मॉड्यूल 10 - गतिविधि 3 : विचार करें

इतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए आप किस तरह के स्रोतों को इकट्ठा करना चाहेंगे?

चिंतन के लिए कुछ समय लें और कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें।

Comments

  1. इतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए आप किस तरह के स्रोतों को इकट्ठा करना

    ReplyDelete
    Replies
    1. वैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं

      Delete
    2. वैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं

      Delete
    3. Agar ho sake to us sthan ka bhramar karein

      Delete
    4. वैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं

      Delete
    5. Ithihas ko shi prakar smjhne k lye uska bhraman krna jruri h jisse esthai gyan ki prapti ho ske

      Delete
    6. Ithihas ko shi prakar smjhne k lye uska bhraman krna jruri h jisse esthai gyan ki prapti ho ske

      Delete
    7. Ithihas ko shi prakar smjhne k lye uska bhraman krna jruri h jisse esthai gyan ki prapti ho ske

      Delete
    8. इतिहास में किसी विशेष अवधिकी समग्र समझ विकसित करने के लिए हम ऐतिहासिक तथ्यों जैसे-प्राचीन सिक्के, समाचारपत्र-पत्रिकाएं, रेडियो आदि स्रोतों को इकट्ठा करना चहेंगे।

      Delete
    9. RAJESH KUMAR CHAUHAN
      Prachin imarate
      Prachin sikke
      Prachin sthal
      Prachin books and newspapers
      Histry ki jhalak wali movies useful ho sakta hain

      Delete
    10. वैसे तो स्त्रोत कई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
      रोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
      विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
      देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।

      Delete
    11. प्राचीन काल के शिलालेख, सिक्के, पांडुलिपियों के आधार पर।

      Delete
    12. वैसे तो स्त्रोत कई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
      रोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
      विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
      देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।

      Delete
    13. वैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं

      Delete
    14. Ho ske to us jgah ko ja kar dekhy

      Delete
    15. This comment has been removed by the author.

      Delete
    16. शिक्षार्थियों को ऐतिहासिक श्रोतो जैसे - डाक टिकट, मानचित्र, प्राचीन धरोहरों का प्रदर्शन या भ्रमण कराकर दो या चार के समूहों में गतिविधियों के माध्यम से अधिगम कराना होगा ताकि कौतूहल से सीख सकें ।

      Delete
    17. Prachin Kal ke shilalekh Sikke Pandu Lipi ke Aadhar per

      Delete
    18. Ithihas ko shi prakar smjhne k lye uska bhraman krna jruri h jisse esthai gyan ki prapti ho ske

      Delete
    19. Ithihas ko shi prakar smjhne k lye uska bhraman krna jruri h jisse esthai gyan ki prapti ho ske

      Delete
    20. शिक्षार्थियों को ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे डाकटिकट,मानचित्र प्राचीन धरोहरों का प्रदर्शन याभ्रमण कराकर ,दो या चार के समूह में गतिविधियों के माध्यम से अधिगम कराना होगा जिससे वे कौतूहल से जल्दी सीख सकें।

      Delete
    21. इतिहास में किसी विशेष अवधिकी समग्र समझ विकसित करने के लिए हम ऐतिहासिक तथ्यों जैसे-प्राचीन सिक्के, समाचारपत्र-पत्रिकाएं, रेडियो आदि स्रोतों को इकट्ठा करना चहेंगे।

      Delete
    22. इतिहास में किसी विशेष अवधिकी समग्र समझ विकसित करने के लिए हम ऐतिहासिक तथ्यों जैसे-प्राचीन सिक्के, समाचारपत्र-पत्रिकाएं, रेडियो आदि स्रोतों को इकट्ठा करना चहेंगे।

      Delete
    23. छात्रों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि कराकर,चर्चा करके,ऐतिहासिक स्रोतों जैसे-डाकटिकट,मानचित्र,सिक्के,प्राचीन धरोहरों के प्रदर्शन के माध्यम से अधिगम को सुगम व सरल बना सकते है ।

      Delete
    24. इतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम किसी ऐतिहासिक जगह का भ्रमण कर सकते हैं जिससे बच्चें को स्थायी ज्ञान की प्राप्ति होगी। बच्चो को पुराने अखबारों को एकत्रित करने, पुराने सिक्के एकत्रित करने के लिए आदि के लिए कहेंगे और उनका ज्ञान बड़ायेंगे।

      Delete
    25. वैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं

      Delete
    26. प्राचीन काल के सिक्के व शिलापट लेखन के आधार पर ।

      Delete
    27. तत्कालीन समय की धरोहर, साहित्य, इमारत आदि के अध्ययन के द्वारा जानकारी संकलित करके ।

      Delete
    28. शिक्षार्थियों को ऐतिहासिक श्रोतो जैसे - डाक टिकट, मानचित्र, प्राचीन धरोहरों का प्रदर्शन या भ्रमण कराकर दो या चार के समूहों में गतिविधियों के माध्यम से अधिगम कराना होगा ताकि कौतूहल से सीख सकें

      Delete
    29. परियोजना एवं भ्रमण आधारित विधाओं का प्रयोग करके समूह आधारित गतिविधियों के प्रयोग से बच्चों को स्थायी और रुचिपूर्ण ज्ञान प्रदान करेंगे।

      Delete
    30. वैसे तो स्त्रोत कई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
      रोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
      विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
      देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।

      Delete
    31. वैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं

      Delete
    32. Ithoas ko sahi prakar smjhne ke lye uska bhraman Krna zruri hai.

