माॅड्यूल 1 - गतिविधि 5: द एनिमल स्कूल (जानवरों का विद्यालय) कल्पित कथा पर चिंतन
अपनी कक्षा में विविधता को संबोधित करने के लिए कहानी में से क्या क्रिया बिंदु निकलते हैं?
चिंतन के लिए कुछ समय लें और कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें ।
अपनी कक्षा में विविधता को संबोधित करने के लिए कहानी में से क्या क्रिया बिंदु निकलते हैं?
चिंतन के लिए कुछ समय लें और कमेंट बॉक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज करें ।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति, उसकी रूपरेखा, पाठ्यचर्या व इनके प्रकार और शिक्षा-शास्त्र की एक अच्छी समझ विकसित करने पर केन्द्रित है जिससे विभिन्न असाधारण परिस्थितियों, जिनमें COVID-19 भी सम्मिलित है, में विविधता को स्वीकार किया जा सके और समावेशी कक्षाओं का निर्माण किया जा सके।
ReplyDeleteकोविड-19 के दौरान छात्रों के साथ संपर्क में रहने के लिए हमने ई लर्निंग का ही प्रयोग किया है व्हा।ग्रुप के माध्यम से हम लगातार बच्चों को कोविड-19 के विषय में जागरूक करते रहे हैं और अपने पाठ्यक्रम को भी आगे बढ़ाते रहे हैं।
DeleteSabhi bacchon unke satar de padana chahiye
DeleteEvery child has own ability.we must teach them new competencies.but not in that way they forget their old skills.
Deleteकक्षा के हर बच्चे की अपनी अलग प्रतिभा होती है हमें उसको उसकी क्षमता के हिसाब से निखारना होता है
Deleteबच्चों को उनकी क्षमताओं के अनुसार ही शिक्षा देनी चाहिए।
Deleteविद्यालय के सभी बच्चे प्रतिभावान हैं, कोई भी कमतर नहीं है | प्रत्येक छात्र में विशेष गुण होते
ReplyDeleteहैं |
सभी बच्चों के परिवेश के अनुसार शिक्षा देने चाहिए
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Deleteविद्यालय में विभिन्न आवश्यकताओं वाले विद्यार्थियों को उनकी योग्यताओ और क्षमताओं के आधार पर शिक्षा प्रदान करनी चाहिये।
ReplyDeleteप्रत्येक छात्र में विशेष गुण होते
Deleteहैं |
प्रत्येक छात्र-छात्रा में अलग अलग सीखने के गुण होते है,उनकी स्किल के अनुसार उन्हेंक्लास रूम मे पयोग प्रदर्शन से टॉपिक को और रोचक जा सकता है।
Deleteकक्षा में अलग-अलग परिवेश, अलग-अलग पारिवारिक व आर्थिक पृष्ठभूमि के छात्र होने के बाद भी सभी छात्रों को समावेश करके ऐसी शिक्षा देनी है कि प्रत्येक छात्र का सर्वांगीण विकास हो सके
ReplyDeleteहमने बचपन मे एक कहानी सुनी थी- "कछुआ चला हंस की चाल और खुद की चाल भूल गया"
ReplyDelete"द एनिमल स्कूल" में भी इसी कहानी को चरितार्थ होता हुआ बताया गया है
अगर हम अपने विद्यालयी परिदृश्य को देखें तो हम भी एनिमल स्कूल ही चला रहे होते हैं (अधिकतर मामलों में) बच्चों के स्वानुभव को दरकिनार करते हुए हम अपने नियम और स्वभाव के अनुसार सारी जानकारी ठूस देने की कोशिश में लगे रहते हैं। हम चाहते हैं कि हमारा बच्चा पाठ्यक्रम के सभी विषयवस्तुओं को हमारे निर्देशानुसार अपने अंदर समाहित कर ले और ऐसा करने के चक्कर मे बच्चे अपने प्राकृतिक गुणों को भी भूल जाते हैं जो इस कहानी का मूल है।
सही विचार
Deleteशिक्षा का प्रमुख उद्देश्य है बच्चे का सर्वांगीण विकास , हमारा लक्ष्य है कि विभिन्न समुदायों से आये बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार व किस हद तक बच्चे ने लर्निंग आउटकम्स प्राप्त कर लिए हैं सतत प्रयास करना ।
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ReplyDeleteShiksha ka mukhya uddeshya Hai bacchon ka sarvangeen Vikas Sabhi bacchon Ke prakrtik ghodon ko Dhyan Mein rakhkr Shiksha Di Jaani chahie pratyek bacche mein alag alag visheshta hoti hai
ReplyDeleteBachho ko unke interest aur chamatao ke anusar siksha deni chahiye har baccha alag aur vishist hota hai
ReplyDeleteइस कहानी के अनुसार हमारी शिक्षा की पॉलिसी ऐसी होनी चाहिए कि जो जिस ओर दिलचस्पी दिखाता हो उसे उसी के अनुसार आगे बढ़ने के अवसर देना चाहिए और एक शिक्षक को उसके इसी हुनर को निखारने में सुगमकर्ता का रोल अदा करना चाहिए। हर बच्चे को मनपसंद करियर चुनने की आज़ादी है उस पर कोई दबाव नहीं डाला जाना चाहिए कि तुम्हे ऐसा ही करना होगा।
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteआर्थिक स्थिति प्राथमिक विद्यालय में पढने वाले बच्चों के प्रत्येक कार्य में बाधक बनती है, बच्चों के अभिभावक बन्धु गृहकार्य में अधिक सहभागी बनाने से अपेक्षित अधिगम स्तर प्राप्ति में सबसे अधिक कठिनाई आ रही है।
ReplyDeleteइस कहानी के अनुसार बच्चों में अलग अलग गुण और विशेषता होती हैं। बच्चों को उनकी विशेषता और गुण के अनुसार ही शिक्षा देनी चाहिए
ReplyDeleteSomewhere agreed with this module, phir bhi bahut se factors learning outcome ko achieve karne
ReplyDeletemein badhak hai....will definitely trying to apply these points din my teaching
विद्यालय में विभिन्न आवश्यकताओं वाले विद्यार्थियों को उनकी योग्यता और क्षमता ओं के आधार पर शिक्षा प्रदान करनी चाहिए
ReplyDeleteHar baache main shikne ki ability alag alag hoti hai usse uske ansr hi padhana chaiye isse humhe kafi badlav dikhai dengey
ReplyDeleteशिक्षा का प्रमुख उद्देश्य है बच्चों का सर्वांगीण विकास हमारा लक्ष्य है विभिन्न समुदाय से आए बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार को किस हद तक बच्चे ने लर्निंग आउटकम्स प्राप्त कर लिए हैं सतत प्रयास करना।
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DeleteHer bachcha apni ek alag pratibha rakhta h. humko uske anusar teaching karne se bachche adhik seekh sakte h.aur bachche apne learning outcome prapt ker sakte h
ReplyDeleteविद्यालय में विभिन्न आवश्यकता वाले बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था की जानी चाहिए।बच्चों के साथ सहानुभूति पूर्वक कार्य किया जाना चाहिए ।
ReplyDeleteविद्यालय में विभिन्न आवश्यकता वाले बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था की जानी चाहिए।बच्चों के साथ सहानुभूति पूर्वक कार्य किया जाना चाहिए ।
ReplyDeleteclass me bachho ki yogta k anusar educatation ka kary karwa kar unka vikas krna chahiye
ReplyDeleteविद्यालय में बच्चों में सर्वांगीण विकास के लिए उनके प्रतिभा और परिवेश के अनुसार विषय वस्तु का चुनाव करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए।
ReplyDeleteविद्यालय में बच्चों में सर्वांगीण विकास के लिए उनके प्रतिभा और परिवेश के अनुसार विषय वस्तु का चुनाव करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए।
ReplyDeleteEvery child has their own ability and quality, we should teach them like this, that they don't loose their capability. They learn from us but not loose their strength.
