Games, sports and some physical activities that we do in day to day life promote emotional health and well-being. Examples of some activities are Indoor activities: Crawl under tables, Use an object to practice balance, Jumping jacks, Dancing, Yogic activities …. Outdoor activities: Climbing a ladder, Jumping, crawling, and walking from one area to another, Zig-zag running between obstacles, Jump over various objects, Walking, ...Share some games, sports and activities, which help in fitness under each column. Take a moment to Reflect and post your comment in the comment box.
इतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए आप किस तरह के स्रोतों को इकट्ठा करना
ReplyDeleteवैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं
Deleteवैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं
DeleteAgar ho sake to us sthan ka bhramar karein
Deleteवैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं
DeleteIthihas ko shi prakar smjhne k lye uska bhraman krna jruri h jisse esthai gyan ki prapti ho ske
DeleteIthihas ko shi prakar smjhne k lye uska bhraman krna jruri h jisse esthai gyan ki prapti ho ske
DeleteIthihas ko shi prakar smjhne k lye uska bhraman krna jruri h jisse esthai gyan ki prapti ho ske
Deleteइतिहास में किसी विशेष अवधिकी समग्र समझ विकसित करने के लिए हम ऐतिहासिक तथ्यों जैसे-प्राचीन सिक्के, समाचारपत्र-पत्रिकाएं, रेडियो आदि स्रोतों को इकट्ठा करना चहेंगे।
DeleteRAJESH KUMAR CHAUHAN
DeletePrachin imarate
Prachin sikke
Prachin sthal
Prachin books and newspapers
Histry ki jhalak wali movies useful ho sakta hain
वैसे तो स्त्रोत कई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
Deleteरोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।
प्राचीन काल के शिलालेख, सिक्के, पांडुलिपियों के आधार पर।
Deleteवैसे तो स्त्रोत कई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
Deleteरोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।
वैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं
DeleteHo ske to us jgah ko ja kar dekhy
DeleteThis comment has been removed by the author.
Deleteशिक्षार्थियों को ऐतिहासिक श्रोतो जैसे - डाक टिकट, मानचित्र, प्राचीन धरोहरों का प्रदर्शन या भ्रमण कराकर दो या चार के समूहों में गतिविधियों के माध्यम से अधिगम कराना होगा ताकि कौतूहल से सीख सकें ।
DeletePrachin Kal ke shilalekh Sikke Pandu Lipi ke Aadhar per
DeleteIthihas ko shi prakar smjhne k lye uska bhraman krna jruri h jisse esthai gyan ki prapti ho ske
DeleteIthihas ko shi prakar smjhne k lye uska bhraman krna jruri h jisse esthai gyan ki prapti ho ske
Deleteशिक्षार्थियों को ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे डाकटिकट,मानचित्र प्राचीन धरोहरों का प्रदर्शन याभ्रमण कराकर ,दो या चार के समूह में गतिविधियों के माध्यम से अधिगम कराना होगा जिससे वे कौतूहल से जल्दी सीख सकें।
Deleteइतिहास में किसी विशेष अवधिकी समग्र समझ विकसित करने के लिए हम ऐतिहासिक तथ्यों जैसे-प्राचीन सिक्के, समाचारपत्र-पत्रिकाएं, रेडियो आदि स्रोतों को इकट्ठा करना चहेंगे।
Deleteइतिहास में किसी विशेष अवधिकी समग्र समझ विकसित करने के लिए हम ऐतिहासिक तथ्यों जैसे-प्राचीन सिक्के, समाचारपत्र-पत्रिकाएं, रेडियो आदि स्रोतों को इकट्ठा करना चहेंगे।
Deleteछात्रों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि कराकर,चर्चा करके,ऐतिहासिक स्रोतों जैसे-डाकटिकट,मानचित्र,सिक्के,प्राचीन धरोहरों के प्रदर्शन के माध्यम से अधिगम को सुगम व सरल बना सकते है ।
Deleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम किसी ऐतिहासिक जगह का भ्रमण कर सकते हैं जिससे बच्चें को स्थायी ज्ञान की प्राप्ति होगी। बच्चो को पुराने अखबारों को एकत्रित करने, पुराने सिक्के एकत्रित करने के लिए आदि के लिए कहेंगे और उनका ज्ञान बड़ायेंगे।
Deleteवैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं
Deleteप्राचीन काल के सिक्के व शिलापट लेखन के आधार पर ।
Deleteतत्कालीन समय की धरोहर, साहित्य, इमारत आदि के अध्ययन के द्वारा जानकारी संकलित करके ।
Deleteशिक्षार्थियों को ऐतिहासिक श्रोतो जैसे - डाक टिकट, मानचित्र, प्राचीन धरोहरों का प्रदर्शन या भ्रमण कराकर दो या चार के समूहों में गतिविधियों के माध्यम से अधिगम कराना होगा ताकि कौतूहल से सीख सकें
Deleteपरियोजना एवं भ्रमण आधारित विधाओं का प्रयोग करके समूह आधारित गतिविधियों के प्रयोग से बच्चों को स्थायी और रुचिपूर्ण ज्ञान प्रदान करेंगे।
Deleteवैसे तो स्त्रोत कई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
Deleteरोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।
वैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं
DeleteIthoas ko sahi prakar smjhne ke lye uska bhraman Krna zruri hai.
Deleteवैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं
DeleteChandra Shekhar Singh krishna nagar
The use of primary sources exposes students to important historical concepts.Students become aware that all written history reflects an author's interpretation of past events.History can be made more interesting by showing them videoes ,pictures and performing plays on different topics to make their learning enjoyable and indelible
ReplyDeleteबच्चों को ऐतिहासिक स्रोतों जैसे सिक्के, डाकटिकट, मानचित्र प्राचीन धरोहर का प्रदर्शन, या भृमण कराकर, वीडियो, समूह में गतिविधियों के माध्यम सेअधिगम करना होगा ताकि बच्चे रुचि लेकर कौतूहल से सीख सके।
Deleteबच्चों को ऐतिहासिक स्रोतों जैसे सिक्के, डाकटिकट, मानचित्र, प्रचीन धरोहर का प्रदर्शन या भ्रमण कराकर, वीडियो, समूह मे गतिविधियों के माध्यम से अधिगम करना होगा ताकि बच्चे रूचि लेकर कोतुहल से सीख सकें ।
Deleteशिक्षार्थियों को उस अवधि से संबंधित प्राचीन धरोहरों के प्रदर्शन से, समूह में गतिविधि के माध्यम से संबंधित साहित्य से, वीडियो दिखाकर, भ्रमण आदि के द्वारा इतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित कर सकते हैं।
Deleteवैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं
Deleteछात्रों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि कराकर,चर्चा करके,ऐतिहासिक स्रोतों जैसे-डाकटिकट,मानचित्र,सिक्के,प्राचीन धरोहरों के प्रदर्शन के माध्यम से अधिगम को सुगम व सरल बना सकते है ।
Deleteबच्चों के परिवार के व्यवसाय को उदाहरण के लिए digital माध्यम से प्रस्तुत किया जाय तो बेहतर learning outcomes मिलेगे
Deleteबच्चों के परिवार के व्यवसाय को उदाहरण के लिए digital माध्यम से प्रस्तुत किया जाय तो बेहतर learning outcomes मिलेगे
ReplyDeleteपत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
Deleteरोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।
Patr or patrikao se jaankari le skte hair.
DeletePatr or patrikao ke madhaym se jankari le skte h.
Deleteप्राचीन काल में शिलालेख, सिक्के, पांडुलिपि के आधार पर सटीक और सार्थक जानकारी
DeleteYes
Deleteपत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
ReplyDeleteरोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।
Deleteपत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
रोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं
पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
Deleteरोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।
पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
Deleteरोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।
पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
ReplyDeleteरोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।
Sanchar or prodeke ke madham se ek sochanea sekcha de sakate hai jese chintan kar nae gatevedheya parapt hoti hai
Deleteवैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं
Delete
Deleteबच्चों को ऐतिहासिक श्रोतो जैसे - डाक टिकट, मानचित्र, प्राचीन धरोहरों का प्रदर्शन या भ्रमण कराकर दो या चार के समूहों में गतिविधियों के माध्यम से अधिगम कराना होगा ताकि कौतूहल से सीख सकें ।
अगर हो सके तो उस स्थान का भ्रमण करें |
ReplyDeleteबच्चों को प्रत्यक्ष रूप से भ्रमण कराने से ज्ञान स्थायी होता है।
DeleteYes, visit that place
ReplyDeleteYes
ReplyDeleteबच्चों के परिवार के व्यवसाय को उदाहरण के लिए digital माध्यम से प्रस्तुत किया जाय तो बेहतर learning outcomes मिलेगे
ReplyDeleteIt is better to visit that place and get more ideas about it .
ReplyDeleteTo study a particular period in history the sources which I would like to gather Houses Architecture ,Farming, Clothing, Language, Business, Invention, Art and craft, Social structure, Invasions etc
ReplyDeletePaintings, images, oral history, inscriptions, coins, textual records and architectures
ReplyDeletePaintings, images, oral history, inscriptions, coins, textual records and architectures
ReplyDeleteपत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
ReplyDeleteरोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।
पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
ReplyDeleteरोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।
Yes
DeleteBy visiting that historical place
ReplyDeleteYes
DeletePatr air patrikao ke madhaym se jankariya le skte h.
Deleteपत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
ReplyDeleteरोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
देकर सीखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।
बच्चो को ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कराकर उनके ज्ञान को स्थायी कर सकते है
पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
ReplyDeleteरोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।
इतिहास को तथ्यों के आधार पर पढाया जाये। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ,सिक्के, पुरातत्विक अवशेष, डाक-टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचि कर एवम् आनंद दायक बनाया जा सकता है।
पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
ReplyDeleteरोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।
इतिहास को तथ्यों के आधार पर पढाया जाये। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ,सिक्के, पुरातत्विक अवशेष, डाक-टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचि कर एवम् आनंद दायक बनाया जा सकता है।
DeleteDecember 2020 at 11:33
Deleteइतिहास को तथ्यों के आधार पर पढाया जाये। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ,सिक्के, पुरातत्विक अवशेष, डाक-टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचि कर एवम् आनंद दायक बनाया जा सकता है।
इतिहास को तथ्यों के आधार पर पढ़ाया जाते। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य, सिक्के, पुरातात्विक अवशेष,डाक टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचिकर एवं आनंददायक बनाया जा सकता है
DeleteTo develop the entire concept of a particular age or period we should analyse the structure of buildings, monuments,coins, culture,food habits etc.
ReplyDeleteवैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं
ReplyDeleteपत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
ReplyDeleteरोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।
वैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं
ReplyDeleteवैसे तो क ई श्रोत हैं लेकिन अपने विषय के अनुसार उनकी पहचान करके विद्यार्थियों समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके। विभिन्न श्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में चर्चा कर सकते हैं।
ReplyDeleteइसके अलावा शिक्षार्थियों को टूर पर ले जा सकते हैं जहां उन्हें संग्रहालय एवं पुरातत्व विभाग का भ्रमण करा सकते हैं। पत्र-पत्रिकाओं एवं आई सी टी के माध्यम से वीडियो दिखाया जा सकता है।
वैसे तो जानकारी करने के लिए बहुत से स्रोत हैं लेकिन अपने विषय एवं टॉपिक के अनुसार विद्यार्थियों को ऐतिहासिक महत्व की इमारतों को, संग्रहालय में जाकर तत्कालीन साक्ष्यों को दिखाते हुए उस समय के बारे में बताकर। पुरातत्व विभाग का भ्रमण कराकर ज्ञान को स्थाई किया जा सकता है। आज के इलेक्ट्रॉनिक युग में वीडियो दिखाकर एवं अखबार पत्रिका इत्यादि के माध्यम से भी समझ को विकसित कर सकते हैं।
ReplyDeleteतात्कालिक इमारतों, पहनावे से जुड़ी विशेषताओ और धार्मिक प्रतीकों व इमारतों आदि से इतिहास के उस समय को मन पर अमिट रूप से अंकित किया जा सकता है। बिना तनाव और भ्रमण की स्वाभाविक रुचि के आधार पर ये अत्यंत प्रभावशाली सिद्ध होता है।
ReplyDeleteपत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
ReplyDeleteरोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।औरइतिहास को तथ्यों के आधार पर पढाया जाये। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ,सिक्के, पुरातत्विक अवशेष, डाक-टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचि कर एवम् आनंद दायक बनाया जा सकता है।
वैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके, जैसे कुछ पुराने सिक्के और डाक टिकट । विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए, समूह या जोड़ों में चर्चा करके, व्याख्यान देकर, संग्रहालय, पुरातात्विक स्थल को दिखा कर, भी पढ़ा सकते हैं ।
ReplyDelete
ReplyDeleteवैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा
What ho ske to us sthan ka bhraman kraye
ReplyDeletePatra Patrika itihaas video aadeshPatra Patrika aitihasik Katha video aadesh Sadhana ke madhyam se rojach praman jankari dwara vidyarthiyon ki jankari de sakte hain
Deleteपत्र-पत्रिकाएँ और आईसीटी के माध्यम से विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी देकर सीखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।
ReplyDeleteबच्चो को ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कराकर उनके ज्ञान को स्थायी कर सकते है|
पत्र पत्रिकाएं ऐतिहासिक तथ्य वीडियो संसाधनों के माध्यम से रोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा विद्यार्थियों को रोजगार युक्त जानकारी देकर सीखने -सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं ।अपने विषय के अनुसार उनकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके।
ReplyDeleteOnline video Patra patrakao ke madhyam se vidyarthiyon ko aitihasik tathya rochak pramanik jankari sahitya puratatv ke bare mein Dak ticket sikke aadi ka Sahara lekar itihaas ko Ruchi purn banaya ja sakta hai
ReplyDeleteइतिहास को तथ्यों के आधार पर पढाया जाये। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ,सिक्के, पुरातत्विक अवशेष, डाक-टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचि कर एवम् आनंद दायक बनाया जा सकता है
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के अनेक स्रोत हैं परंतु अपने विषय के अनुसार शिक्षार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्रदान करने का अवसर देने का प्रयास करेंगे । जिससे शिक्षार्थियों की ज्ञान में वृद्धि हो सके। दीक्षा एप ,ऐतिहासिक तथ्य , पत्र- पत्रिकाएं ,वीडियो इत्यादि के माध्यम से रोचक एवं प्रमाणिक जानकारी छात्रों को दी जा सकती है ।इस तरह से बच्चों में सीखने के प्रति रूचि जागृत होगी।
ReplyDeleteपत्र पत्रिकाएं ऐतिहासिक तथ्य वीडियो आदि संसाधनों के माध्यम से रोचक प्रमाणिक जानकारी देकर विद्यार्थियों को जागृत करेंगे बच्चों को परिवार गांव शहर के व्यवसाय को उदाहरण के लिए डिजिटल माध्यम से प्रस्तुत किया जाए तो बेहतर लर्निंग आउटकम्स मिलेंगे।
ReplyDeleteपत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
ReplyDeleteरोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।
December 2020 at 12:02
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के अनेक स्रोत हैं परंतु अपने विषय के अनुसार शिक्षार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्रदान करने का अवसर देने का प्रयास करेंगे । जिससे शिक्षार्थियों की ज्ञान में वृद्धि हो सके। दीक्षा एप ,ऐतिहासिक तथ्य , पत्र- पत्रिकाएं ,वीडियो इत्यादि के माध्यम से रोचक एवं प्रमाणिक जानकारी छात्रों को दी जा सकती है
इतिहास को तथ्यों के आधार पर पढाया जाये। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ,सिक्के, पुरातत्विक अवशेष, डाक-टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचि कर एवम् आनंद दायक बनाया जा सकता है।
ReplyDeleteइतिहास को तथ्यों के आधार पर पढाया जाये। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ,सिक्के, पुरातत्विक अवशेष, डाक-टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचि कर एवम् आनंद दायक बनाया जा सकता है।
ReplyDeleteRight
ReplyDeleteThek
Deleteकिसी विशेष स्थान के बारे में समझ विकसित करनी है तो बच्चों को वहां का भ्रमण कराएं और यदि ये सम्भव नही है तो उस विषय विशेष की मूवी दिखाएँ।
ReplyDeleteअर्जुन सिंह ps खेड़िया खुर्द
सिकंदरा राऊ हाथरस
उस विशेष अवधि की पत्र पत्रिकाओं, ऐतिहासिक तथ्यों को इकट्ठा करके, विडियोज, व क्षेत्र विशेष का भ्रमण आदि
ReplyDeleteNEERAJ KUMAR SINGH PS MAIDHI SADAR CHANDAULI UP.