      Delete
    33. वैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं
      Chandra Shekhar Singh krishna nagar

      Delete
  2. The use of primary sources exposes students to important historical concepts.Students become aware that all written history reflects an author's interpretation of past events.History can be made more interesting by showing them videoes ,pictures and performing plays on different topics to make their learning enjoyable and indelible

    ReplyDelete
    Replies
    1. बच्चों को ऐतिहासिक स्रोतों जैसे सिक्के, डाकटिकट, मानचित्र प्राचीन धरोहर का प्रदर्शन, या भृमण कराकर, वीडियो, समूह में गतिविधियों के माध्यम सेअधिगम करना होगा ताकि बच्चे रुचि लेकर कौतूहल से सीख सके।

      Delete
    2. बच्चों को ऐतिहासिक स्रोतों जैसे सिक्के, डाकटिकट, मानचित्र, प्रचीन धरोहर का प्रदर्शन या भ्रमण कराकर, वीडियो, समूह मे गतिविधियों के माध्यम से अधिगम करना होगा ताकि बच्चे रूचि लेकर कोतुहल से सीख सकें ।

      Delete
    3. शिक्षार्थियों को उस अवधि से संबंधित प्राचीन धरोहरों के प्रदर्शन से, समूह में गतिविधि के माध्यम से संबंधित साहित्य से, वीडियो दिखाकर, भ्रमण आदि के द्वारा इतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित कर सकते हैं।

      Delete
    4. वैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं

      Delete
    5. छात्रों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि कराकर,चर्चा करके,ऐतिहासिक स्रोतों जैसे-डाकटिकट,मानचित्र,सिक्के,प्राचीन धरोहरों के प्रदर्शन के माध्यम से अधिगम को सुगम व सरल बना सकते है ।

      Delete
    6. बच्चों के परिवार के व्यवसाय को उदाहरण के लिए digital माध्यम से प्रस्तुत किया जाय तो बेहतर learning outcomes मिलेगे

      Delete
  3. बच्चों के परिवार के व्यवसाय को उदाहरण के लिए digital माध्यम से प्रस्तुत किया जाय तो बेहतर learning outcomes मिलेगे

    ReplyDelete
    Replies
    1. पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
      रोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
      विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
      देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।

      Delete
    2. Patr or patrikao se jaankari le skte hair.

      Delete
    3. Patr or patrikao ke madhaym se jankari le skte h.

      Delete
    4. प्राचीन काल में शिलालेख, सिक्के, पांडुलिपि के आधार पर सटीक और सार्थक जानकारी

      Delete
  4. पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
    रोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
    विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
    देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।

    ReplyDelete
    Replies

    1. पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
      रोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
      विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
      देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं

      Delete
    2. पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
      रोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
      विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
      देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।

      Delete
    3. पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
      रोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
      विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
      देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।

      Delete
  5. पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
    रोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
    विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
    देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।

    ReplyDelete
    Replies
    1. Sanchar or prodeke ke madham se ek sochanea sekcha de sakate hai jese chintan kar nae gatevedheya parapt hoti hai

      Delete
    2. वैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं

      Delete

    3. बच्चों को ऐतिहासिक श्रोतो जैसे - डाक टिकट, मानचित्र, प्राचीन धरोहरों का प्रदर्शन या भ्रमण कराकर दो या चार के समूहों में गतिविधियों के माध्यम से अधिगम कराना होगा ताकि कौतूहल से सीख सकें ।

      Delete
  6. अगर हो सके तो उस स्थान का भ्रमण करें |

    ReplyDelete
    Replies
    1. बच्चों को प्रत्यक्ष रूप से भ्रमण कराने से ज्ञान स्थायी होता है।

      Delete
  7. बच्चों के परिवार के व्यवसाय को उदाहरण के लिए digital माध्यम से प्रस्तुत किया जाय तो बेहतर learning outcomes मिलेगे

    ReplyDelete
  8. It is better to visit that place and get more ideas about it .

    ReplyDelete
  9. To study a particular period in history the sources which I would like to gather Houses Architecture ,Farming, Clothing, Language, Business, Invention, Art and craft, Social structure, Invasions etc

    ReplyDelete
  10. Paintings, images, oral history, inscriptions, coins, textual records and architectures

    ReplyDelete
  11. Paintings, images, oral history, inscriptions, coins, textual records and architectures

    ReplyDelete
  12. पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
    रोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
    विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
    देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।

    ReplyDelete
  13. पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
    रोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
    विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
    देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।

    ReplyDelete
  14. पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
    रोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
    विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
    देकर सीखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।
    बच्चो को ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कराकर उनके ज्ञान को स्थायी कर सकते है

    ReplyDelete
  15. पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
    रोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
    विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
    देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।

    ReplyDelete

  16. इतिहास को तथ्यों के आधार पर पढाया जाये। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ,सिक्के, पुरातत्विक अवशेष, डाक-टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचि कर एवम् आनंद दायक बनाया जा सकता है।

    ReplyDelete
  17. पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
    रोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
    विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
    देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।

    ReplyDelete
    Replies
    1. इतिहास को तथ्यों के आधार पर पढाया जाये। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ,सिक्के, पुरातत्विक अवशेष, डाक-टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचि कर एवम् आनंद दायक बनाया जा सकता है।

      Delete
    2. December 2020 at 11:33
      इतिहास को तथ्यों के आधार पर पढाया जाये। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ,सिक्के, पुरातत्विक अवशेष, डाक-टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचि कर एवम् आनंद दायक बनाया जा सकता है।

      Delete
    3. इतिहास को तथ्यों के आधार पर पढ़ाया जाते। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य, सिक्के, पुरातात्विक अवशेष,डाक टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचिकर एवं आनंददायक बनाया जा सकता है

      Delete
  18. To develop the entire concept of a particular age or period we should analyse the structure of buildings, monuments,coins, culture,food habits etc.