ReplyDeleteहम प्रायः कक्षा में बच्चों की स्वाभाविक प्रवृत्तियों पर ध्यान नही देते।प्रत्येक बच्चे में एक विशेष गुण होता है,हम उस विशेष गुण को प्रोत्साहित न कर एक कॉमन शिक्षण पद्धति अपनाते हैं।जिससे बच्चे का अपेक्षित विकास नही हो पाता।
ReplyDeleteद एनिमल स्कूल कहानी हमें बताती है कि जिस प्रकार जानवरों में अपनी अपनी खास प्रतिभा होने के बावजूद जब उन्हें अलग एक्टिविटी में डाला गया तो उन्होंने अपनी पहचान भी खो दी ठीक उसी प्रकार हमारे स्कूल के छात्र छात्राओं के साथ अनजाने में ऐसा ही हो जाता है हर छात्र छात्रा में कुछ खास प्रतिभा होती है हम उसे ना निकाल कर उन लोगों को हर विषय में अब्बल बनाने के चक्कर में लग जाते हैं ऐसा करने पर उस बच्चे की अपनी प्रतिभा भी लुप्त हो जाती है हमें यह सदैव याद रखना चाहिए हर बच्चा खास है हर बच्चे में कुछ विशेष है
ReplyDeleteविद्यालय के सभी बच्चे प्रतिभावान हैं, कोई भी कमतर नहीं है | प्रत्येक छात्र में विशेष गुण होते
ReplyDeleteहैं |
Every child is special..सभी बच्चों की क्षमतायें व प्रतिभा अलग अलग होती है।सत्य है..
ReplyDeleteपरन्तु दिव्यांग बच्चे सामान्य बच्चों के साथ जब होते हैं तो असहज स्थितियां उतपन्न होती हैं।जिसके लिए उपचारात्मक प्रविधियों की आवश्यकता है।
सभी बच्चों में कुछ न कुछ गुण होते है। सभी को एक समान नही आंका जा सकता। सभी के लिए आकलन का तरीका अलग होना चाहिए व सभी को उनके सतर अनुसार पढने का मौका मिलना चाहिए।
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DeleteEvery child has unique quality and they should be treated on the bases of their qualities
ReplyDeleteThe story is very useful.Kahani se pata chalta hai ki bachchon ko unki kshamta aur ruchi ke anurup shikshan nahi karenge to ve school se bhag jayenge ya shikshan avoid karenge.
ReplyDeleteEvery child is special sbhi बच्चे एक समान नही होते सभी बच्चे मे अलग - क्षमताएँ होती है ।
ReplyDeleteVindomati rai
(A.T) ups imiliya
MAU
निश्चित रूप से हम जानते हैं कि प्रत्येक मनुष्य में जन्मजात प्रतिभाओं की विविधता होती है उसी पर आधारित यह कहानी बहुत ही रोचक और शिक्षाप्रद है जब तक हम कक्षा में बच्चों की विभिन्न प्रतिभाओं को नहीं समझेंगे तब तक सीखने सिखाने के प्रतिफल मैं हमें आशातीत सफलता प्राप्त नहीं हो सकती .हमने बचपन मे एक कहानी सुनी थी- "कछुआ चला हंस की चाल और खुद की चाल भूल गया"
ReplyDelete"द एनिमल स्कूल" में भी इसी कहानी को चरितार्थ होता हुआ बताया गया है
अगर हम अपने विद्यालयी परिदृश्य को देखें तो हम भी एनिमल स्कूल ही चला रहे होते हैं (अधिकतर मामलों में) बच्चों के स्वानुभव को दरकिनार करते हुए हम अपने नियम और स्वभाव के अनुसार सारी जानकारी ठूस देने की कोशिश में लगे रहते हैं। हम चाहते हैं कि हमारा बच्चा पाठ्यक्रम के सभी विषयवस्तुओं को हमारे निर्देशानुसार अपने अंदर समाहित कर ले और ऐसा करने के चक्कर मे बच्चे अपने प्राकृतिक गुणों को भी भूल जाते हैं जो इस कहानी का मूल है।
Every child is special.we need to adjust according to qualities and they shouldn't be forced to act according to us.
ReplyDeleteकक्षा में पढ़ाते समय बच्चों की रुचियों पर विशेष ध्यान देना चाहिए तथा बच्चो पर किसी भी प्रकार का दबाव नही डालना चाहिए।
ReplyDeleteBachon ko unki ruchi ke anusar shiksha dena h,
ReplyDeleteबच्चो को उनकी रूचि के अनुसार पढ़ाना चाहिये
ReplyDeleteप्रत्येक मनुष्य में जन्मजात प्रतिभाओं की विविधता होती है उसी पर आधारित यह कहानी बहुत ही रोचक और शिक्षाप्रद है जब तक हम कक्षा में बच्चों की विभिन्न प्रतिभाओं को नहीं समझेंगे तब तक सीखने सिखाने के प्रतिफल मैं हमें आशातीत सफलता प्राप्त नहीं हो सकती .हमने बचपन मे एक कहानी सुनी थी- "कछुआ चला हंस की चाल और खुद की चाल भूल गया"
ReplyDelete"द एनिमल स्कूल" में भी इसी कहानी को चरितार्थ होता हुआ बताया गया है
अगर हम अपने विद्यालयी परिदृश्य को देखें तो हम भी एनिमल स्कूल ही चला रहे होते हैं
Every child has very Special and unique qualities and we need to address them equally. Forcing a student learn something new can sometime damage his already accuired qualities, thus we need to create such a learning enviorment wherein all students feels free to give out there best.