ReplyDeletethe fundamental sources of historical concepts should be exposed to students to aware all of them with written matters, video and magazines.
We can create interest by showing them videos pictures and also by performing activities to the related topics.
Ancient historical monuments share kare
ReplyDeleteMuseum le jakar bachho ko samajha sakte hai if possible.
ReplyDeleteHistorical place me jaane ka mauka,news paper,museum and video clip in sabhi ke sath bachcho me history ki samajh vikshit kr sakte he.
ReplyDeleteWe can improve our knowledge by going that place where we want to study in history or book.hmara gyan staayee rhega
ReplyDeleteबच्चो को ऐतिहारिनक स्थल का भ्रमण कराकर इतिहास की वास्तविक समझ और स्थायी ज्ञान छात्र छात्रायो में विकसित कर सकते है तथा वहॉ वे चित्रो को अपने कक्षा कक्ष में लगा सकते है!
ReplyDeleteIthihas ko shi prakar smjhne k lye uska bhraman krna jruri h jisse esthai gyan ki prapti ho ske
ReplyDelete
ReplyDeleteइतिहास को तथ्यों के आधार पर पढाया जाये। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ,सिक्के, पुरातत्विक अवशेष, डाक-टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचि कर एवम् आनंद दायक बनाया जा सकता है।
इतिहास को तथ्यों के आधार पर पढाया जाये। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ,सिक्के, पुरातत्विक अवशेष, डाक-टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचि कर एवम् आनंद दायक बनाया जा सकता है।
ReplyDeleteItihas ki smagh viksit krne ke liye shicharthi ko subject ke pass lekar jana chiye
ReplyDeleteNEERAJ KUMAR SINGH PS MAIDHI SADAR CHANDAULI UP.
ReplyDeletethe fundamental sources of historical concepts should be exposed to students to aware all of them with written matters, video and magazines.
We can create interest by showing them videos pictures and also by performing activities to the related topics.
इतिहास तथ्यों पर आधारित है अतः विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम तात्कालिक समय के तथ्यों की जानकारी जैसे ऐतिहासिक, राजनैतिक,आर्थिक,व्यापारिक से संबंधित सिक्के,चित्र,विडियो, कलाकृतियों, संस्कृति, पत्र-पत्रिकाओं एवं शैक्षिक भ्रमणों के माध्यम से शिक्षण को रूचिकर बना सकते हैं तथा बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकेंगे।
ReplyDeleteपत्र पत्रिकाएं ऐतिहासिक तथ्य वीडियो संसाधनों के माध्यम से रोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा विद्यार्थियों को रोजगार युक्त जानकारी देकर सीखने -सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं ।अपने विषय के अनुसार उनकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सकेl
ReplyDeleteवीनूलता (स०अ०)
प्राथमिक विद्यालय भिस्वा,
ब्लॉक ब्रह्मपुर गोरखपुर ,
उत्तर प्रदेश ।
इतिहास को तथ्यों के आधार पर पढाया जाये। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ,सिक्के, पुरातत्विक अवशेष, डाक-टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचि कर एवम् आनंद दायक बनाया जा सकता है।
ReplyDeleteप्रात कालीन सिक्के साहित्य पुरातत्व पुरानी इमारतों के माध्यम से बच्चों को बेहतर बोध कराने में मदद मिलेगी
ReplyDeleteऐसी समझ विकसित करने के लिए पुस्तक,समकालीन सिक्के,अखब़ार की कटिंग, समकालीन कविता,साहित्य,आदि का अध्ययन किया जा सकता है ।
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए आप किस तरह के स्रोतों को इकट्ठा करना
DeleteWe can use old paper clippings, verbal stories or poems, stamps related to historic events, coins, records etc...