    ReplyDelete
  19. वैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं

    ReplyDelete
  20. पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
    रोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
    विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
    देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।

    ReplyDelete
  21. वैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं

    ReplyDelete
  22. वैसे तो क ई श्रोत हैं लेकिन अपने विषय के अनुसार उनकी पहचान करके विद्यार्थियों समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके। विभिन्न श्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में चर्चा कर सकते हैं।
    इसके अलावा शिक्षार्थियों को टूर पर ले जा सकते हैं जहां उन्हें संग्रहालय एवं पुरातत्व विभाग का भ्रमण करा सकते हैं। पत्र-पत्रिकाओं एवं आई सी टी के माध्यम से वीडियो दिखाया जा सकता है।


    ReplyDelete
  23. वैसे तो जानकारी करने के लिए बहुत से स्रोत हैं लेकिन अपने विषय एवं टॉपिक के अनुसार विद्यार्थियों को ऐतिहासिक महत्व की इमारतों को, संग्रहालय में जाकर तत्कालीन साक्ष्यों को दिखाते हुए उस समय के बारे में बताकर। पुरातत्व विभाग का भ्रमण कराकर ज्ञान को स्थाई किया जा सकता है। आज के इलेक्ट्रॉनिक युग में वीडियो दिखाकर एवं अखबार पत्रिका इत्यादि के माध्यम से भी समझ को विकसित कर सकते हैं।

    ReplyDelete
  24. तात्कालिक इमारतों, पहनावे से जुड़ी विशेषताओ और धार्मिक प्रतीकों व इमारतों आदि से इतिहास के उस समय को मन पर अमिट रूप से अंकित किया जा सकता है। बिना तनाव और भ्रमण की स्वाभाविक रुचि के आधार पर ये अत्यंत प्रभावशाली सिद्ध होता है।

    ReplyDelete
  25. पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
    रोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
    विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
    देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।औरइतिहास को तथ्यों के आधार पर पढाया जाये। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ,सिक्के, पुरातत्विक अवशेष, डाक-टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचि कर एवम् आनंद दायक बनाया जा सकता है।

    ReplyDelete
  26. वैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके, जैसे कुछ पुराने सिक्के और डाक टिकट । विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए, समूह या जोड़ों में चर्चा करके, व्याख्यान देकर, संग्रहालय, पुरातात्विक स्थल को दिखा कर, भी पढ़ा सकते हैं ।

    ReplyDelete

  27. वैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा

    ReplyDelete
  28. What ho ske to us sthan ka bhraman kraye

    ReplyDelete
    Replies
    1. Patra Patrika itihaas video aadeshPatra Patrika aitihasik Katha video aadesh Sadhana ke madhyam se rojach praman jankari dwara vidyarthiyon ki jankari de sakte hain

      Delete
  29. पत्र-पत्रिकाएँ और आईसीटी के माध्यम से विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी देकर सीखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।
    बच्चो को ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कराकर उनके ज्ञान को स्थायी कर सकते है|

    ReplyDelete
  30. पत्र पत्रिकाएं ऐतिहासिक तथ्य वीडियो संसाधनों के माध्यम से रोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा विद्यार्थियों को रोजगार युक्त जानकारी देकर सीखने -सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं ।अपने विषय के अनुसार उनकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके।

    ReplyDelete
  31. Online video Patra patrakao ke madhyam se vidyarthiyon ko aitihasik tathya rochak pramanik jankari sahitya puratatv ke bare mein Dak ticket sikke aadi ka Sahara lekar itihaas ko Ruchi purn banaya ja sakta hai

    ReplyDelete
  32. इतिहास को तथ्यों के आधार पर पढाया जाये। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ,सिक्के, पुरातत्विक अवशेष, डाक-टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचि कर एवम् आनंद दायक बनाया जा सकता है

    ReplyDelete
  33. इतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के अनेक स्रोत हैं परंतु अपने विषय के अनुसार शिक्षार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्रदान करने का अवसर देने का प्रयास करेंगे । जिससे शिक्षार्थियों की ज्ञान में वृद्धि हो सके। दीक्षा एप ,ऐतिहासिक तथ्य , पत्र- पत्रिकाएं ,वीडियो इत्यादि के माध्यम से रोचक एवं प्रमाणिक जानकारी छात्रों को दी जा सकती है ।इस तरह से बच्चों में सीखने के प्रति रूचि जागृत होगी।

    ReplyDelete
  34. पत्र पत्रिकाएं ऐतिहासिक तथ्य वीडियो आदि संसाधनों के माध्यम से रोचक प्रमाणिक जानकारी देकर विद्यार्थियों को जागृत करेंगे बच्चों को परिवार गांव शहर के व्यवसाय को उदाहरण के लिए डिजिटल माध्यम से प्रस्तुत किया जाए तो बेहतर लर्निंग आउटकम्स मिलेंगे।