ReplyDeleteकक्षा में अलग-अलग पारिवारिक व आर्थिक पृष्ठभूमि के छात्र होने के बाद भी सभी छात्रों को समावेशित करके इस प्रकार शिक्षित करना चाहिए कि प्रत्येक छात्र में निहित गुणों का सर्वांगीण विकास हो सके।
ReplyDeleteबच्चो को पढ़ाते समय उनके रुचियों का ध्यान देना चाहिए।सभी बच्चे एक समान नहीं होते हैं कुछ बच्चे जल्दी समझते है कुछ थोड़ा लेट समझते है।सभी बच्चो को एक साथ लेकर पढ़ाना सही रहता है।जो बच्चे जल्दी नहीं समझते उन्हें कुछ टी ल म के माध्यम से समझाए।
ReplyDeleteEvery child is special and we have to teach them according to their individual interest and qualities
ReplyDeleteAnu (P.S. Mukerpur gujjar , Bijnor)
सभी विद्यार्थियों की प्रतिभा का हमें सही आकलन करके उनका समुचित विकास के तरीके अपनाने चाहिये।
ReplyDeleteरमेश कुमार
सभी बच्चो में अलग अलग योग्यता होती है अतः हमें उनकी योग्यता के अनुसार सीखना चाहिए
ReplyDeleteTeach them according to their abilities and interest for their development
ReplyDeleteBaccho me bhedbhav nhi krna chaiye.
ReplyDeleteIts a Time to communicate with our students threw Technology and make them aware about techniqe along with learning
ReplyDeleteकक्षा में अलग-अलग परिवेश के बच्चे, अलग-अलग पारिवारिक व आर्थिक पृष्ठभूमि से आते हैं, हमें सभी छात्रों को समावेश करके ऐसी शिक्षा देनी है कि प्रत्येक छात्र का सर्वांगीण विकास हो सके।।
ReplyDeleteWe must teach our students according to their strength and intrest of learning..We have to observe the skills they have in early age and than according to interest.we should reach team.
ReplyDeleteHar bacche ki ek alag pratibha hoti h,hme use pahchankar using ke according use padhana chahiye.
ReplyDeleteJo bacche jis chiz me mahir me unki help lete hue unhe age sikhaye. Aur naya sikhane ke liye unhe purane ko bhulne ya us par dhyan na dene ko mat kahe. Unke purv gyan se jodte hue, uski skill ka prayog, unki capacity ka prayog, uski pasand avm ruchiyon ko
ReplyDeletedhyan dhyan dete hue sikhaye
हर बच्चे मे अलग अलग गुण होते हैं इसलिये उन्हे उनकी रुचि और उनकी क्षमता क अनुसार ही सिखाना चाहिए
ReplyDeleteइस कहानी के अनुसार बच्चों में अलग अलग गुण और विशेषता होती हैं। बच्चों को उनकी विशेषता और गुण के अनुसार ही शिक्षा देनी चाहिए।यही कहानी का मूल उद्देश्य है।
ReplyDeleteAll students have unique characterstics so first of all we have to find out them, than only start our teaching .
ReplyDeleteकहानी कक्षा में विविधता को अच्छी तरह समझ आती है क्या इस कहानी के पात्रों के अनुसार जंगल की स्कूल का पाठ्यक्रम क्या होना चाहिए था
ReplyDeleteकक्षा में सभी बच्चे किसी न किसी प्रकार से प्रतिभावान होते ही हैं हमें उनकी प्रतिभा को पहचाना होता है कक्षा में शिक्षण बच्चों की प्रतिभा के अनुसार होना चाहिए
ReplyDeleteAll student having different learning capability .so find all unique student
ReplyDeleteसभी बच्चों में समान प्रतिभा नहीं होती है निष्ठा प्रशिक्षण के द्वारा बताई गई कहानी जानवरों का स्कूल से बच्चों में प्रतिभा कैसे निखारना है यह बखूबी बताया गया है।
ReplyDeleteकोविड-19 के दौरान छात्रों के साथ संपर्क में रहने के लिए हमने ई लर्निंग का ही प्रयोग किया है व्हा।ग्रुप के माध्यम से हम लगातार बच्चों को कोविड-19 के विषय में जागरूक करते रहे हैं और अपने पाठ्यक्रम को भी आगे बढ़ाते रहे हैं।
ReplyDeleteEvery child has distinct character and is also different in his behaviour and attitude. The different children come from different family background, culture, religion and family conditions. We should understand each child with knowing all above mentioned factors and then choose the best teaching method that suits with child learning need.
ReplyDeleteKaksha Mein Sabhi bacche Kisi Na Kisi Prakar se pratibhavan Hote Hi hai Hamen Unki Pratibha ko pahchana Hota Hain kaksha mein bacchon ki Pratibha ke anusar Hona chahie
ReplyDeleteकोविड-19 के दौरान छात्रों के साथ संपर्क में रहने के लिए हमने ई लर्निंग का ही प्रयोग किया है व्हा।ग्रुप के माध्यम से हम लगातार बच्चों को कोविड-19 के विषय में जागरूक करते रहे हैं और अपने पाठ्यक्रम को भी आगे बढ़ाते रहे हैं।
ReplyDeleteKahani ke madhyam se ve bachhe bhi kriya sheel hokar shikshak ki bate sunte h jo vibhinn shaikshik level par hote h ve vishya vastu ko apne aas pas ke vatavaran se jodkar vishya ka gyan prapt karte h
ReplyDeleteकक्षा में सभी बच्चों में अपनी अपनी विशेषता होती है।
ReplyDeleteहमें ज़रुरत है उनकी इन विशेषताओं को पहचानने व बच्चों को प्रोत्साहित करने की।
कक्षा में सभी बच्चे किसी ना किसी प्रकार से प्रतिभावान होते हैं हमें उनकी प्रतिभा को पहचानना होता है कक्षा में शिक्षक बच्चों की प्रतिभा के अनुसार होना चाहिए
ReplyDeleteकक्षा मे बच्चे विभिन्न प्रकार के होते हैं उनके लेवल के अनुसार पढ़ाना चाहिए नहीं तो वो पीछे का भूल जाएंगे।
ReplyDeleteHar bachcha alag hota hai, aour unme kuchh vishisht gun hote hai. Alag alag sikhane ki kshamtaye hoti hai, isi tarah unme sharirik kshamtaye bhi alag alag hoti hai, isliye as a teacher hamara duty hai ki hum unki sharirik aour manshik kshamata ke anusar hi unko sikhane ki kosis kre, sare bachcho par saman dhyan de, unke sath ko discriminate n kre
ReplyDeleteSatyendra Singh Maurya, P. S. Pritampur, barahani, chandauli
प्रत्येक मनुष्य में जन्मजात प्रतिभाओं की विविधता होती है उसी पर आधारित यह कहानी बहुत ही रोचक और शिक्षाप्रद है जब तक हम कक्षा में बच्चों की विभिन्न प्रतिभाओं को नहीं समझेंगे तब तक सीखने सिखाने के प्रतिफल मैं हमें आशातीत सफलता प्राप्त नहीं हो सकती .हमने बचपन मे एक कहानी सुनी थी- "कछुआ चला हंस की चाल और खुद की चाल भूल गया"
ReplyDeleteकक्षा में सभी विद्यार्थियों को उनकी योग्यता और रूचि के अनुसार पढ़ाया जाना चाहिए
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ReplyDeleteEveryone has their own capabilities. It is not necessary that everyone is perfect in all respect.