ReplyDeleteबच्चो को ऐतिहारिनक स्थल का भ्रमण कराकर इतिहास की वास्तविक समझ और स्थायी ज्ञान छात्र छात्रायो में विकसित कर सकते है तथा वहॉ वे चित्रो को अपने कक्षा कक्ष में लगा सकते है!
ReplyDeleteबच्चो को ऐतिहारिनक स्थल का भ्रमण कराकर इतिहास की वास्तविक समझ और स्थायी ज्ञान छात्र छात्रायो में विकसित कर सकते है तथा वहॉ वे चित्रो को अपने कक्षा कक्ष में लगा सकते है!
ReplyDeleteआडियो-वीडियो सामग्री, पत्र-पत्रिकाएँ, ऐतिहासिक स्थल भ्रमण, संग्रहालय भ्रमण, आदि माध्यम से विभिन्न गतिविधियों द्वारा बच्चों को प्रमाणिक जानकारी प्रदान करेंगे।
ReplyDeleteNidhi tiwari
ReplyDeleteइतिहास को तथ्यों के आधार पर पढाया जाये। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ,सिक्के, पुरातत्विक अवशेष, डाक-टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचि कर एवम् आनंद दायक बनाया जा सकता है।
History me aanek source hai jo bachcho ko padane me bahut hi help karte hai jisse bachcho ko bhi reading karne me achha lagta hai.
ReplyDeleteVisit se knowledge ko sthayi banaya ja sakta hai
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधिकी समग्र समझ विकसित करने के लिए हम ऐतिहासिक तथ्यों जैसे-प्राचीन सिक्के, समाचारपत्र-पत्रिकाएं, आदि स्रोतों को इकट्ठा करना चहेंगे।इसके अलावा हम ऐतिहासिक इमारतों के चित्र आदि भी एकत्रित कर सकते है उस समय से सम्बंधित वीडियो आदि भी बच्चो को दिखा सकते है।
ReplyDeleteराहुल गुप्ता (स०अ०)
उच्च प्राथमिक विद्यालय मझोला
विकास क्षेत्र:-बहजोई
जनपद:-संभल
इतिहास में किसी विशेष अवधिकी समग्र समझ विकसित करने के लिए हम ऐतिहासिक तथ्यों जैसे-प्राचीन सिक्के, समाचारपत्र-पत्रिकाएं, रेडियो आदि स्रोतों को इकट्ठा करना चहेंगे।
ReplyDeleteहमारा इतिहास तथ्यों पर आधारित है अतः विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए हमें प्राचीन कालीन सिक्के डाक टिकट पत्र पत्रिकाएं तथा संग्रहालय में ले जाकर बच्चों की समझ बेहतर और आनंददायक बनाया जा सकता है।
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि कि समग्र समझ विकसित करने के लिए विभिन्न स्रोतों या तथ्यों को एकत्रित किया जा सकता है जैसे सिक्के, उस अवधि का साहित्य, लिटरेरी अकाउंट या ट्रैवल अकाउंट, archeological remains या पुरातात्विक साक्ष्य, critical thinking in the analysis of sources या तथ्यों का विश्लेषण करना आदि।
Deleteइतिहास में किसी विशेष अवधि कि समग्र समझ विकसित करने के लिए विभिन्न स्रोतों या तथ्यों को एकत्रित किया जा सकता है जैसे सिक्के, उस अवधि का साहित्य, लिटरेरी अकाउंट या ट्रैवल अकाउंट, archeological remains या पुरातात्विक साक्ष्य, critical thinking in the analysis of sources या तथ्यों का विश्लेषण करना आदि।
ReplyDeleteवैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं
ReplyDeleteइतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम निम्नलिखित स्रोतों को इकट्ठा करना चाहेंगे -
Deleteसिक्के,
शिलालेख,
साहित्य,
जीविनी, इत्यादि
इतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम निम्नलिखित स्रोतों को इकट्ठा करना चाहेंगे -
ReplyDeleteसिक्के,
शिलालेख,
साहित्य,
जीविनी, इत्यादि
प्राचीन सिक्के ऐतिहासिक इमारतें स्मारक ऐतिहासिक यात्रियों की पुस्तकें जैसे ह्वेनसांग फाह्यान मेगास्थनीज का यात्रा के दौरान लिखा गया साहित्य डाक टिकट स्टांप और अगर मिल सके तो पुराने अखबार जिनमें ऐतिहासिक तथ्यों का उल्लेख हो(भारत के स्वतंत्रता संबंधी) आदि।
ReplyDeleteमारा इतिहास तथ्यों पर आधारित है अतः विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए हमें प्राचीन कालीन सिक्के डाक टिकट पत्र पत्रिकाएं तथा संग्रहालय में ले जाकर बच्चों की समझ बेहतर और आनंददायक बनाया जा सकता है।
DeleteHo ske to us jgah ko ja kar dekhy
Deleteइतिहास की किसी विशेष अवधि के बारे में समझ विकसित करने के लिए वैसे तो कई स्रोत हैं जैसे कि पुरातात्विक खोज सिक्के उस समय के समाचार पत्र पांडुलिपि । हम बच्चों को सेम श्रोत खोजने के लिए प्रेरित करेंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके एवं उनके द्वारा खोजे गए sources तो के माध्यम से हम उन्हें उस समय की सामाजिक राजनीतिक आर्थिक व्यवस्था की अवधारणा स्पष्ट करने में मदद करेंगे एवं अन्य स्रोतों को खोजने में उनकी सहायता करेंगे
ReplyDeleteवैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं
ReplyDeleteइतिहास की किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए उन्हें ऐतिहासिक इमारतों का भ्रमण कराएंगे, उस समय का साहित्य व चित्र दिखाएंगे, ict का प्रयोग कर वीडियो दिखाएंगे जिससे समझ स्थायी होगी।
ReplyDeleteइतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम निम्नलिखित स्रोतों को इकट्ठा करना चाहेंगे -
ReplyDeleteसिक्के,
शिलालेख,
साहित्य,
जीविनी, इत्यादि
पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
ReplyDeleteरोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।
Unknown10 November 2020 at 17:21
इतिहास को तथ्यों के आधार पर पढाया जाये। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ,सिक्के, पुरातत्विक अवशेष, डाक-टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचि कर एवम् आनंद दायक बनाया जा सकता है।
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधिकी समग्र समझ विकसित करने के लिए हम ऐतिहासिक तथ्यों जैसे-प्राचीन सिक्के, समाचारपत्र-पत्रिकाएं, रेडियो आदि स्रोतों को इकट्ठा करना चहेंगे।
ReplyDeleteइतिहास को तथ्यों के आधार पर पढ़ाया जाए।इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ऐतिहासिक इमारतें ,सिक्के , डाक टिकिट आदि के ज़रिए से बच्चों को रुचिकर ढंग से ज्ञान दिया जा सकता है
ReplyDeleteVibhinn Ptra.patrikayo ,ke.madhyam se itihasik jankari Vibhinn.shashan kallik shikko,Prachin smarko,shilalekho ,sangrahalyo,sath hi shakshanik bharaman,dwara bachcho me ruchikar Gyan Diya Ka skta hai
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए उस समय की कई प्रकार की एंटीक वस्तुओं, सिक्कों,प्राचीन इमारतों का बच्चों को भ्रमण कराना, बच्चो को उस अवधि के शासकों, जनता,कार्यों, सामाजिक जीवन के विषय मे बताना आदि कार्य करेंगें।
ReplyDeleteEtihas ko smjhne k liye sthan Ka bhramaan krna jruri hai😊
ReplyDelete
ReplyDeleteवैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं
किसी विशेष अवधि में प्राप्त हो सकने वाली विभिन्न वस्तुएं जैसे सिक्के अभिलेख पाठ्य पुस्तकें स्तूप उस समय की इमारतें इत्यादि का प्रयोग हम अध्ययन एवं अध्यापन में कर सकते हैं।
ReplyDeleteVishay ke anurup Pramanik tathyon se
ReplyDeleteकिसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए एक से अधिक तथ्यों को एकत्रित करने की आवश्यकता होगी। अतः तात्कालिक समय के सिक्के अखबार,साहित्य,नाटक,नौटँकी, संगीत,गीत,फाइल्स,रेडियोक्लिप्स,,सिनेमा,पर्यटक स्थल,आत्म कथा मेसे उपलब्ध एवम विषय वस्तु के अनुरूप तथ्य ए कत्रित
ReplyDeleteकिए जा सकते हैं।
उस स्थान का bhrmn कराया जाय,जिसके बारे में कक्षा में बताया गया।। सत्येन्द्र सिंह,सौंहा बावन हरदोई उ0प्र0
ReplyDeleteLALIT KUMAR TIWARI PS KABIRABAD MUHAMMADABAD GOHANA MAU UP
Deleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए उस समय की कई प्रकार की एंटीक वस्तुओं, सिक्कों,प्राचीन इमारतों का बच्चों को भ्रमण कराना, बच्चो को उस अवधि के शासकों, जनता,कार्यों, सामाजिक जीवन के विषय मे बताना आदि कार्य करेंगें।
LALIT KUMAR TIWARI PS KABIRABAD MUHAMMADABAD GOHANA MAU UP
ReplyDeleteवैसे तो कई स्त्रोत है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं।
ReplyDeleteItihaas ki samagri samajh viksit karne ke liye ham Samachar Patra ticket stamp purane Jamane ke Sikke purani imaraton ke Chitra la ekattha Karenge
ReplyDeletePrachin imarate
ReplyDeletePrachin sikke
Prachin sthal
Prachin books and newspapers
Histry ki jhalak wali movies useful ho sakta hain
वैसे तो स्त्रोत कई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
ReplyDeleteरोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।
Yatendra kankran, History can be made interesting by showing the students videos, pictures, monument, coins, new s paper. Learning can be more effective and enjoyable.