    ReplyDelete
  35. पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
    रोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
    विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
    देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।

    ReplyDelete
  36. December 2020 at 12:02
    इतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के अनेक स्रोत हैं परंतु अपने विषय के अनुसार शिक्षार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्रदान करने का अवसर देने का प्रयास करेंगे । जिससे शिक्षार्थियों की ज्ञान में वृद्धि हो सके। दीक्षा एप ,ऐतिहासिक तथ्य , पत्र- पत्रिकाएं ,वीडियो इत्यादि के माध्यम से रोचक एवं प्रमाणिक जानकारी छात्रों को दी जा सकती है

    ReplyDelete
  37. इतिहास को तथ्यों के आधार पर पढाया जाये। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ,सिक्के, पुरातत्विक अवशेष, डाक-टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचि कर एवम् आनंद दायक बनाया जा सकता है।

    ReplyDelete
  38. इतिहास को तथ्यों के आधार पर पढाया जाये। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ,सिक्के, पुरातत्विक अवशेष, डाक-टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचि कर एवम् आनंद दायक बनाया जा सकता है।

    ReplyDelete
  39. किसी विशेष स्थान के बारे में समझ विकसित करनी है तो बच्चों को वहां का भ्रमण कराएं और यदि ये सम्भव नही है तो उस विषय विशेष की मूवी दिखाएँ।
    अर्जुन सिंह ps खेड़िया खुर्द
    सिकंदरा राऊ हाथरस

    ReplyDelete
  40. उस विशेष अवधि की पत्र पत्रिकाओं, ऐतिहासिक तथ्यों को इकट्ठा करके, विडियोज, व क्षेत्र विशेष का भ्रमण आदि

    ReplyDelete
  41. NEERAJ KUMAR SINGH PS MAIDHI SADAR CHANDAULI UP.
    the fundamental sources of historical concepts should be exposed to students to aware all of them with written matters, video and magazines.
    We can create interest by showing them videos pictures and also by performing activities to the related topics.

    ReplyDelete
  42. Ancient historical monuments share kare

    ReplyDelete
  43. Museum le jakar bachho ko samajha sakte hai if possible.

    ReplyDelete
  44. Historical place me jaane ka mauka,news paper,museum and video clip in sabhi ke sath bachcho me history ki samajh vikshit kr sakte he.

    ReplyDelete
  45. We can improve our knowledge by going that place where we want to study in history or book.hmara gyan staayee rhega

    ReplyDelete
  46. बच्चो को ऐतिहारिनक स्थल का भ्रमण कराकर इतिहास की वास्तविक समझ और स्थायी ज्ञान छात्र छात्रायो में विकसित कर सकते है तथा वहॉ वे चित्रो को अपने कक्षा कक्ष में लगा सकते है!

    ReplyDelete
  47. Ithihas ko shi prakar smjhne k lye uska bhraman krna jruri h jisse esthai gyan ki prapti ho ske

    ReplyDelete

  48. इतिहास को तथ्यों के आधार पर पढाया जाये। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ,सिक्के, पुरातत्विक अवशेष, डाक-टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचि कर एवम् आनंद दायक बनाया जा सकता है।

    ReplyDelete
  49. इतिहास को तथ्यों के आधार पर पढाया जाये। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ,सिक्के, पुरातत्विक अवशेष, डाक-टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचि कर एवम् आनंद दायक बनाया जा सकता है।

    ReplyDelete
  50. Itihas ki smagh viksit krne ke liye shicharthi ko subject ke pass lekar jana chiye

    ReplyDelete
  51. NEERAJ KUMAR SINGH PS MAIDHI SADAR CHANDAULI UP.
    the fundamental sources of historical concepts should be exposed to students to aware all of them with written matters, video and magazines.
    We can create interest by showing them videos pictures and also by performing activities to the related topics.

    ReplyDelete
  52. इतिहास तथ्यों पर आधारित है अतः विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम तात्कालिक समय के तथ्यों की जानकारी जैसे ऐतिहासिक, राजनैतिक,आर्थिक,व्यापारिक से संबंधित सिक्के,चित्र,विडियो, कलाकृतियों, संस्कृति, पत्र-पत्रिकाओं एवं शैक्षिक भ्रमणों के माध्यम से शिक्षण को रूचिकर बना सकते हैं तथा बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकेंगे।

    ReplyDelete
  53. पत्र पत्रिकाएं ऐतिहासिक तथ्य वीडियो संसाधनों के माध्यम से रोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा विद्यार्थियों को रोजगार युक्त जानकारी देकर सीखने -सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं ।अपने विषय के अनुसार उनकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सकेl




    वीनूलता (स०अ०)
    प्राथमिक विद्यालय भिस्वा,
    ब्लॉक ब्रह्मपुर गोरखपुर ,
    उत्तर प्रदेश ।

    ReplyDelete
  54. इतिहास को तथ्यों के आधार पर पढाया जाये। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ,सिक्के, पुरातत्विक अवशेष, डाक-टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचि कर एवम् आनंद दायक बनाया जा सकता है।

    ReplyDelete
  55. प्रात कालीन सिक्के साहित्य पुरातत्व पुरानी इमारतों के माध्यम से बच्चों को बेहतर बोध कराने में मदद मिलेगी

    ReplyDelete
  56. ऐसी समझ विकसित करने के लिए पुस्तक,समकालीन सिक्के,अखब़ार की कटिंग, समकालीन कविता,साहित्य,आदि का अध्ययन किया जा सकता है ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. इतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए आप किस तरह के स्रोतों को इकट्ठा करना

      Delete
  57. We can use old paper clippings, verbal stories or poems, stamps related to historic events, coins, records etc...