ReplyDeleteकक्षा में विशिष्ट प्रतिभा वाले बच्चों को कक्षा कक्ष में उनके विशेष गुण के अनुरूप पाठ योजना बनाकर शिक्षण कार्य किया जाना चाहिये।
ReplyDeleteकोविड-19 की महामारी के दौरान हम अपने छात्रों से ऑनलाइन जुड़े जैसे व्हाट्सएप के माध्यम से हम ने बच्चों से संपर्क साधा एवं बच्चों को ऑडियो वीडियो एवं गृह कार्य भेज कर बच्चों को कुछ हद तक इंवॉल्व रखा
Deleteकक्षा में विभिन्न योग्यताओं वाले बच्चों को पहचान कर उन्हें उसी संदर्भ में प्रोत्साहित करके आगे बढ़ाना एक अच्छे शिक्षक की पहचान है इस कहानी द्वारा भी हमें यही शिक्षा मिलती है कि हमें अपनी कक्षा के सभी तरीके की भिन्नताओं वाले बच्चों को समावेशी शिक्षा प्रदान करनी है
ReplyDeleteप्रत्येक बच्चा सीख सकता है परंतु उनके सीखने के तरीके अलग अलग हो सकते हैं।
ReplyDeleteइस कहानी से मुझे ज्ञात हुआ की कक्षा के छात्रों के सीखने के अलग-अलग तरीके मुझे खोजने होंगे और उनकी कमियों पर काम करते हुए उनके वास्तविक गुणों को उन्नत करना होगा।
अगर सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट छोड़कर पढ़ने पर जोर दिया जाता तो आज हम एक महान क्रिकेटर नहीं प्राप्त कर सकते थे।
Har bachcha alag hota hai, aour unme kuchh vishisht gun hote hai. Alag alag sikhane ki kshamtaye hoti hai, isi tarah unme sharirik kshamtaye bhi alag alag hoti hai, isliye as a teacher hamara duty hai ki hum unki sharirik aour manshik kshamata ke anusar hi unko sikhane ki kosis kre, sare bachcho par saman dhyan de, unke sath ko discriminate n kre
ReplyDeleteDilip कुमार UPS NONAR SAKALDIHA CHANDAULI UP
प्रत्येक बच्चा सीख सकता है परंतु उनके सीखने के तरीके अलग अलग हो सकते हैं।
ReplyDeleteइस कहानी से मुझे ज्ञात हुआ की कक्षा के छात्रों के सीखने के अलग-अलग तरीके मुझे खोजने होंगे और उनकी कमियों पर काम करते हुए उनके वास्तविक गुणों को उन्नत करना होगा।
अगर सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट छोड़कर पढ़ने पर जोर दिया जाता तो आज हम एक महान क्रिकेटर नहीं प्राप्त कर सकते थे।
कोविड-19 के दौरान छात्रों के साथ संपर्क में रहने के लिए हमने ई लर्निंग का ही प्रयोग किया है व्हा।ग्रुप के माध्यम से हम लगातार बच्चों को कोविड-19 के विषय में जागरूक करते रहे हैं और अपने पाठ्यक्रम को भी आगे बढ़ाते रहे हैं।
ReplyDeleteEvery child is born with one or more unique qualities, the purpose of teaching should be to enhance the skills not to underestimate the child by comparing and forcing to develop contrary skills.
ReplyDeleteEducation should be like this that the qualities of a person is enhanced not suppressed.
कक्षा में अलग-अलग पारिवारिक व आर्थिक पृष्ठभूमि के छात्र होने के बाद भी सभी छात्रों को समावेशित करके इस प्रकार शिक्षित करना चाहिए कि प्रत्येक छात्र में निहित गुणों का सर्वांगीण विकास हो सके।
ReplyDeleteWe should teach students accordingly. Like some students are smart enough in sports, so we should encourage them to focus more in sports apart from studies. Some students have great IQ level, so we should encourage them to solve more problems in maths, GK, Science etc. We should try to direct students towards thier goal by recognizing their talent.
ReplyDeleteप्रत्येक बच्चे में कोई न कोई प्रतिभा छिपी होती है,जरूरत है उसे पहचानने और निखारने की।शिक्षक एक माली की तरह होता है जिसे अपने बगिया में लगे विभिन्न पौधे जिसमे कैक्टस भी है और गुलाब भी की विभिन्न जरूरतों को ध्यान में रख कर सींचना या खाद डालना होता है।सबको अगर एक समान खाद पानी देंगे तो समुचित विकास नही हो पायेगा।
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ReplyDeleteहमे कक्षा में विभिन्न योग्यताओं वाले बच्चों को उनकी क्षमताओं के अनुरूप ही पढ़ाना चाहिए।
ReplyDeleteइस कहानी में यह संदेश भी है कि प्रत्येक बच्चे को उसकी रुचि के हिसाब से प्रशिक्षण देना चाहिए।इससे उनमे छिपी प्रतिभा को निखार कर उनका सर्वांगीण विकास बेहतरीन तरीके से किया जा सकता है।
ReplyDeleteप्रत्येक मनुष्य में जन्मजात प्रतिभाओं की विविधता होती है उसी पर आधारित यह कहानी बहुत ही रोचक और शिक्षाप्रद है जब तक हम कक्षा में बच्चों की विभिन्न प्रतिभाओं को नहीं समझेंगे तब तक सीखने सिखाने के प्रतिफल मैं हमें आशातीत सफलता प्राप्त नहीं हो सकती .
ReplyDeleteप्रत्येक मनुष्य में जन्मजात प्रतिभाओं की विविधता होती है उसी पर आधारित यह कहानी बहुत ही रोचक और शिक्षाप्रद है जब तक हम कक्षा में बच्चों की विभिन्न प्रतिभाओं को नहीं समझेंगे तब तक सीखने सिखाने के प्रतिफल मैं हमें आशातीत सफलता प्राप्त नहीं हो सकती .