ReplyDeleteIt would be good if related coins, stamps, historic books or foreign travellers account could be made available to students ( even if virtual ) and further to reinforce their knowledge related videos,movies,animations may be shown and even students should be motivated to roleplay the historic personalities or situations
ReplyDeleteIthihas ko shi prakar smjhne k lye uska bhraman krna jruri h jisse esthai gyan ki prapti ho ske
ReplyDeletePramanik shroton se lekar aur vishay anurup tha anubhav se
ReplyDeleteपत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
ReplyDeleteरोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।
वैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं
ReplyDeleteवैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं
ReplyDeleteवैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं
ReplyDeleteप्राचीन काल के शिलालेख, सिक्के, पांडुलिपियों के आधार पर।
ReplyDeleteअपने विषय से संबंधित सिक्के स्मारक पांडुलिपियों पुस्तकें पत्र पत्रिकाएं अखबार वीडियो आदि वस्तुओं को दिखाकर भ्रमण करवा कर बच्चों को स्थाई ज्ञान दिया जा सकता है और यह बच्चों को रुचिकर भी लगता है
ReplyDeleteइतिहास को तथ्यों के आधार पर पढाया जाये। इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए साहित्य ,सिक्के, पुरातत्विक अवशेष, डाक-टिकटों आदि का सहारा लेकर इतिहास को रुचि कर एवम् आनंद दायक बना सकते हैं।
ReplyDeleteबच्चों को ऐतिहासिक श्रोतो जैसे - डाक टिकट, मानचित्र, प्राचीन धरोहरों का प्रदर्शन या भ्रमण कराकर दो या चार के समूहों में गतिविधियों के माध्यम से अधिगम कराना होगा ताकि कौतूहल से सीख सकें ।
ReplyDeleteTo teach about any time students should be suggested to collect the coins, pottery, jewelry, scripture, and literature to be able to understand the importance of changes
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष समय की जानकारी देने के लिए शिक्षक को तत्कालीन समाचार पत्रों की प्रतिलिपियां, पुराने सिक्कों की प्रतिकृतियां, एतिहासिक इमारतों/अवशेषों के चित्र, साहित्यिक श्रोत के अंश, पांडुलिपियों और उससे सम्बंधित ई-कन्टेन्ट(आडियो, वीडियो)आदि एकत्रित करके शिक्षण में प्रयोग कर सकते हैं।
ReplyDeleteहम इतिहास के किसी समय के समग्र पक्षो की जानकारी देने हेतु सिक्के, विदेशी यात्रियों के लेखों, अखबार, पुराने समय पर आधारित विडियो ऐतिहासिक स्थलों ,संग्रहालय भ्रमण आदि को सामिल करेंगे ।
ReplyDeleteइतिहास को जानने के लिए अपनी शुरू होता है जैसे कि रेडियो टीवी तथा भ्रमण करके
ReplyDeleteबच्चों के परिवार के व्यवसाय को उदाहरण के लिए digital माध्यम से प्रस्तुत किया जाय तो बेहतर learning outcomes मिलेगे
ReplyDeleteइतिहास जानने के लिए अपने शुरू होता है जैसे कि रेडियो भी टीवी तथा भ्रमण करके
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष समय की जानकारी देने के लिए शिक्षक को तत्कालीन समाचार पत्रों की प्रतिलिपियां, पुराने सिक्कों की प्रतिकृतियां, एतिहासिक इमारतों/अवशेषों के चित्र, साहित्यिक श्रोत के अंश, पांडुलिपियों और उससे सम्बंधित ई-कन्टेन्ट(आडियो, वीडियो),I.C.Tआदि एकत्रित करके शिक्षण में प्रयोग कर सकते हैं।
ReplyDeleteहम इतिहास के किसी समय के समग्र पक्षो की जानकारी देने हेतु सिक्के, विदेशी यात्रियों के लेखों, अखबार, पुराने समय पर आधारित विडियो ऐतिहासिक स्थलों ,संग्रहालय भ्रमण आदि को सामिल करेंगे ।
ReplyDeleteशिक्षार्थियों को ऐतिहासिक श्रोतो जैसे - डाक टिकट, मानचित्र, प्राचीन धरोहरों का प्रदर्शन या भ्रमण कराकर दो या चार के समूहों में गतिविधियों के माध्यम से अधिगम कराना होगा ताकि कौतूहल से सीख सकें ।
ReplyDeleteAnceint dharohar,visit to historical buildings,introduce to old coins, old newspaper
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए आप किसी तरह के स्रोतों को इकट्ठा करना जैसे प्राचीन सिक्के वस्तुएं आदि
ReplyDeleteवैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं
ReplyDeleteबच्चों को ऐतिहासिक स्त्रोतों जैसे डाकटिकट,मानचित्र प्राचीन धरोहरों का प्रदर्शन याभ्रमण कराकर ,दो या चार के समूह में गतिविधियों के माध्यम से अधिगम कराना होगा जिससे वे कौतूहल से जल्दी सीख सकें।
ReplyDeleteकिताबों, आईसीटी, डाक टिकट, सिक्को की मदद से विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण पाने का अवसर देगे.पुरातात्विक सन्गृहालय तथा ऐतिहासिक स्थलों का भृमण करा कर ज्ञान को स्थायी बना सकते हैं.
