
ReplyDeleteमनोज कुमार चौरसिया।
ReplyDeleteसहायक अध्यापक
यूपीएस,मिश्रवलिया,बेरुरबारी हमारे राज्य उत्तर प्रदेश में पहले ऑफलाइन प्रशिक्षण दिए जाते थे आज दीक्षा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं जो एक नवीन प्रयास है और सफल भी है अत: दीक्षा पोर्टल एक नवाचारी अभ्यास है। जो अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण होगा मैं अपने आस-पास में जो चीजें है उनके द्वारा बच्चों को नवाचार करवाता हूं अपने आसपास में गिट्टी पत्थर पत्ते लकड़ी इत्यादि से शून्य निवेश के द्वारा बच्चों को नवाचार करवाता हूं और उनके ज्ञान को स्थाई बनाता हूं आजकल दीक्षा द्वारा बच्चों को नवीनतम नवाचार करा रहा है भौतिक वस्तुओं द्वारा बच्चों को गणित अच्छे से सिखाया जा सकता है इस तरह नवाचार के आज का भाग सारे संसाधन है आईसीटी का प्रयोग नवाचार के अंतर्गत ही आता है जिसमें बच्चे बहुत कुछ स्थाई रूप से सीखते हैं
मै अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवाती हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
ReplyDeleteमै अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवाती हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
ReplyDeleteआज covid -19 के समय में जब विद्यालय बंद हैं और बच्चे विद्यालय नहीं आ रहे हैं तब मेरे जनपद में मोहल्ला क्लास चलाया जा रहा है । इसमें अध्यापक/अध्यापिकाएं स्कूल में नामांकित बच्चों के गांव/घर में जाकर एक क्षेत्र में उचित स्थान पर एकत्र कर उन्हें शिक्षा देने का कार्य कर रहे हैं।
ReplyDeleteमै अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवात हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
ReplyDeleteमै अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवात हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
ReplyDeleteI innovate the students , making TLM waste out of waste. Yatendra kankran.
ReplyDeleteपने राज्य / संघ राज्य क्षेत्र / संगठन में किए जा रहे किसी नवाचारी अभ्यास की पहचान करें जो एक उदाहरण के रूप में कार्य कर सकता है ।
ReplyDeleteमनसा कुमारी राठौर शिक्षामित्र ।।।
मैं अपने विद्यालय में शून्य निवेश नवाचार के माध्यम से शिक्षण करवाती हूं वेस्ट मेटेरियल से मॉडल टी एल एम बनाती हूं एवं छात्रों की मदद करती हूं उन्हें बनाने में।
ReplyDeleteमें अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवाती हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
ReplyDeleteशिक्षार्थियों को अपने आस-पास के ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे प्राचीन धरोहरों का भ्रमण कराकर अध्यापन कराना जिससे वे विषय वस्तु को अच्छे से सीख सकें।।
ReplyDeleteमनसा कुमारी राठौर शिक्षामित्र
बच्चों को स्थानीय परिवेश से जोड़कर पढ़ाने के लिए उनके प्रयोग में आने वाली वस्तुओं को विषय से जोड़कर समझ विकसित करती हूँ व स्वयं करके सीखो के अंतर्गत शून्य निवेश वस्तुओ से विषय से सम्बंधित प्रोजेक्ट कार्य करवाने का नवाचार करती हूं।
ReplyDeleteशिक्षार्थियों को अपने आस-पास के ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे प्राचीन धरोहरों का भ्रमण कराकर अध्यापन कराना जिससे वे विषय वस्तु को अच्छे से सीख सकें।
ReplyDeleteWast material tlm, make module with papers and wast plastic material,match's teelies, colours thred made any things shap.
ReplyDeleteशिक्षार्थियों को अपने आस-पास के ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे प्राचीन धरोहरों का भ्रमण कराकर अध्यापन कराना जिससे वे विषय वस्तु को अच्छे से सीख सकें।
ReplyDeleteहमारे राज्य मध्यप्रदेश में मोहल्ला क्लासों का संचालन हो रहा है जिसमें मोहल्ले के बच्चों को एकत्रित कर उन्हें शिक्षण कार्य कराया जा रहा है इस प्रयास में समुदाय से और गांव विशेष के भौगोलिक वातावरण से जोड़कर शिक्षा का विकास संभव हो रहा है
ReplyDeleteशिक्षकों का कर्तव्य है कि वे अपने बच्चों में ऐसे संस्कार विकसित करें जिससे वे अपने विद्यालय से लेकर देश में नाम रोशन करें । खेल सांस्कृतिक कार्यक्रम साहित्य के क्षेत्र में उपलब्ध हासिल करें
ReplyDeleteहम सभी शिक्षकों का कर्तव्य है कि अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें हरि पाल इं प्र अ संविलियन विद्यालय पटकुइयां कछौना हरदोई
सांस्कृतिक गतििधियों के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं करवा सकते हैं जैसे कि रोल प्ले, नुक्कड़ नाटक बाल सभा आदि। और पर्यावणीय गतिविधियों मे वृक्षारोपण खेतो का भ्रमण उद्यानों का भ्रमण आदि करवा सकते हैं
ReplyDeleteशिक्षकों का कर्तव्य है कि वे अपने बच्चों में ऐसे संस्कार विकसित करें जिससे वे अपने विद्यालय से लेकर देश में नाम रोशन करें । खेल सांस्कृतिक कार्यक्रम साहित्य के क्षेत्र में उपलब्ध हासिल करें
ReplyDeleteMohammad Javed.H.T.
ReplyDeleteUps Atawa.bidhnu kanpur nagar.https://youtu.be/wkkdwwmkZbc
राम सनेही यादव (स0अ0)
ReplyDeleteपू0मा0वि0- बनकटवा, खलीलाबाद, स0क0न0
हमारे राज्य उत्तर प्रदेश में पहले ऑफलाइन प्रशिक्षण दिए जाते थे आज दीक्षा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं जो एक नवीन प्रयास है और सफल भी है। अत: दीक्षा पोर्टल एक नवाचारी अभ्यास है। जो अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण होगा। मैं अपने आस-पास में जो चीजें है उनके द्वारा बच्चों को नवाचार करवाता हूं अपने आस-पास में गिट्टी,पत्थर,पत्ते, लकड़ी इत्यादि से शून्य निवेश के द्वारा बच्चों को नवाचार करवाता हूं और उनके ज्ञान को स्थाई बनाता हूँ।आजकल दीक्षा द्वारा बच्चों को नवीनतम नवाचार करा रहा हूँ, भौतिक वस्तुओं द्वारा बच्चों को गणित अच्छे से सिखाया जा सकता है। इस तरह नवाचार के आज सारे संसाधन है जैसे आईसीटी का प्रयोग नवाचार के अंतर्गत ही आता है जिसमें बच्चे बहुत कुछ स्थाई रूप से सीखते हैं।
मै अपने आस पास आसानी से उपलब्ध होने वाली वस्तुओं कि सहायता से बच्चो कि मदद लेकर शिक्षण उपयोगी टीएलएम बनवात हूं।जो कि सस्ते भी होते है और बच्चे उनसे जल्दी भी सीखते है।
ReplyDeleteदीक्षा एप टी यल यम,और आई सी टी के माध्यम से नवाचारी अधिगम का उपयोग किया जा सकता है
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