हमे कक्षा में विभिन्न योग्यताओं वाले बच्चों को उनकी क्षमताओं के अनुरूप ही पढ़ाना चाहिए।
ReplyDeleteइस कहानी में यह संदेश भी है कि प्रत्येक बच्चे को उसकी रुचि के हिसाब से प्रशिक्षण देना चाहिए।इससे उनमे छिपी प्रतिभा को निखार कर उनका सर्वांगीण विकास बेहतरीन तरीके से किया जा सकता है।
बच्चे कच्चे घड़े के समान होते है ,हम शिक्षक की जिम्मेदारी है उनकी प्रतिभा को समझ कर उन्हें सिखाया जाय ताकि वो टूटे नही ।
ReplyDeleteकक्षा में सभी बच्चे किसी ना किसी प्रकार से प्रतिभावान होते हैं हमें उनकी प्रतिभा को पहचानना होता हैजब तक हम कक्षा में बच्चों की विभिन्न प्रतिभाओं को नहीं समझेंगे तब तक सीखने सिखाने के प्रतिफल मैं हमें आशातीत सफलता प्राप्त नहीं हो सकती
ReplyDeleteThis story is too gud to explain us how we always pressurise our students to learn everything 100%wheather we ourselves can not learn everything perfectly
ReplyDeleteप्रत्येक बच्चा सीख सकता है परंतु उनके सीखने के तरीके अलग अलग हो सकते हैं।कक्षा में विशिष्ट प्रतिभा वाले बच्चों को कक्षा कक्ष में उनके विशेष गुण के अनुरूप पाठ योजना बनाकर शिक्षण कार्य किया जाना चाहिये।
ReplyDeleteकहानी यह समझाने का प्रयास करती है कि हर बच्चा अपने अंदर एक हुनर को छुपाये है एक शिक्षक होने के नाते हमारा दायित्व है कि विद्यालय का वातावरण व शिक्षण व्यवस्था इस प्रकार से हो कि बच्चे के इस हुनर को तराशकर बाहर लाया जा सके।
ReplyDeleteकक्षा में शामिल विभिन्न प्रकार के बच्चों के बीच उनके अनुसार क्रिया आधारित गतिविधियों द्वारा शिक्षण।
ReplyDeleteWe all know that there is always some discrimination in our childerns.every students have some special strenth in special field.we should focus every students and we should try to find out the special strenth of the student
ReplyDeleteप्रत्येक बच्चा सीख सकता है परंतु उनके सीखने के तरीके अलग अलग हो सकते हैं।कक्षा में विशिष्ट प्रतिभा वाले बच्चों को कक्षा कक्ष में उनके विशेष गुण के अनुरूप पाठ योजना बनाकर शिक्षण कार्य किया जाना चाहिये।
ReplyDeleteसभी बच्चे अपने में कोई खास गुण लिए होते हैं जरुरी नहीं हम जो पढा़ रहे है वो उसे भी शत प्रतिशत पूर्ण कर पाए| इसलिए बच्चों को अपनी कार्यक्षमता अनुसार अथवा वो जिस क्षेत्र में अच्छा कर रहे हैं उसी में उसे आगे बढाने हेतु प्रोत्साहन दिया जाए ताकि वह उसी क्षेत्र में अपना नाम ऊँचा कर पाएँ|
ReplyDeleteSabhi bachche saman nahi hote isliye unaki kshamta ke anusar unhe samajhaya jaye.
ReplyDeleteShiksha ka adhikar sanko h isiliyea sabka vikas ek sath to hona chahiyea pr ek jaisa nhi ho skta isiliyea hr bachche ki yogyta janne ke bad hi shi treeke se sikhaya ja skta h
ReplyDeleteप्रत्येक बच्चा सीख सकता है परंतु उनके सीखने के तरीके अलग अलग हो सकते हैं।
ReplyDeleteइस कहानी से मुझे ज्ञात हुआ की कक्षा के छात्रों के सीखने के अलग-अलग तरीके मुझे खोजने होंगे और उनकी कमियों पर काम करते हुए उनके वास्तविक गुणों को उन्नत करना होगा।
सभी बच्चों को एक जैसा नहीं पढ़ाया या सिखाया जा सकता है क्योंकि की हर बच्चे की अपना कोई विशेष गुण होता है वह उसी के अनुसार सीखता है
ReplyDeleteबच्चों को ध्यान में रखकर विभिन्न प्रकार के गतिविधि के साथ वर्ग संचालन
ReplyDeleteDiffrent students have diffrent capacity and attitude.they have own choice and their intrest. Acco. To their intrest , they are motivated in that field.. they are not forced in other areas
ReplyDeleteहर बच्चा सीख सकता है लेकिन उनके सीखने के तरीके अलग अलग हो सकते हैं क्यूँकि हर बच्चा एक दूसरे से भिन्न होता है और उनके सीखने की क्षमता भी अलग अलग होती है
ReplyDeleteनिष्ठा से हम बच्चों को और आगे ले जायेंगे
ReplyDelete
ReplyDeleteइस कहानी के अनुसार हर बच्चे को उसकी रुचि के अनुसार बढ़ने के अवसर देना चाहिए और उसके इसी हुनर को निखारने में सहायता करनी चाहिए। हर बच्चे को मनपसंद करियर चुनने की आज़ादी होनी चाहिए और उसपर पर कोई दबाव नहीं डाला जाना चाहिए।
Sabhi bachoo me new new creative ideas hote haiii
ReplyDeleteद एनिमल स्कूल कहानी हमें बताती है कि जिस प्रकार जानवरों में अपनी अपनी खास प्रतिभा होने के बावजूद जब उन्हें अलग एक्टिविटी में डाला गया तो उन्होंने अपनी पहचान भी खो दी ठीक उसी प्रकार हमारे स्कूल के छात्र छात्राओं के साथ अनजाने में ऐसा ही हो जाता है हर छात्र छात्रा में कुछ खास प्रतिभा होती है हम उसे ना निकाल कर उन लोगों को हर विषय में अब्बल बनाने के चक्कर में लग जाते हैं ऐसा करने पर उस बच्चे की अपनी प्रतिभा भी लुप्त हो जाती है हमें यह सदैव याद रखना चाहिए हर बच्चा खास है हर बच्चे में कुछ विशेष है
ReplyDeleteEach child can learn but their learning methods may be different. Children with special talents in the classroom should be taught in the classroom by making lesson plans according to their special qualities.
ReplyDeleteकक्षा में अलग-अलग परिवेश, अलग-अलग पारिवारिक व आर्थिक पृष्ठभूमि के छात्र होने के बाद भी सभी छात्रों को समावेश करके ऐसी शिक्षा देनी है कि प्रत्येक छात्र का सर्वांगीण विकास हो सके
ReplyDeleteइस कहानी से में बच्चों की रुचि पर अधिक ध्यान दिया गया है
ReplyDeleteहमें बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार ध्यान देना चाहिए उनको किस क्षेत्र में क्या करना पसंद होता है इन सभी बातों को ध्यान में रखना चाहिए। जिससे हम छात्रों के उद्देश को अच्छी तरह पूरा करने में सहयोग कर सकें। सभी बच्चों की जिज्ञासा और रुचि अलग-अलग होती है तथा उनकी योग्यता और क्षमता भी भिन्न-भिन्न होता है। अगर हम जान पाए की छात्रों के किन क्षेत्रों में रुचि अधिक है तो उनके उद्देश्य की पूर्ति अच्छी तरह से कर सकते हैं।
ReplyDeleteहमें कक्षा में विभिन्न योग्यताओं वाले बच्चों को उनकी क्षमताओं के अनुरूप ही पढ़ाना चाहिए
ReplyDeleteकहानी से स्पष्ट है कि प्रत्येक बच्चे की अपनी अलग विशेषता होती है
ReplyDeleteबच्चो की अपनी सीखने की क्षमता v रुचि को ध्यान में रख कर हम उन्हें शिखा सकते हैं ।
ReplyDeleteVery nice story
ReplyDeleteबच्चों की अपनी सीखने की क्षमता व रुचि को ध्यान में रखकर उन्हें सीखना चाहिए।
ReplyDeleteइस कहनी मे बच्चों की रूचि व जिज्ञासा पर अधिक ध्यान दिया गया है
ReplyDeleteहमें बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार ध्यान देना चाहिए उनको किस क्षेत्र में क्या करना पसंद होता है इन सभी बातों को ध्यान में रखना चाहिए। जिससे हम छात्रों के उद्देश को अच्छी तरह पूरा करने में सहयोग कर सकें। सभी बच्चों की जिज्ञासा और रुचि अलग-अलग होती है तथा उनकी योग्यता और क्षमता भी भिन्न-भिन्न होता है। अगर हम जान पाए की छात्रों के किन क्षेत्रों में रुचि अधिक है तो उनके उद्देश्य की पूर्ति अच्छी तरह से कर सकते हैं।
ReplyDeleteEach child can learn but their learning methods may be different. Children with special talents in the classroom should be taught in the classroom by making lesson plans according to their special qualities.