    ReplyDelete
  58. बच्चो को ऐतिहारिनक स्थल का भ्रमण कराकर इतिहास की वास्तविक समझ और स्थायी ज्ञान छात्र छात्रायो में विकसित कर सकते है तथा वहॉ वे चित्रो को अपने कक्षा कक्ष में लगा सकते है!

    ReplyDelete
  59. बच्चो को ऐतिहारिनक स्थल का भ्रमण कराकर इतिहास की वास्तविक समझ और स्थायी ज्ञान छात्र छात्रायो में विकसित कर सकते है तथा वहॉ वे चित्रो को अपने कक्षा कक्ष में लगा सकते है!

    ReplyDelete
  60. आडियो-वीडियो सामग्री, पत्र-पत्रिकाएँ, ऐतिहासिक स्थल भ्रमण, संग्रहालय भ्रमण, आदि माध्यम से विभिन्न गतिविधियों द्वारा बच्चों को प्रमाणिक जानकारी प्रदान करेंगे।

    ReplyDelete
  61. Nidhi tiwari



    इतिहास को तथ्यों के आधार पर पढाया जाये। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ,सिक्के, पुरातत्विक अवशेष, डाक-टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचि कर एवम् आनंद दायक बनाया जा सकता है।

    ReplyDelete
  62. History me aanek source hai jo bachcho ko padane me bahut hi help karte hai jisse bachcho ko bhi reading karne me achha lagta hai.

    ReplyDelete
  63. Visit se knowledge ko sthayi banaya ja sakta hai

    ReplyDelete
  64. इतिहास में किसी विशेष अवधिकी समग्र समझ विकसित करने के लिए हम ऐतिहासिक तथ्यों जैसे-प्राचीन सिक्के, समाचारपत्र-पत्रिकाएं, आदि स्रोतों को इकट्ठा करना चहेंगे।इसके अलावा हम ऐतिहासिक इमारतों के चित्र आदि भी एकत्रित कर सकते है उस समय से सम्बंधित वीडियो आदि भी बच्चो को दिखा सकते है।
    राहुल गुप्ता (स०अ०)
    उच्च प्राथमिक विद्यालय मझोला
    विकास क्षेत्र:-बहजोई
    जनपद:-संभल

    ReplyDelete
  65. इतिहास में किसी विशेष अवधिकी समग्र समझ विकसित करने के लिए हम ऐतिहासिक तथ्यों जैसे-प्राचीन सिक्के, समाचारपत्र-पत्रिकाएं, रेडियो आदि स्रोतों को इकट्ठा करना चहेंगे।

    ReplyDelete
  66. हमारा इतिहास तथ्यों पर आधारित है अतः विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए हमें प्राचीन कालीन सिक्के डाक टिकट पत्र पत्रिकाएं तथा संग्रहालय में ले जाकर बच्चों की समझ बेहतर और आनंददायक बनाया जा सकता है।

    ReplyDelete
    Replies
    1. इतिहास में किसी विशेष अवधि कि समग्र समझ विकसित करने के लिए विभिन्न स्रोतों या तथ्यों को एकत्रित किया जा सकता है जैसे सिक्के, उस अवधि का साहित्य, लिटरेरी अकाउंट या ट्रैवल अकाउंट, archeological remains या पुरातात्विक साक्ष्य, critical thinking in the analysis of sources या तथ्यों का विश्लेषण करना आदि।

      Delete
  67. इतिहास में किसी विशेष अवधि कि समग्र समझ विकसित करने के लिए विभिन्न स्रोतों या तथ्यों को एकत्रित किया जा सकता है जैसे सिक्के, उस अवधि का साहित्य, लिटरेरी अकाउंट या ट्रैवल अकाउंट, archeological remains या पुरातात्विक साक्ष्य, critical thinking in the analysis of sources या तथ्यों का विश्लेषण करना आदि।

    ReplyDelete
  68. वैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं

    ReplyDelete
    Replies
    1. इतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम निम्नलिखित स्रोतों को इकट्ठा करना चाहेंगे -
      सिक्के,
      शिलालेख,
      साहित्य,
      जीविनी, इत्यादि

      Delete
  69. इतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम निम्नलिखित स्रोतों को इकट्ठा करना चाहेंगे -
    सिक्के,
    शिलालेख,
    साहित्य,
    जीविनी, इत्यादि

    ReplyDelete
  70. प्राचीन सिक्के ऐतिहासिक इमारतें स्मारक ऐतिहासिक यात्रियों की पुस्तकें जैसे ह्वेनसांग फाह्यान मेगास्थनीज का यात्रा के दौरान लिखा गया साहित्य डाक टिकट स्टांप और अगर मिल सके तो पुराने अखबार जिनमें ऐतिहासिक तथ्यों का उल्लेख हो(भारत के स्वतंत्रता संबंधी) आदि।