ReplyDeleteवैसे तो स्त्रोत गई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं
ReplyDeleteकिसी स्थान के इतिहास को जानने के लिए वहाँ का भ्रमण करना जरूरी है | इसके अलावा मैगजीन व समाचार पत्रों से भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
ReplyDeleteप्रात कालीन सिक्के साहित्य पुरातत्व पुरानी इमारतों के माध्यम से बच्चों को बेहतर बोध कराने में मदद मिलेगी
ReplyDeleteछात्रों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि कराकर,चर्चा करके,ऐतिहासिक स्रोतों जैसे-डाकटिकट,मानचित्र,सिक्के,प्राचीन धरोहरों के प्रदर्शन के माध्यम से अधिगम को सुगम व सरल बना सकते है ।किसी स्थान के इतिहास को अधिक जानने के लिए वहाँ का भ्रमण करना जरूरी है |
ReplyDelete
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के अनेक स्रोत हैं परंतु अपने विषय के अनुसार शिक्षार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्रदान करने का अवसर देने का प्रयास करेंगे । जिससे शिक्षार्थियों की ज्ञान में वृद्धि हो सके। ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण , पत्र- पत्रिकाएं ,वीडियो इत्यादि के माध्यम से रोचक एवं प्रमाणिक जानकारी छात्रों को दी जा सकती है ।इस तरह से बच्चों में सीखने के प्रति रूचि जागृत होगी।
इतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए उस अवधि में घटित घटनाओं, तथ्यों,उस अवधि विशेष में निर्मित स्थापत्य कला, सिक्के इत्यादि के ज्ञान से हम पाठ्य वस्तु को रुचिकर बना सकते h
ReplyDeleteशिक्षार्थियों को ऐतिहासिक श्रोतो जैसे - डाक टिकट, मानचित्र, प्राचीन धरोहरों का प्रदर्शन या भ्रमण कराकर दो या चार के समूहों में गतिविधियों के माध्यम से अधिगम कराना होगा ताकि कौतूहल से सीख सकें ।
ReplyDeletePs.sarniya nagar kshetre Bareilly . Etihas me visesh avdhi ki samajh viksit karne ke liye atihasik pustkey ,sikke,atihasik shask,badshao ke photo,atihasik picture dikhana,buldinho ke photo,patr-patrikaye,sangharaly & puratatvik esthalo ke photo ,daktikat etc.sroto ko ekattha karna chenge.esy dikha kar bachcho ki samajh esthai bna sakte hain.
ReplyDeleteशिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं
ReplyDeleteइतिहास विषय को पढ़ाते समय छात्रों को उनके बाहरी जीवन से जोड़ते हुए समूह मैं किसी विषय पर चर्चा करेंगे साथ ही साथ जैसे ऐतिहासिक स्रोत -डाक टिकट, मानचित्र ,सिक्के ,शिलालेख आदि इतिहास को प्रत्यक्ष जानकारी देने के लिए क्षेत्र भ्रमण पर ले जाएंगे। बच्चे जिससे अच्छी तरह से इतिहास के बारे में समझ विकसित कर पाएंगे।
ReplyDeleteऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण , पत्र- पत्रिकाएं ,वीडियो इत्यादि के माध्यम से रोचक एवं प्रमाणिक जानकारी छात्रों को दी जा सकती है ।इस तरह से बच्चों में सीखने के प्रति रूचि जागृत होगी।
ReplyDeleteCovid-19 Ka Dhyan rakhte hue flight Mein Sare tatvon ko ekattha kar Uske dwara padhakar topic ko Ruchi kar Banaya Ja sakta hai aur uchit Samay Aane per vastvik chijon se a Parichay kara kar kar topic ko Adhik Ruchi kar bana sakte hain
ReplyDeleteवैसे तो स्त्रोत कई है लेकिन अपने विषय के अनुसार उसकी पहचान करके विद्यार्थियों को समग्र दृष्टिकोण प्राप्त करने का अवसर देंगे ताकि उनका ज्ञान स्थाई हो सके विभिन्न स्त्रोतों पर चर्चा करते हुए शिक्षार्थियों को उनके जीवन से जोड़ते हुए समूह या जोड़ों में गतिविधि बनाकर भी चर्चा करके व्याख्यान देकर संग्रहालय पुरातात्विक स्थल को दिखा कर भी पढ़ा सकते हैं पत्र-पत्रिकाएँ , ऐतिहासिक तथ्य , विडियो आदि संसाधनों के माध्यम से
ReplyDeleteरोचक प्रमाणिक जानकारी द्वारा
विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख जानकारी
देकर सिखने - सिखाने के प्रति रुचि जागृत करके हम बेहतर प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं।
प्राचीन धरोहरों, मानचित्रों,सिक्को,आदि को विद्यार्थियों को दिखाकर ,भ्रमण स्थलों का भ्रमण कराकर ,विभिन्न छोटे छोटे समूहो में गतिविधियों के माध्यम से अधिगम करना चाहिए
ReplyDeleteविद्यार्थियों को प्रचीन लेखों, अखबारों,ऐतिहासिक प्रतिलिपियों,आदि के माध्यम से भी बच्चो को ज्ञान प्रदान करना चाहिए
जिससे वे वर्तमान तथा प्राचीन की जीवन शैली, शिक्षा,अर्थव्यवस्था,शाषन, आदि को समझ सके