ReplyDeleteSabhi bacchon ki ability alag alag hoti hai hame unki ability ke hisab se unko encourage karna chahiye aur unki ability aur qualities ko nikharna chahiye.
ReplyDeleteहमें बच्चों को उनकी अधिगम अक्षमता के आधार पर ही पढ़ाना चाहिए ताकि बच्चे उस कंटेंट को आसानी से ग्रहण कर सकें कर सकें कंटेंट को बोझिल ना समझें
ReplyDeleteविद्यालय के सभी बच्चे प्रतिभावान हैं, कोई भी कमतर नहीं है | प्रत्येक छात्र में विशेष गुण होते
ReplyDeleteहैं |
हर बच्चा विभिन्न परिवेश से संबंध रखता है उसकी बुध्दि सोचने का स्तर स्वभाव परिस्थितियाँ और क्षमताओं मे फर्क होता है अतः शिक्षण कार्य करते समय हमें इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए ।
ReplyDeleteYe jaruri nahi hai ki har student ek fast learner ho esliye hame har student ke knowledge ko jana na jaruri hai taaki unko wahi se sikha jaye jaha se unko ke liye jaruri ho.
ReplyDeleteप्राथमिक शिक्षा व्यैक्तिक विभिन्नताओं पर आधारित होनी चाहिए,परंपरागत रूप से प्रचलित रही शिक्षण योजनाएं आज अप्रासांगिक प्रतीत होती हैं।
ReplyDeleteएक कक्षा में एक ही पाठ के लिए कई शिक्षण योजनाओं की आवश्यकता होती है और आज का प्रशिक्षण 'पाठचर्या और समावेशी कक्षा' इस विषय पर एक अच्छी समीक्षा करने में सफल रहा है।
वर्तमान परिदृश्य में बच्चों से संवाद करने और शिक्षण सामग्री प्रेषित करने के लिए
सोशल मीडिया,ई पाठशाला,आकाशवाणी व दूरदर्शन के कार्यक्रम सार्थक सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
विद्यालय के सभी बच्चे प्रतिभावान हैं, कोई भी कमतर नहीं है | प्रत्येक छात्र में विशेष गुण होते
ReplyDeleteहैं |
(Princy Yadav. )
ReplyDeleteEvery child has their own ability and quality, we should teach them like this, that they don't loose their capability. They learn from us but not loose their strength.
हर बच्चे मे सीखने के तरीके या समय कम ज्यादा हो सकता है। तो हमे उन्हे उनके सीखने के तरीके से पढ़ाना चाहिए
ReplyDeleteप्रत्येक बच्चा सीख सकता है परंतु उनके सीखने के तरीके अलग अलग हो सकते हैं।कक्षा में विशिष्ट प्रतिभा वाले बच्चों को कक्षा कक्ष में उनके विशेष गुण के अनुरूप पाठ योजना बनाकर शिक्षण कार्य किया जाना चाहिये।
ReplyDeleteबच्चों को उनकी रूचि तथा उनके सामाजिक परिवेश को देखते हुए शिक्षण कार्य कराना प्रभावी रहेगा
ReplyDeleteसभी बच्चों के परिवेश के अनुसार शिक्षा देने चाहिएl
ReplyDeleteबच्चों को उनकी रूचि तथा उनके सामाजिक परिवेश को देखते हुए शिक्षण कार्य कराना प्रभावी रहेगा
सभी बच्चों को उनके स्तर की शिक्षा देनी चाहिए
ReplyDeleteभिन्न भिन्न बुद्धि के बच्चे भिन्न भिन्न समाज से आते हैं। उनको हमे एक साथ पढ़ाना होता है तोह हमे इस बात का ध्यान रखना है कि सभी को पाठ्यक्रम समझ मैं आये।
ReplyDeleteEvery Student has a unique ability to learn something. we have to find out that unique ability and guide him or her to sharpen that ability,so that he or she can achieve the prescribed goal of learning.
ReplyDeleteप्रत्येक बच्चा विशिष्ट है अलग है इसलिए उनको पढ़ाने के तरीके भी अलग होने चाहिए
ReplyDeleteइस कहानी के अनुसार एक कक्षा में तरह तरह के बच्चे होते हैं और हम शिक्षकों को सभी बच्चों को ध्यान में रखकर ही शिक्षा देनी चाहिए। जिससे सबका सर्वांगीण विकास हो सके। जो बच्चा जिस क्षेत्र में अच्छा हो उसे उसी क्षेत्र में आगे ले जाना चाहिए ।
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ReplyDeleteकक्षा में अलग- अलग परिवेश एवं अलग अलग पारिवारिक पृष्ठभूमि के बच्चे होते हैं। उनकी सीखने की क्षमताएं भी अलग - अलग होती हैं। इस कहानी के माध्यम से हमें सभी बच्चों का समावेश करके उनमें छिपी हुई प्रतिभाओ को पहचान कर ऐसी शिक्षा देनी है जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो सके
ReplyDeleteIss Khani se hame badi sikh milti hai ki kisi ko apne ansuar kam nahi dena chahiye kyonki janam se koyi guun leke pada hota hai aur wha uss guun me hum se bhi jadya sarsreth hota hai sab ko ek anusar siksha pradan karni chahiye aur jis ka jis chij me Ruchi hai uss prakar usse samarthan dena chahiye
ReplyDeleteकक्षा में अलग- अलग परिवेश एवं अलग अलग पारिवारिक पृष्ठभूमि के बच्चे होते हैं। उनकी सीखने की क्षमताएं भी अलग - अलग होती हैं। इस कहानी के माध्यम से हमें सभी बच्चों का समावेश करके उनमें छिपी हुई प्रतिभाओ को पहचान कर ऐसी शिक्षा देनी है जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो सके
ReplyDeleteWe should use inventing methods by using more graphics / pictures by preparing charts, using objects and daily life examples in our teaching methodologies. Digitalization is the way to go by equipping children with Smart Gazettes which shall help them to evolve with changing technology and awareness of the same alongside teaching them the importance of Social distancing, Hand Hygiene, Mask Wearing so that when they go back home they impart the knowledge to their neighbors and Parents.