    ReplyDelete
    Replies
    1. मारा इतिहास तथ्यों पर आधारित है अतः विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए हमें प्राचीन कालीन सिक्के डाक टिकट पत्र पत्रिकाएं तथा संग्रहालय में ले जाकर बच्चों की समझ बेहतर और आनंददायक बनाया जा सकता है।

      Delete
    2. Ho ske to us jgah ko ja kar dekhy

      Delete
  71. इतिहास की किसी विशेष अवधि के बारे में समझ विकसित करने के लिए वैसे तो कई स्रोत हैं जैसे कि पुरातात्विक खोज सिक्के उस समय के समाचार पत्र पांडुलिपि । हम बच्चों को सेम श्रोत खोजने के लिए प्रेरित करेंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके एवं उनके द्वारा खोजे गए sources तो के माध्यम से हम उन्हें उस समय की सामाजिक राजनीतिक आर्थिक व्यवस्था की अवधारणा स्पष्ट करने में मदद करेंगे एवं अन्य स्रोतों को खोजने में उनकी सहायता करेंगे

    ReplyDelete
  72. वैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं

    ReplyDelete
  73. इतिहास की किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए उन्हें ऐतिहासिक इमारतों का भ्रमण कराएंगे, उस समय का साहित्य व चित्र दिखाएंगे, ict का प्रयोग कर वीडियो दिखाएंगे जिससे समझ स्थायी होगी।

    ReplyDelete
  74. इतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम निम्नलिखित स्रोतों को इकट्ठा करना चाहेंगे -
    सिक्के,
    शिलालेख,
    साहित्य,
    जीविनी, इत्यादि

    ReplyDelete
  75. पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
    रोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
    विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
    देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।


    Unknown10 November 2020 at 17:21

    ReplyDelete
  76. इतिहास को तथ्यों के आधार पर पढाया जाये। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ,सिक्के, पुरातत्विक अवशेष, डाक-टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचि कर एवम् आनंद दायक बनाया जा सकता है।

    ReplyDelete
  77. इतिहास में किसी विशेष अवधिकी समग्र समझ विकसित करने के लिए हम ऐतिहासिक तथ्यों जैसे-प्राचीन सिक्के, समाचारपत्र-पत्रिकाएं, रेडियो आदि स्रोतों को इकट्ठा करना चहेंगे।

    ReplyDelete
  78. इतिहास को तथ्यों के आधार पर पढ़ाया जाए।इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ऐतिहासिक इमारतें ,सिक्के , डाक टिकिट आदि के ज़रिए से बच्चों को रुचिकर ढंग से ज्ञान दिया जा सकता है

    ReplyDelete
  79. Vibhinn Ptra.patrikayo ,ke.madhyam se itihasik jankari Vibhinn.shashan kallik shikko,Prachin smarko,shilalekho ,sangrahalyo,sath hi shakshanik bharaman,dwara bachcho me ruchikar Gyan Diya Ka skta hai

    ReplyDelete
  80. इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए उस समय की कई प्रकार की एंटीक वस्तुओं, सिक्कों,प्राचीन इमारतों का बच्चों को भ्रमण कराना, बच्चो को उस अवधि के शासकों, जनता,कार्यों, सामाजिक जीवन के विषय मे बताना आदि कार्य करेंगें।

    ReplyDelete
  81. Etihas ko smjhne k liye sthan Ka bhramaan krna jruri hai😊

    ReplyDelete

  82. वैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं

    ReplyDelete
  83. किसी विशेष अवधि में प्राप्त हो सकने वाली विभिन्न वस्तुएं जैसे सिक्के अभिलेख पाठ्य पुस्तकें स्तूप उस समय की इमारतें इत्यादि का प्रयोग हम अध्ययन एवं अध्यापन में कर सकते हैं।

    ReplyDelete
  84. Vishay ke anurup Pramanik tathyon se

    ReplyDelete
  85. किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए एक से अधिक तथ्यों को एकत्रित करने की आवश्यकता होगी। अतः तात्कालिक समय के सिक्के अखबार,साहित्य,नाटक,नौटँकी, संगीत,गीत,फाइल्स,रेडियोक्लिप्स,,सिनेमा,पर्यटक स्थल,आत्म कथा मेसे उपलब्ध एवम विषय वस्तु के अनुरूप तथ्य ए कत्रित
    किए जा सकते हैं।

    ReplyDelete
  86. उस स्थान का bhrmn कराया जाय,जिसके बारे में कक्षा में बताया गया।। सत्येन्द्र सिंह,सौंहा बावन हरदोई उ0प्र0

    ReplyDelete
    Replies
    1. LALIT KUMAR TIWARI PS KABIRABAD MUHAMMADABAD GOHANA MAU UP
      इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए उस समय की कई प्रकार की एंटीक वस्तुओं, सिक्कों,प्राचीन इमारतों का बच्चों को भ्रमण कराना, बच्चो को उस अवधि के शासकों, जनता,कार्यों, सामाजिक जीवन के विषय मे बताना आदि कार्य करेंगें।

      Delete
  87. LALIT KUMAR TIWARI PS KABIRABAD MUHAMMADABAD GOHANA MAU UP

    ReplyDelete
  88. वैसे तो कई स्त्रोत है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं।

    ReplyDelete
  89. Itihaas ki samagri samajh viksit karne ke liye ham Samachar Patra ticket stamp purane Jamane ke Sikke purani imaraton ke Chitra la ekattha Karenge

    ReplyDelete
  90. Prachin imarate
    Prachin sikke
    Prachin sthal
    Prachin books and newspapers
    Histry ki jhalak wali movies useful ho sakta hain

    ReplyDelete
  91. वैसे तो स्त्रोत कई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
    रोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
    विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
    देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।

    ReplyDelete
  92. Yatendra kankran, History can be made interesting by showing the students videos, pictures, monument, coins, new s paper. Learning can be more effective and enjoyable.