ReplyDeleteGurpreet
PS Janki Nagar Block Jhanjhri, Gonda
विविधता मानवीय स्वभाव का अहम हिस्सा है जिसे हम विस्मृत नहीं कर सकते हमारे कार्य क्षेत्र विद्यार्थी इस विचार से बिल्कुल भी अलग नहीं है हमारा उद्देश्य व्यक्तिगत व्यवस्थाओं को सम्मानित करते हुए समस्त छात्रों के सर्वांगीण विकास पर कार्य करना है जिसके लिए हम हैं उनके अंदर प्रतीत होने वाली विशेषताओं को बाहर निकालने का कार्य करना होता है जिससे विद्यार्थी की आत्मिक शक्ति बाहर आ सके और वह अपने विकास के पथ पर उसके साथ अपना विकास करते हुए सृष्टि के विकास में अपना योगदान दे सके
ReplyDeleteEvery student has a unique way to learn something. We have to appreciate that and modify our method of teaching so that student can learn easily.
ReplyDeleteबौद्धिक मानसिक स्तर में भिन्नता होने पर भी उनको उनके स्तरानुसार शिक्षा देना व सभी का सर्वांगीण विकास करना
ReplyDeleteClass me bivin tarah k bachhe hote h.unki seekhne ki chamta abam buddi v har tarah ki hoti h.kahani k madhyam se savi bachhon ko samawesh karke unme chipi huee partivaon ko pahchaan kar sikcha deni h.jisme unka purn rupen vikas ho sake.
ReplyDeleteविद्यालय में विभिन्न गुणों एवं आवश्यकता वाले बच्चों को उनकी क्षमता और समझ के आधार पर शिक्षा प्रदान करना चाहिए जिससे उनकी बौद्धिक विकास और अच्छा बढ़ सके
ReplyDeleteVidyalye ke sabhi baccho mai alag alag khubiya hoti hai.baccho ko unki yogyta ke anusaar hi padhana chahiye
ReplyDeleteअलग अलग स्तर के बालको को उनकी क्षमता अनुसार शिक्षण करना
ReplyDeleteHame students ko unki ruchi ke anusar padhana chahiye.
ReplyDeleteबच्चों की खूबियों को तलाश कर उनको निकालना चाहिए ना कि उनकी कमियों पर उन्हें कोसना चाहिए
ReplyDeleteEvery student come from different parts of our society and have unique ability to learn. We should use inventing method such as chartpaper picture. So that they get all-round development.
ReplyDeleteहर एक बच्चे में भिन्न भिन्न विशेषता होती है सभी बच्चो को साथ लेकर चलना
ReplyDeleteजानवरों का विद्यालय कथा विद्यालय के वास्तविक स्वरूप को प्रदर्शित करता है। विद्यालय में बच्चे अपने अलग अलग गुणों के साथ कदम रखते हैं। एक शिक्षक होने के नाते उनके उन गुणों का दृढ़ता के साथ मूल्यांकन कर उसमे और निखार लाने का प्रयास करना चाहिए।
ReplyDeleteशिक्षक को अपनी योग्यता अनुसार बच्चों का आकलन नहीं करना चाहिए बल्कि बच्चे की रूचि उसकी क्षमता सीखने की गति इन सब का ध्यान रखते हुए उसको शिक्षा की ओर अग्रसर करना चाहिए । शिक्षक का व्यवहार अपने छात्रों के प्रति हमेशा प्रेम पूर्ण और सहयोगात्मक होना चाहिए
ReplyDeleteएक शिक्षक को चाहिए कि बच्चों को उनकी क्षमता के अनुसार उनको समावेशी शिक्षा देनी चाहिए।
ReplyDeleteबचचो को समान दृष्टिकोण से देखना चाहिए।
ReplyDeleteकोविड-19 के दौरान छात्रों के साथ संपर्क में रहने के लिए हमने ई लर्निंग का ही प्रयोग किया है व्हा।ग्रुप के माध्यम से हम लगातार बच्चों को कोविड-19 के विषय में जागरूक करते रहे हैं और अपने पाठ्यक्रम को भी आगे बढ़ाते रहे हैं।
ReplyDeleteis kahani se hamen kya Shiksha milati hai ki sabhi Vidyarthi pratibhavan hai koi kisi se Kam nahin hai.a
ReplyDeleteप्रत्येक मनुष्य में जन्मजात प्रतिभाओं की विविधता होती है उसी पर आधारित यह कहानी बहुत ही रोचक और शिक्षाप्रद है जब तक हम कक्षा में बच्चों की विभिन्न प्रतिभाओं को नहीं समझेंगे तब तक सीखने सिखाने के प्रतिफल मैं हमें आशातीत सफलता प्राप्त नहीं हो सकती .ह
ReplyDeleteअगर हम अपने विद्यालयी परिदृश्य को देखें तो हम भी एनिमल स्कूल ही चला रहे होते हैं (अधिकतर मामलों में) बच्चों के स्वानुभव को दरकिनार करते हुए हम अपने नियम और स्वभाव के अनुसार सारी जानकारी ठूस देने की कोशिश में लगे रहते हैं। हम चाहते हैं कि हमारा बच्चा पाठ्यक्रम के सभी विषयवस्तुओं को हमारे निर्देशानुसार अपने अंदर समाहित कर ले और ऐसा करने के चक्कर मे बच्चे अपने प्राकृतिक गुणों को भी भूल जाते हैं जो इस कहानी का मूल है।
प्रत्येक बच्चा वैयक्तिक भिन्नताओं के कारण उसी तरह विभाजित है जैसे बतख, गिलहरी, और खरगोश। प्रत्येक बच्चे को उसकी वैयक्तिक भिन्नताओं का ध्यान रखते हुए ही शिक्षण अधिगम प्रक्रिया क्रियान्वित की जानी चाहिए।
ReplyDeleteइस कहानी के अनुसार एक कक्षा में तरह तरह के बच्चे होते हैं और हम शिक्षकों को सभी बच्चों को ध्यान में रखकर ही शिक्षा देनी चाहिए। जिससे सबका सर्वांगीण विकास हो सके। जो बच्चा जिस क्षेत्र में अच्छा हो उसे उसी क्षेत्र में आगे ले जाना चाहिए ।
ReplyDeleteSWATI PRADAD
ReplyDeleteइस कहानी के अनुसार एक कक्षा में तरह तरह के बच्चे होते हैं और हम शिक्षकों को सभी बच्चों को ध्यान में रखकर ही शिक्षा देनी चाहिए। जिससे सबका सर्वांगीण विकास हो सके। जो बच्चा जिस क्षेत्र में अच्छा हो उसे उसी क्षेत्र में आगे ले जाना चाहिए ।
Every child has its own ability.we must teach them new .....but not in that way they forget their old skills.
ReplyDeleteEvery child has own ability.we must teach them new competencies.but not in that way they forget their old skills
ReplyDeleteBachho ko unki samajh ruchi or mantal level k hisab se padhana chahiye .
ReplyDeleteEk hi teachings method se sbhi bacho ko achhe se nhi nhi padhaya ja skta.
Yasmeen Fatima
Ps Dularmau Malihabad
इस कहानी के अनुसार एक कक्षा में तरह तरह के बच्चे होते हैं और हम शिक्षकों को सभी बच्चों को ध्यान में रखकर ही शिक्षा देनी चाहिए।प्रत्येक बच्चा वैयक्तिक भिन्नताओं के कारण उसी तरह विभाजित है जैसे बतख, गिलहरी, और खरगोश। प्रत्येक बच्चे को उसकी वैयक्तिक भिन्नताओं का ध्यान रखते हुए ही शिक्षण अधिगम प्रक्रिया क्रियान्वित की जानी चाहिए।
ReplyDeleteद एनिमल स्कूल कहानी हमें बताती है कि जिस प्रकार जानवरों में अपनी अपनी खास प्रतिभा होने के बावजूद जब उन्हें अलग एक्टिविटी में डाला गया तो उन्होंने अपनी पहचान भी खो दी ठीक उसी प्रकार हमारे स्कूल के छात्र छात्राओं के साथ अनजाने में ऐसा ही हो जाता है हर छात्र छात्रा में कुछ खास प्रतिभा होती है हम उसे ना निकाल कर उन लोगों को हर विषय में अब्बल बनाने के चक्कर में लग जाते हैं ऐसा करने पर उस बच्चे की अपनी प्रतिभा भी लुप्त हो जाती है हमें यह सदैव याद रखना चाहिए हर बच्चा खास है हर बच्चे में कुछ विशेष है
ReplyDeleteHar bachhe ki apni alag quality hoti hai,,use badhane ki koshish karni chahiye
ReplyDeleteSab batches me alag alag pratibha hoti h. Ek sichhak k taur pe Hume unhealthy using chhetra me Badhawa Dena Chahiye Jaisme unki ruchi ho
ReplyDeleteHar bache me apni ek vishesh yogyata hoti h. Unki yogyata ko ubharane ka moka dena chahiye
ReplyDeleteइस कहानी के अनुसार बच्चे जिस ओर दिलचस्पी दिखाता हो उसे उसी के अनुसार आगे बढ़ने के अवसर देना चाहिए | हर बच्चे को अपना कैरियर चुनने की आजादी है | उस पर कोई दबाव नहीं | बच्चों में अलग-अलग गुण और विशेषता होती है | प्रत्येक छात्र में विशेष गुण होते हैं
ReplyDeleteEvery student has his own quality. A proficient teacher should acknowledge his quality and teach that student accordingly.
ReplyDeleteEvery student has his own quality. A proficient teacher should acknowledge his quality and teach that student accordingly.
ReplyDeleteइस कहानी के अनुसार प्रत्येक बच्चे की अपनी रूचि होती है और उसे अपनी रूचि के अनुसार ही उसके विषय विशेष पर ध्यान देना चाहिए जिससे बच्चे का समग्र विकास हो सकता है और कमियों की संभावना कम होंगी
ReplyDeleteसभी बच्चो को उनकी क्षमताओं के आधार पर ही आगे बढ़ाना चाहिए।
ReplyDeleteद एनिमल स्कूल कहानी से हमें यही सिख मिली है कि स्कूल में अनेक तरह के बच्चें आते हैं कोई किसी विषय तेज रहता है कोई कुछ में तेज रहता है पर सभी को सभी विषय की जानकारी देनी चाहिए ताकि आगे जाकर वह सभी चीजो की जानकारी प्राप्त कर सके
ReplyDeleteप्रत्येक बच्चे में कोई न कोई प्रतिभा छुपी हुई होती है...उसी के अनुसार हमें उसे निखारना चाहिए
ReplyDeleteकक्षा में हर छात्र में एक विशेष गुण होता है हमें उसके उस गुण को बाहर लाना चाहिए नकि दुसरो से तुलना करके उसमे हीनभावना भरनी चाहिए
ReplyDeleteप्रत्यके छात्र की अपनी एक विशेषता होती है,जिसे ध्यान में रखते हुए शिक्षण कार्य करना है
ReplyDeleteकक्षा में अलग-अलग परिवेश, अलग-अलग पारिवारिक व आर्थिक पृष्ठभूमि के छात्र होने के बाद भी सभी छात्रों को समावेश करके ऐसी शिक्षा देनी है कि प्रत्येक छात्र का सर्वांगीण विकास हो सके
ReplyDeleteShikshak ko chahie Kyon Hai natak bacche ki Parivar ko pahchan kar Usi ke nannoo Shikshan Karya karvayen
ReplyDeleteEvery child have special ability we just have to polish their talrnt.
ReplyDeleteविद्यालय में विभिन्न प्रकार के छात्र होते हैं हमें सवों की आवश्यकता और क्षमता को ध्यान में रखकर शिक्षा को सरल रूप देना चाहिए ताकि बच्चे आसानी से सीख सकेंहमें सभी बच्चों के सभी विषयों की जानकारी देनी चाहिए लेकिन पाठ्यक्रम को लचीला बनाकर न कि बोझिल बनाकर
ReplyDeleteबच्चों को उनकी आंतरिक क्षमताओं और योग्यताओं के अनुसार हमें अपनी शिक्षण विधियों में परिवर्तन लाना होगा I प्रत्येक बच्चे की रुचि और क्षमता अलग होती है अत:हम हर बच्चे को हर विषय में अव्वल बनाने या उनमें तुलना करने की कोशिश नहीं करे I तभी हम शैक्षिक लक्ष्य को प्राप्त कर पाएंगे I
ReplyDeleteBHARTI DUBEY
Deleteबच्चों को उनकी आंतरिक क्षमताओं और योग्यताओं के अनुसार हमें अपनी शिक्षण विधियों में परिवर्तन लाना होगा I प्रत्येक बच्चे की रुचि और क्षमता अलग होती है अत:हम हर बच्चे को हर विषय में अव्वल बनाने या उनमें तुलना करने की कोशिश नहीं करे I तभी हम शैक्षिक लक्ष्य को प्राप्त कर पाएंगे I
बच्चों का सर्वागिंग विकास हमारा लक्छ्य hai. इसलिए हमारी प्लानिंग ऐसी होनी चाहिए की रूचि के अनुसार उसे आगेबढ़ने का अवसर प्रदान करना चाहिए. हर बच्चों मे कुछ न कुछ अलग होता है हमें उसे हमें उसे पहचान कर उस अनुरूप शिक्छा की ब्यवस्था करनी चाहिए.
ReplyDeleteहर बच्चा जन्म से कुछ विशेष गुण लेकर प्रथ्वी पर आता है शिक्षक को कक्षा में उस हर बच्चे के गुण को परख कर निखारना चाहिए ।क्योंकि हर बच्चा डॉक्टर तो बन नहीं सकता कोई सिंगर बनना चाहता है,और musician बनना चाहता है कोई इंजिनियर तो कोई देश का रक्षक तब हमें उस बच्चे की प्रतिभा को खोज कर उस बच्चे को प्रोत्साहन देना चाहिए और ओर बच्चो कि तरह उसको भी शिक्षा देनी चाहिए किसी में भी भेदभाव नहीं करना चाहिए।सबको समान शिक्षा का अधिकार है जो उसका कानूनी हक है
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