    ReplyDelete
  93. It would be good if related coins, stamps, historic books or foreign travellers account could be made available to students ( even if virtual ) and further to reinforce their knowledge related videos,movies,animations may be shown and even students should be motivated to roleplay the historic personalities or situations

    ReplyDelete
  94. Ithihas ko shi prakar smjhne k lye uska bhraman krna jruri h jisse esthai gyan ki prapti ho ske

    ReplyDelete
  95. Pramanik shroton se lekar aur vishay anurup tha anubhav se

    ReplyDelete
  96. पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
    रोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
    विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
    देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।

    ReplyDelete
  97. वैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं

    ReplyDelete
  98. वैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं

    ReplyDelete
  99. वैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं

    ReplyDelete
  100. प्राचीन काल के शिलालेख, सिक्के, पांडुलिपियों के आधार पर।

    ReplyDelete
  101. अपने विषय से संबंधित सिक्के स्मारक पांडुलिपियों पुस्तकें पत्र पत्रिकाएं अखबार वीडियो आदि वस्तुओं को दिखाकर भ्रमण करवा कर बच्चों को स्थाई ज्ञान दिया जा सकता है और यह बच्चों को रुचिकर भी लगता है

    ReplyDelete
  102. इतिहास को तथ्यों के आधार पर पढाया जाये। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ,सिक्के, पुरातत्विक अवशेष, डाक-टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचि कर एवम् आनंद दायक बना सकते हैं।

    ReplyDelete
  103. बच्चों को ऐतिहासिक श्रोतो जैसे - डाक टिकट, मानचित्र, प्राचीन धरोहरों का प्रदर्शन या भ्रमण कराकर दो या चार के समूहों में गतिविधियों के माध्यम से अधिगम कराना होगा ताकि कौतूहल से सीख सकें ।

    ReplyDelete
  104. To teach about any time students should be suggested to collect the coins, pottery, jewelry, scripture, and literature to be able to understand the importance of changes

    ReplyDelete
  105. इतिहास में किसी विशेष समय की जानकारी देने के लिए शिक्षक को तत्कालीन समाचार पत्रों की प्रतिलिपियां, पुराने सिक्कों की प्रतिकृतियां, एतिहासिक इमारतों/अवशेषों के चित्र, साहित्यिक श्रोत के अंश, पांडुलिपियों और उससे सम्बंधित ई-कन्टेन्ट(आडियो, वीडियो)आदि एकत्रित करके शिक्षण में प्रयोग कर सकते हैं।

    ReplyDelete
  106. हम इतिहास के किसी समय के समग्र पक्षो की जानकारी देने हेतु सिक्के, विदेशी यात्रियों के लेखों, अखबार, पुराने समय पर आधारित विडियो ऐतिहासिक स्थलों ,संग्रहालय भ्रमण आदि को सामिल करेंगे ।

    ReplyDelete
  107. इतिहास को जानने के लिए अपनी शुरू होता है जैसे कि रेडियो टीवी तथा भ्रमण करके

    ReplyDelete
  108. बच्चों के परिवार के व्यवसाय को उदाहरण के लिए digital माध्यम से प्रस्तुत किया जाय तो बेहतर learning outcomes मिलेगे

    ReplyDelete
  109. इतिहास जानने के लिए अपने शुरू होता है जैसे कि रेडियो भी टीवी तथा भ्रमण करके

    ReplyDelete
  110. इतिहास में किसी विशेष समय की जानकारी देने के लिए शिक्षक को तत्कालीन समाचार पत्रों की प्रतिलिपियां, पुराने सिक्कों की प्रतिकृतियां, एतिहासिक इमारतों/अवशेषों के चित्र, साहित्यिक श्रोत के अंश, पांडुलिपियों और उससे सम्बंधित ई-कन्टेन्ट(आडियो, वीडियो),I.C.Tआदि एकत्रित करके शिक्षण में प्रयोग कर सकते हैं।

    ReplyDelete
  111. हम इतिहास के किसी समय के समग्र पक्षो की जानकारी देने हेतु सिक्के, विदेशी यात्रियों के लेखों, अखबार, पुराने समय पर आधारित विडियो ऐतिहासिक स्थलों ,संग्रहालय भ्रमण आदि को सामिल करेंगे ।

    ReplyDelete
  112. शिक्षार्थियों को ऐतिहासिक श्रोतो जैसे - डाक टिकट, मानचित्र, प्राचीन धरोहरों का प्रदर्शन या भ्रमण कराकर दो या चार के समूहों में गतिविधियों के माध्यम से अधिगम कराना होगा ताकि कौतूहल से सीख सकें ।

    ReplyDelete
  113. Anceint dharohar,visit to historical buildings,introduce to old coins, old newspaper

    ReplyDelete
  114. इतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए आप किसी तरह के स्रोतों को इकट्ठा करना जैसे प्राचीन सिक्के वस्तुएं आदि

    ReplyDelete
  115. वैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं

    ReplyDelete
  116. बच्चों को ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे डाकटिकट,मानचित्र प्राचीन धरोहरों का प्रदर्शन याभ्रमण कराकर ,दो या चार के समूह में गतिविधियों के माध्यम से अधिगम कराना होगा जिससे वे कौतूहल से जल्दी सीख सकें।

    ReplyDelete
  117. किताबों, आईसीटी, डाक टिकट, सिक्को की मदद से विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण पाने का अवसर देगे.पुरातात्विक सन्गृहालय तथा ऐतिहासिक स्थलों का भृमण करा कर ज्ञान को स्थायी बना सकते हैं.

    ReplyDelete
  118. वैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं

    ReplyDelete
  119. किसी स्थान के इतिहास को जानने के लिए वहाँ का भ्रमण करना जरूरी है | इसके अलावा मैगजीन व समाचार पत्रों से भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

    ReplyDelete
  120. प्रात कालीन सिक्के साहित्य पुरातत्व पुरानी इमारतों के माध्यम से बच्चों को बेहतर बोध कराने में मदद मिलेगी

    ReplyDelete
  121. छात्रों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि कराकर,चर्चा करके,ऐतिहासिक स्रोतों जैसे-डाकटिकट,मानचित्र,सिक्के,प्राचीन धरोहरों के प्रदर्शन के माध्यम से अधिगम को सुगम व सरल बना सकते है ।किसी स्थान के इतिहास को अधिक जानने के लिए वहाँ का भ्रमण करना जरूरी है |

    ReplyDelete

  122. इतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के अनेक स्रोत हैं परंतु अपने विषय के अनुसार शिक्षार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्रदान करने का अवसर देने का प्रयास करेंगे । जिससे शिक्षार्थियों की ज्ञान में वृद्धि हो सके। ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण , पत्र- पत्रिकाएं ,वीडियो इत्यादि के माध्यम से रोचक एवं प्रमाणिक जानकारी छात्रों को दी जा सकती है ।इस तरह से बच्चों में सीखने के प्रति रूचि जागृत होगी।

    ReplyDelete
  123. इतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए उस अवधि में घटित घटनाओं, तथ्यों,उस अवधि विशेष में निर्मित स्थापत्य कला, सिक्के इत्यादि के ज्ञान से हम पाठ्य वस्तु को रुचिकर बना सकते h

    ReplyDelete
  124. शिक्षार्थियों को ऐतिहासिक श्रोतो जैसे - डाक टिकट, मानचित्र, प्राचीन धरोहरों का प्रदर्शन या भ्रमण कराकर दो या चार के समूहों में गतिविधियों के माध्यम से अधिगम कराना होगा ताकि कौतूहल से सीख सकें ।

    ReplyDelete
  125. Ps.sarniya nagar kshetre Bareilly . Etihas me visesh avdhi ki samajh viksit karne ke liye atihasik pustkey ,sikke,atihasik shask,badshao ke photo,atihasik picture dikhana,buldinho ke photo,patr-patrikaye,sangharaly & puratatvik esthalo ke photo ,daktikat etc.sroto ko ekattha karna chenge.esy dikha kar bachcho ki samajh esthai bna sakte hain.

    ReplyDelete
  126. शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं

    ReplyDelete
  127. इतिहास विषय को पढ़ाते समय छात्रों को उनके बाहरी जीवन से जोड़ते हुए समूह मैं किसी विषय पर चर्चा करेंगे साथ ही साथ जैसे ऐतिहासिक स्रोत -डाक टिकट, मानचित्र ,सिक्के ,शिलालेख आदि इतिहास को प्रत्यक्ष जानकारी देने के लिए क्षेत्र भ्रमण पर ले जाएंगे। बच्चे जिससे अच्छी तरह से इतिहास के बारे में समझ विकसित कर पाएंगे।

    ReplyDelete
  128. ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण , पत्र- पत्रिकाएं ,वीडियो इत्यादि के माध्यम से रोचक एवं प्रमाणिक जानकारी छात्रों को दी जा सकती है ।इस तरह से बच्चों में सीखने के प्रति रूचि जागृत होगी।

    ReplyDelete
  129. Covid-19 Ka Dhyan rakhte hue flight Mein Sare tatvon ko ekattha kar Uske dwara padhakar topic ko Ruchi kar Banaya Ja sakta hai aur uchit Samay Aane per vastvik chijon se a Parichay kara kar kar topic ko Adhik Ruchi kar bana sakte hain

    ReplyDelete
  130. वैसे तो स्त्रोत कई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
    रोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
    विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
    देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।

    ReplyDelete
  131. प्राचीन धरोहरों, मानचित्रों,सिक्को,आदि को विद्यार्थियों को दिखाकर ,भ्रमण स्थलों का भ्रमण कराकर ,विभिन्न छोटे छोटे समूहो में गतिविधियों के माध्यम से अधिगम करना चाहिए
    विद्यार्थियों को प्रचीन लेखों, अखबारों,ऐतिहासिक प्रतिलिपियों,आदि के माध्यम से भी बच्चो को ज्ञान प्रदान करना चाहिए
    जिससे वे वर्तमान तथा प्राचीन की जीवन शैली, शिक्षा,अर्थव्यवस्था,शाषन, आदि को समझ सके

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

Module 3: Activity 2: Fitness activities